*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिन - गुरुवार *
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष शुक्ल*
*⛅तिथि - सप्तमी 10:50:24
pm तक पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी 24:04:39 तक तत्पश्चात मृगशीर्षा*
*⛅योग - विश्कुम्भ शाम 08:28:08pm तक, तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 02:14 से शाम 03:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:55:20*
*⛅सूर्यास्त - 06:37:31*
*⛅ चन्द्र राशि- वृषभ*
*⛅सूर्य राशि - कुम्भ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:05 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:23 पी एम से 01:10 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:21 ए एम, मार्च 07 से 01:10 ए एम, मार्च 07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -
👉* सप्तमी तिथि अनुसार आहार-विहार क्या करे।*
*सप्तमी के दिन ताड का फल खाने से रोग बढ़ाते हैं और शरीर का नाश होता है।*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
शुभ 06:55 - 08:23 शुभ
रोग 08:23 - 09:51 अशुभ
उद्वेग 09:51 - 11:19 अशुभ
चर 11:19 - 12:46 शुभ
लाभ 12:46 - 14:14 शुभ
अमृत 14:14 - 15:42 शुभ
काल 15:42 - 17:10 अशुभ
शुभ 17:10 - 18:38 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅
अमृत 18:38 - 20:10 शुभ
चर 20:10 - 21:42 शुभ
रोग 21:42 - 23:14 अशुभ
काल 23:14 - 24:46* अशुभ
लाभ 24:46* - 26:18* शुभ
उद्वेग 26:18* - 27:50* अशुभ
शुभ 27:50* - 29:22* शुभ
अमृत 29:22* - 30:54* शुभ
*सपने में कुलदेवता-कुलदेवी को देखना शुभ होता है या अशुभ
कुलदेवी और देवताओं का वर्णन किया गया है।*
*सपने में कुलदेवता-कुलदेवी को देखना शुभ या अशुभ दोनों सपने हो सकते है। अगर आपको अपने कुलदेवता या कुलदेवी से अच्छे संकेत मिलते है तब यह आपके के लिए शुभ सपना है। जैसे सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का आशीर्वाद मिलना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा, आरती करना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता मूर्ति देखना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का दर्शन होना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का मंदिर देखना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का फूल अर्पित करना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता के दुवार प्रसाद देना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता नारियल चढ़ाना। इत्यादि सपने शुभ सपने होते है। पर वही आप सपने में देखते है ,सपने में कुलदेवी या कुलदेवता को गुस्सा में /क्रोध में ,सपने में कुलदेवी या कुलदेवता मूर्ति खंडित होना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता मंदिर का खंडित होना। सपने में कुलदेवी या कुलदेवता की मूर्ति में आग लगाना इत्यादि सपने अशुभ होते है।
कुलदेवता या कुलदेवी ऐसे देवी-देवता होते है,जो हमारे पूर्वजो की परंपरा के अनुसार स्थापित किया गया था। पूर्वजो से हम उस देवी देवता की पूजा करते आते रहते है मान्यता को मानते आते रहते है, हम सब कुलदेवी या कुलदेवता को हमारे रक्षक ,समृद्धि ,खुशी,सौभाग्य, उन्नति, वंश की प्रगति के लिए पूजते रहते है। और कुलदेवी कुल देवता की कृपा से हमें सुख शांति की प्राप्ति होती रहती है। पर वही कुलदेवी और कुलदेवता को सपने में देखना सकरात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के सपने हो सकते है। इस सपनो का मतलब विस्तार से जानते है।*
*सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का आशीर्वाद मिलना- यह शुभ सपना माना जाता है। यह सपना किसी क्षत्रे में सफलता की निशानी है। आपका रुका हुआ कार्य पूरा हो जायेगा। आपकी कोई मनोकामना पूरी हो सकती है।*
*सपने में कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा, आरती करना- यह सपना शुभ माना जाता है। यह सपना आपकी प्रगति का सूचक है। आपके परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है ,कोई उत्सव हो सकता है। यह सपना समृद्धि और खुशी का संकेत देता है। शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है।*
