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पंचांग - 10-03-2025

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक - 10 मार्च 2025*
*🎈दिन -  सोमवार*
*🎈विक्रम संवत् - 2081*
*🎈अयन - उत्तरायण*
*🎈ऋतु - बसन्त*
*🎉मास - फाल्गुन*
*🎈पक्ष शुक्ल*
*🎈तिथि    -    अमलकी एकादशी    07:44:05    
pm तक पश्चात. द्वादशी*
*🎈नक्षत्र - पुष्य    24:50:18 am  तक तत्पश्चात आश्लेषा*
*🎈योग - शोभन    13:55:19
तक, तत्पश्चात     अतिगंड*
*🎈करण- शोभन    13:55:19
तत्पश्चात बालव    *
*🎈राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 08:19 से शाम 09:47 तक*
*🎈सूर्योदय - 06:50:10*
*🎈सूर्यास्त - 06:39:06*
*🎈चन्द्र राशि-      कर्क*
*🎈सूर्य राशि -     कुम्भ*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:01 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:22 पी एम से 01:09 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:21 ए एम, मार्च 11 से 01:09 ए एम, मार्च 11 तक*

*🎈व्रत पर्व विवरण -
👉* एकादशी तिथि अनुसार आहार-विहार क्या करे।*
*एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और कुछ चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए।
 *शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं।*
*फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें।*
*सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता आदि का सेवन किया जा सकता है।*
 *🛟चोघडिया, दिन🛟*
अमृत    06:50 - 08:19    शुभ
काल    08:19 - 09:47    अशुभ
शुभ    09:47 - 11:16    शुभ
रोग    11:16 - 12:45    अशुभ
उद्वेग    12:45 - 14:13    अशुभ
चर    14:13 - 15:42    शुभ
लाभ    15:42 - 17:10    शुभ
अमृत    17:10 - 18:39    शुभ
  *🔵चोघडिया, रात🔵
चर    18:39 - 20:10    शुभ
रोग    20:10 - 21:42    अशुभ
काल    21:42 - 23:13    अशुभ
लाभ    23:13 - 24:44*    शुभ
उद्वेग    24:44* - 26:15*    अशुभ
शुभ    26:15* - 27:47*    शुभ
अमृत    27:47* - 29:18*    शुभ
चर    29:18* - 30:49*

kundli



♥️♥️
🔥🔥🔥होलाष्टक चल रहे है।🔥🔥🔥 *कल भौम प्रदोष के बारे में जानकारी होगी।*
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♥️*सभी ग्रहों के उपाय* ♥️
    (संशोधित एवं संकलित)*
        =============
जो ग्रह आपकी कुंडली के अनुसार  शुभ हैं यदि वह क्षीण है तो उन्हें प्रबल करें । किंतु जो ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ फलदायक है उन ग्रहों का दान एवं उपाय करना चाहिए।

 प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में विधि विधान से साधना अवश्य करना चाहिए । कुछ महत्वपूर्ण मंत्र है जिनका जाप  प्रत्येक व्यक्ति को बचपन से  करना चाहिए । जिसके माध्यम से आप कई सारे कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं ।

♥️सूर्य –
प्रबल – यदि किसी की कुंडली में सूर्य कारक है एवं फलादेश के हिसाब से लाभ पहुंचा रहे हैं और कमजोर हैं तो ऐसी स्थिति में माणिक्य सोने या तांबे में रविवार को धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास माणिक्य धारण करने की स्थिति नहीं है तब तक आप बेल का जड़ या लाल चंदन की माला धारण कर सकते हैं । लाल चंदन का तिलक लगा सकते हैं । लाल चंदन की माला से सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं । ( पूर्ण लाभ माणिक्य से ही होगा )
मंत्र – ।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।

यदि सूर्य जन्म कुंडली में अकारक होकर अशुभ फल देकर किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं तब सूर्य से संबंधित दान एवं उपाय रविवार को  करना चाहिए ।

♥️ सूर्य से संबंधित दान – गेहूं , तांबा , गुड़ , लाल चंदन , लाल वस्त्र किसी 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को रविवार को दान करना चाहिए ।

उपाय – प्रातः तांबे के लोटे में जल , कुंकुम, अक्षत एवं लाल पुष्प डालकर सूर्य को अर्पित करें । भूरे गाय को गेहूं एवं गुड़ अपने हाथों से खिलाए । बंदरों को गुड़ एवं चने खिलाए । पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लें एवं पिता की सेवा करें ।

♥️ चन्द्र –
प्रबल – यदि कुंडली में चंद्रमा पीड़ित या कमजोर है तो सोमवार को मोती चांदी में धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास मोती धारण करने की व्यवस्था नहीं है तब तक आप चंद्रमा का मंत्र जाप कर सकते हैं । सफेद चंदन का तिलक लगा सकते हैं । खिरनी का जड़ धारण कर सकते हैं ।
मंत्र – ।। ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ।।
पूर्णिमा की रात्रि को खीर बनाकर छत पर चंद्रमा की रोशनी में रखें ( चलनी से ढक देना चाहिए ताकि कोई कीड़ा उसमें ना पड़े ) दूसरे दिन प्रातः उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करें ।

