*बाल विवाह रोकथाम पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ली वर्चुअल समीक्षा बैठक*
नागौर,7 अप्रेल/राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए सोमवार को वर्चुअल समीक्षा बैठक ली।
अतिरिक्त जिला कलक्टर चम्पालाल जीनगर ने बताया कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ,कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों (वृताधिकारियों, थानाधिकारियों, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, ऑगनवाडी कार्यकर्ताओं, महिला सुरक्षा सखी, शिक्षकों, नगर निकाय के कर्मचारियों, जिला परिषद् एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंच तथा वार्ड पंचों) के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जानकारी कराते हुए जन-जागृति उत्पन कर बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही की जा रही है, साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश जारी किये हैं। बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अधिनियम की धारा 13 के अन्तर्गत वर्णित प्रकरणों के अनुसार बाल विवाह की शिकायत प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी द्वारा क्षेत्र के प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराकर निषेधाज्ञा जारी किए जाने का प्रावधान है। बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु पुलिस नियन्त्रण कक्ष के टोल फ्री 100 नम्बर तथा चाईल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 पर कॉल कर एवं अन्य माध्यमों से कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। अतिरिक्त जिला कलक्टर जीनगर ने बताया कि समस्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अपने विभाग के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करावें।
बैठक में बाल अधिकारिता विभाग में सहायक निदेशक राम दयाल ,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामलाल खराड़ी एवं अन्य ने भाग लिया।