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता की मूर्ति देखना - सकारात्मक सपना है। अगर आप अच्छे अवस्थ में मूर्ति देखते है ,तो आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। जल्द आपका अच्छा समय आने वाला है। भविष्य आपका उज्जवल होगा। सफलता का संकेत है।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता की खंडित मूर्ति देखते है / कुलदेवी या कुलदेवता की मूर्ति में आग लगाना देखते है - तो यह सपना आपके लिए अशुभ है ,किसी बीमारी का संकेत देता है, किसी क्षत्रे में हानि हो सकता है। जैसे परिवार में लड़ाई होना ,असफ़लता ,आर्थिक हानि ,व्यापार में हानि ,कार्य में अवरोध, परिवार में संतान को कष्ट, या संतान का न होना इत्यादि। उपाय -आपको अपनी परम्पर के अनुसार पूजा विधि करना चाहिए। कुलदेवी कुलदेवता का ताकि आपको उनका आशीर्वाद मिल सके और आपके के लिए लाभदायक हो सके।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का दर्शन होना- यह सपना अत्यंत शुभ सपना माना गया है। आपका कोई कार्य जल्द सिद्धा होने वाला है। यह सपना आपके आध्यात्मिक उन्नति का संकेत देता है। यह सपना समृद्धि और सौभाग्य का सूचक है।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का मंदिर देखना- अच्छे अवस्थ में मंदिर देखना शुभ सपना माना गया है। आप कीसी नये कार्य की शुरुआत का सकते है, आप के लिए शुभ समय है। समस्या का नाश होगा।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता को फूल अर्पित करना- यह शुभ फल प्रदान करने वाला सपना माना गया है। कुलदेवी कुलदेता की कृपा आपको मिलेगी। समृद्धि, खुशी, उन्नति का सूचक है।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता के दुवार प्रसाद देना/ सपने में कुलदेवी या कुलदेवता को नारियल चढ़ाना - दोनों सपने शुभ माने गए है। यह सफलता का सूचक माना जाता है। आपका जल्द मन सामान बढ़ेगा। यह सपना खुशी का संकेत प्रदान करता है। जीवन के समस्या का जल्द निदान होगा।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता को गुस्सा में /क्रोध में देखना - यह सपना अशुभ माना जाता है ,यह सपना आपके नकरात्मक विचारो को प्रदर्शित करता है। अशुभ सामचार मिल सकता है। परिवार में कोई अशुभ घटना का संकेत करता है।
सपने में कुलदेवी या कुलदेवता का मंदिर खंडित होना - अशुभ सपना माना गया है। असंतोष का भाव प्रदर्शित करता है। आपके कार्य क्षत्रे में कोई हानि हो सकता है। असफलता का संकेत। यह सपना अचानक समस्या का उत्पन्न होना इत्यादि का संकेत देता है।
आपके इष्ट देव कौन हैं
शास्त्रों की मान्यतानुसार अपने इष्ट देव की आराधना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आपके आराघ्य इष्ट देव कौन से होंगे इसे आप अपनी जन्म तारीख, जन्मदिन, बोलते नाम की राशि या अपनी जन्म कुंडली की लग्न राशि के अनुसार जान सकते हैं।
जन्म माह 👉 जिन्हें केवल जन्म का माह ज्ञात है, उनके लिए इष्ट देव इस प्रकार होंगे👇
👉 जिनका जन्म जनवरी या नवंबर माह में हुआ हो वे शिव या गणेश की पूजा करें।
👉 फरवरी में जन्मे शिव की उपासना करें।
👉 मार्च व दिसंबर में जन्मे व्यक्ति विष्णु की साधना करें।
👉 अप्रेल, सितंबर, अक्टूबर में जन्मे व्यक्ति गणेशजी की पूजा करें।
👉 मई व जून माह में जन्मे व्यक्ति मां भगवती की पूजा करें।
👉जुलाई माह में जन्मे व्यक्ति विष्णु व गणेश का घ्यान करें।
जन्म वार से 👉 जिनको वार का पता हो, परंतु समय का पता न हो, तो वार के अनुसार इष्ट देव इस प्रकार होंगे👇
रविवार 👉 विष्णु।
सोमवार 👉 शिवजी।
मंगलवार 👉 हनुमानजी
बुधवार 👉 गणेशजी।
गुरूवार 👉 शिवजी
शुक्रवार 👉 देवी।
शनिवार 👉 भैरवजी।
राशि के आधार पर 👉 पंचम स्थान में स्थित राशि के आधार पर आपके इष्ट देव इस प्रकार होंगे।
मेष: 👉 सूर्य या विष्णुजी की आराधना करें लक्ष्मी देवी।
वृष: 👉 गणेश जी महाकाली।
मिथुन: 👉 सरस्वती, तारा, लक्ष्मी।
कर्क: 👉 हनुमानजी पार्वती देवी।
सिंह: 👉 शिवजी पार्वती देवी।
कन्या: 👉 भैरव, हनुमानजी, काली।
तुला: 👉 भैरव, हनुमानजी, काली।
वृश्चिक: 👉 शिवजी हिंगलाज देवी।
धनु: 👉 हनुमानजी लक्ष्मी देवी।
मकर: 👉 सरस्वती, तारा, लक्ष्मी।
कुंभ: 👉 गणेशजी महाकाली।
मीन: 👉 दुर्गा, राधा, सीता या कोई देवी।
जन्म कुंडली से :👉 जिनको जन्म समय ज्ञात हो उनके लिए जन्म कुंडली के पंचम स्थान से पूर्व जन्म के संचित कर्म, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, धर्म व इष्ट का बोध होता है। अरूण संहिता के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर ग्रह या देवता भाव विशेष में स्थित होकर अपना शुभाशुभ फल देते हैं।
ग्रह के आधार पर इष्ट 👉 पंचम स्थान में स्थित ग्रहों या ग्रह की दृष्टि के आधार पर आपके इष्ट देव।
सूर्य: 👉 विष्णु तारा देवी।
चंद्रमा👉 राधा, पार्वती, शिव, दुर्गा।
मंगल👉 हनुमानजी, कार्तिकेय पार्वती देवी।
बुध👉 गणेश, विष्णु चिरमस्ता देवी।
गुरू👉 शिव महाकाली देवी।
शुक्र👉 लक्ष्मी, तारा,
सरस्वती हिंगलाज देवी।
शनि👉 भैरव, काली चामुंडा देवी।
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉 * शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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