चंद्रमा किसी भी ग्रह को शत्रु दृष्टि से नहीं देखता है । बहुत कम ही देखा गया है कि चंद्रमा प्रबल होकर किसी प्रकार की परेशानी करे । परंतु फिर भी यदि ऐसा होता है तो चंद्रमा से संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए । दान – सफेद वस्त्र , दूध , चावल , शंख , मोती , सफेद चंदन , मिस्त्री ( सोमवार को माता के समान स्त्री को )

♥️मंगल –
प्रबल – यदि मंगल कुंडली में कारक हो और लाभदायक हो किंतु कमजोर हो तो इसको प्रबल करने के लिए मूंगा सोने या तांबे में मंगलवार को  धारण करना चाहिए ।
जब तक मूंगा धारण करने की व्यवस्था ना हो तब तक मंगल का मंत्र जाप करें । तांबे की अंगूठी या कड़ा धारण करें । अनंतमूल का जड़ धारण करें ।              मंत्र – ॥  ॐ  क्रां  क्रीं  क्रौं  सः भौमाय नमः ॥  

यदि जन्म कुंडली में मंगल किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो मंगल से संबंधित दान एवं उपाय ( मंगलवार को ) करना चाहिए । ( किसी युवा सन्यासी या व्यक्ति को या हनुमान मंदिर में )

दान – गुड़ , मसूर की दाल , शहद , लाल वस्त्र , लाल चंदन , तांबा , सिंदूर ।

उपाय – हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें । गाय को रोटी में गुड रखकर खिलाए । हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं । भाई से अच्छा संबंध रखें । स्वास्थ्य ठीक हो तो रक्त दान करें । ( यदि कोई कन्या मांगलिक हो तो मंगला गौरी की आराधना करें तथा मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ करें । )

♥️ बुध –
प्रबल- यदि जन्म कुंडली में बुध शुभ कारक हो किंतु निर्बल हो तो पन्ना सोने की अंगूठी बुधवार को  धारण करना चाहिए ।
जब तक आपके पास पन्ना धारण करने की व्यवस्था ना हो तब तक विधारा की जड़ धारण कर सकते हैं या बुध का मंत्र जाप कर सकते हैं ।
मंत्र – ।। ॐ  ब्रां  ब्रीं  ब्रौं  सः  बुधाय  नमः ।।

यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो उससे संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए

दान – हरा वस्त्र , मूंग की दाल , फल , हरी सब्जी , हरे कांच की चूड़ी , किन्नर या किसी कन्या को ।

उपाय – मूंग की दाल मंगलवार की रात को जल में भीगा दें एवं बुधवार को दिन में पंछियों को खिलाएं । बुधवार को गाय को हरा चारा घास या हरी सब्जी खिलाएं ।
बहन या बुआ को वस्त्र एवं मिठाई दान कर सकते हैं ।

♥️ गुरु –
प्रबल – यदि जन्म कुंडली मे गुरु ग्रह कारक होकर लाभदायक हो एवं किंतु निर्बल  हो तो पुखराज सोने में गुरुवार को धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास पुखराज धारण करने की सामर्थ्य नहीं है तब तक आप केले की जड़ या हल्दी की गांठ धारण कर सकते हैं । हल्दी या केसर का तिलक लगाएं । हल्दी की माला से मंत्र जाप करें ।
मंत्र – ।। ॐ  ग्रां  ग्रीं  ग्रौं  सः  गुरुवे  नमः ।।

यदि कुंडली में गुरु अकारक ग्रह होकर अशुभ फल दे रहा हो तो इससे संबंधित दान किसी ब्राह्मण , पुरोहित या गुरु को करना चाहिए एवं उपाय करना चाहिए ।

दान – पीला वस्त्र , हल्दी , चने की दाल , धार्मिक पुस्तक , पीला फल

उपाय – बुधवार को रात को चने की दाल भिगोकर रखें गुरुवार को प्रातः रोटी में चने दाल हल्दी एवं नमक भर के गाय को खिलाएं । पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें । किसी सच्चे साधु , महात्मा या गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए ।

 ♥️शुक्र –
प्रबल – यदि शुक्र कुंडली में कारक ग्रह हो किंतु कमजोर हो तो हीरा या ओपल चांदी में शुक्रवार को धारण करना चाहिए । जब तक रत्न धारण करने की सामर्थ्य नहीं है तब तक सरपुंखा या गूलर की जड़ धारण कर सकते हैं । मंत्र जाप कर सकते हैं ।
मंत्र- ।। ॐ  द्रां  द्रीं  द्रौं  सः  शुक्राय  नमः ।।

