महामानव, महानायक,
युगदृष्टा थे बाबा साहब - सुमिता सिद्ध
निकटवर्ती ग्राम बालवा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाई गई।
इस अवसर पर डॉ अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। विद्यार्थी पवन, सुमन, मूली, स्वरूपी, सिद्धू, वीरेंदर भैंसपालिया, बिट्टू जांगिड़, टीकूराम, राकेश, दिव्या कंवर ने अपने विचार रखे।
मुख्य वक्ता प्रिंसिपल सुमिता सिद्ध ने डॉ अंबेडकर के जीवन से संबंधित घटनाओं एवं आदर्शों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि उनके लिए देश हित सदा सबसे ऊपर रहा है। संविधान निर्माता, युग दृष्टा,महामानव थे बाबा साहब। सामान्य व्यक्तित्व को घिसकर चमक कर ऊंची जगह रखा और देखा है तो जा सकता है पर बड़ा नहीं बनाया जा सकता, यह बड़प्पन अमूल्य है। जीवन घिस जाता है।व्यक्तिगत हित के मौके छोड़ने पड़ते हैं, आकांक्षाओं को गलाना पड़ता है। बुद्धि के शिखर से समाज की स्थिति और समस्याओं का सिंहावलोकन करते हुए भविष्य पथ को भांपना होता है। बाबा साहब का व्यक्तित्व भी ऐसा ही है। बाबा साहब का व्यक्तित्व विविध आयामी है। व्यक्तित्व की यह विराटता पद, पीढ़ी और पैसे से नहीं मिली। उन्होंने वंचना के थप्पड़ों और विपरीतता के अंधड़ों से लड़कर इसे हासिल किया है, इसलिए बाबा साहब बड़े हैं।बाबा साहब ने श्रमिक,गरीब,पिछड़े के साथ-साथ मजदूर व महिलाओं को भी उनके अधिकार दिलाए। बाबा साहब एक आदर्श विद्यार्थी प्रखर वक्ता, अर्थशास्त्री, विदेश नीति के जानकार, विपत्ति में धैर्य रखने वाले, सबको साथ लेकर चलने वाले विराट व्यक्तित्व का नाम है। पूज्य बाबा साहब के जीवन से हम शिक्षा लेकर के धन्य करें। इस अवसर पर व्याख्याता हुलास चंद, परमेश्वरम राम, जया चौधरी और अभिभावक प्रतिनिधि घेवरचंद सलेऊ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता नटवर राज ने किया।