यदि  शुक्र संबंधित समस्या हो तो शुक्र से संबंधित दान किसी युवती या काने व्यक्ति को करना चाहिए एवं उपाय करना चाहिए ।
दान – चांदी , दूध , दही , घी , इत्र , चावल , मिश्री , सफेद मिठाई , सफेद चंदन , रेशमी रंगीन वस्त्र , ( शुक्रवार को )

उपाय – गाय को रोटी खिलाएं एवं गाय की सेवा करें । आटा एवं शक्कर चीटियों को डालें ।

♥️ शनि –
प्रबल – यदि कुंडली में शनि शुभ हो किंतु निर्बल हो तो इसको प्रबल करने के लिए नीलम चांदी या पंच धातु में शनिवार को  धारण करना चाहिए। जब तक नीलम धारण करने की सामर्थय नहीं है तब तक शमी का जड़ धारण कर सकते हैं । लोहे का छल्ला धारण कर सकते हैं या मंत्र जाप कर सकते हैं।
मंत्र – ।। ॐ  प्रां  प्रीं  प्रौं  सः  शनये नमः ।।

यदि शनि फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो शनि का दान किसी वृद्ध मजदूर को शनिवार को करना चाहिए ।
दान – काले वस्त्र , उरद , कला तिल , लोहे की सामग्री , जूते , सरसो का तेल , बादाम , काला छाता ।
उपाय – शनिवार को लोहे की कटोरी में सरसों तेल डालकर उसमें अपनी परछाई देखकर दान करें । शनिवार को संध्याकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं , काला तिल एवं मीठा जल चढ़ाएं तथा 7 बार परिक्रमा करें । मोर पंख पूजा स्थान में रखें । शनिवार को रोटी में हल्का सरसों तेल और नमक लगाकर काले कुत्ते या काली गाय या भैसा या कौए को खिलाएं । शराब का सेवन ना करें ।

♥️ राहु –
राहु से होने वाले परेशानी से बचने के लिए राहु का दान एवं उपाय शनिवार या बुधवार को करना चाहिए । ( कुष्ठ रोगी या सफाई कर्मी को ) ।                             मंत्र – ॥ ॐ भ्रां  भ्रीं  भ्रौं  सः राहवे  नमः  ॥

दान – नीले काले वस्त्र , ( यव ) जौ , काली उड़द , जटा वाला नारियल , चाय पत्ती , तंबाकू , मूली , कोयला इत्यादि।
उपाय – कुष्ठ रोगी को भोजन कराएं जिसमें काले उड़द की एक सामग्री अवश्य होनी चाहिए । जौ कच्चे दूध से धोकर नदी में विसर्जित करें या पंछियों को खिलाएं । घर में या छत पर किसी भी प्रकार का बंद बिजली का सामान या कबाड़ ना रखें । पारद शिवलिंग स्थापित करके रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का स्वयं जाप करें । रुद्राष्टाध्यायी ( पांचवें अध्याय के 16 मंत्र ) का पाठ करते हुए पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें ।

 ♥️ केतु –
फलादेश के हिसाब से केतु यदि समस्या उत्पन्न कर रहा हो तो दान एवं उपाय करना चाहिए ।( मंगलवार या शनिवार को कुष्ठ रोगी या सफाईकर्मी को )
मंत्र – ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः ।।

दान – चितकबरा कंबल , भूरा वस्त्र , सतनाजा , नारियल , काला – सफेद तिल , तिल का तेल , बकरा इत्यादि ।
उपाय – असगंध की जड़ धारण करें । काले एवं सफेद तिल के लड्डू गणेश जी को चढ़ा कर बांटें । कुत्ते को दूध एवं ब्रेड खिलाएं , प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाएं । सतनाजे की रोटी कुत्ते को खिलाएं ।

  महामृत्युंजय मंत्र – जीवन में होने वाले रोग बीमारी , कष्ट , अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए सोमवार से प्रारंभ करके प्रतिदिन पारद या स्फटिक का शिवलिंग तथा महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करके रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें ।
 ( ॥ ॐ हौं  जुं सः त्रयम्बकं  यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् सः जुं हौं ॐ ॥ )

♥️ लक्ष्मी मंत्र – जीवन में दरिद्रता को समाप्त करके धन – धान्य एवं समृद्धि प्राप्त करने के लिए शुक्रवार से प्रारंभ करके प्रतिदिन कमलगट्टे की माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करें  एवं कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें ।
( ॥  ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ  महालक्ष्म्यै नमः   ॥  )
     
   ♥️कर्ज मुक्ति के लिए  बुधवार से प्रारंभ करें -  गणेश जी की  छोटी सी प्रतिमा स्थापित करके हल्दी की माला से कर्ज मुक्ति गणेश मंत्र का जाप करें ।
।। ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्  ॥
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*♥️रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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