*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक - 9 मार्च 2025*
*🎈दिन - रविवार*
*🎈विक्रम संवत् - 2081*
*🎈अयन - उत्तरायण*
*🎈ऋतु - बसन्त*
*🎉मास - फाल्गुन*
*🎈पक्ष शुक्ल*
*🎈तिथि - दशमी 07:44:37
pm तक पश्चात एकादशी*
*🎈नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 11:54:14 pm तक तत्पश्चात पुष्य*
*🎈योग - सौभाग्य 14:57:16
तक, तत्पश्चात शोभन*
*🎈राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 05:10 से शाम 06:39 तक*
*🎈सूर्योदय - 06:51:13*
*🎈सूर्यास्त - 06:38:34*
*🎈चन्द्र राशि- कर्क *
*🎈सूर्य राशि - कुम्भ*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:02 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:22 पी एम से 01:09 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:21 ए एम, मार्च 10 से 01:09 ए एम, मार्च 10 तक*
*⛅सर्वार्थ सिद्धि योग-11:55 पी एम से 06:50 ए एम, मार्च 10 तक*
*🎈व्रत पर्व विवरण -
👉* दसमी तिथि अनुसार आहार-विहार क्या करे।*
*दशमी के दिन कलंबी और फास्ट फ़ूड नहीं खाना चाहिए. दशमी के दिन ये चीज़ें खाने से बचना चाहिए।
कलंबी,चने की दाल,मसूर की दाल
साग,किसी दूसरे के घर का खाना
पिज्ज़ा,बर्गर और अन्य प्रोसेस्ड
खाद्य पदार्थ
दशमी के दिन पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों का आनंद लेना चाहिए। *
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
उद्वेग 06:51 - 08:20 अशुभ
चर 08:20 - 09:48 शुभ
लाभ 09:48 - 11:16 शुभ
अमृत 11:16 - 12:45 शुभ
काल 12:45 - 14:13 अशुभ
शुभ 14:13 - 15:42 शुभ
रोग 15:42 - 17:10 अशुभ
उद्वेग 17:10 - 18:39 अशुभ
*🔵चोघडिया, रात🔵
शुभ 18:39 - 20:10 शुभ
अमृत 20:10 - 21:41 शुभ
चर 21:41 - 23:13 शुभ
रोग 23:13 - 24:44* अशुभ
काल 24:44* - 26:16* अशुभ
लाभ 26:16* - 27:47* शुभ
उद्वेग 27:47* - 29:19* अशुभ
शुभ 29:19* - 30:50* शुभ
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🔥🔥🔥होलाष्टक विचार🔥🔥🔥
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विपाशेरावती तीरे
शुतुद्रयाश्च त्रिपुष्करे।
विवाहादि शुभे नेष्टं-
होलिकाप्राग्दिनाष्टकम् ।।
होलाष्टक के शाब्दिक अर्थ पर जायें, तो होला + अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन, जो दिन होता है, वह होलाष्टक कहलाता है। सामान्य रुप से देखा जाये तो होली एक दिन का पर्व न होकर पूरे नौ दिनों का त्यौहार है।
होलाष्टक के समय शुभ कार्य वर्जित होते है यह फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को लगता है होलाष्टक फिर आठ दिनों तक रहता है इसमें सभी शुभ मांगलिक कार्य रोक दिए जाते है यह दुलहंडी पर रंग खेलकर खत्म होता है।
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी पर 2 डंडे स्थापित किए जाते हैं। जिनमें एक को होलिका तथा दूसरे को प्रह्लाद माना जाता है। इससे पूर्व इस स्थान को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है फिर हर दिन इसमे गोबर के उपल , लकड़ी घास और जलने में सहायक चीजे डालकर इसे बड़ा किया जाता है।
पौराणिक कथाओ एवं शास्त्रों में बताया गया है की होलाष्टक के दिन ही कामदेव ने शिव तपस्या को भंग किया था इस कारण शिव जी अत्यंत क्रोधित हो गये थे उन्होंने अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया था हालाकि कामदेव ने देवताओ की इच्छा और उनके अच्छे के लिए शिव को तपस्या से उठाया था।
कामदेव के भस्म होने से समस्त संसार शोक में डूब गया उनकी पत्नी रति ने शिव से विनती की वे उन्हें फिर से पुनर्जीवित कर दे तब भगवान भोलेनाथ से द्वापर में उन्हें फिर से जीवन देने की बात कही।
एक दूसरी कथा के अनुसार राजा हरिण्यकशिपु ने अपने पुत्र भक्त प्रह्लाद को भगवद् भक्ति से हटाने और हरिण्यकशिपु को ही भगवान की तरह पूजने के लिये अनेक यातनाएं दी लेकिन जब किसी भी तरकीब से बात नहीं बनी तो होली से ठीक आठ दिन पहले उसने प्रह्लाद को मारने के प्रयास आरंभ कर दिये थे। लगातार आठ दिनों तक जब भगवान अपने भक्त की रक्षा करते रहे तो होलिका के अंत से यह सिलसिला थमा। इसलिये आज भी भक्त इन आठ दिनों को अशुभ मानते हैं। उनका यकीन है कि इन दिनों में शुभ कार्य करने से उनमें विघ्न बाधाएं आने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक मे सभी शुभ कार्य करना वर्जित रहते हैं, क्योकी इन आठ दिवस 8 ग्रह उग्र रहते है। इन आठ दिवसो मे अष्टमी को चन्द्रमा,नवमी को सूर्य,दशमी को शनि,एकादशी को शुक्र,द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, और पूर्णिमा को राहू उग्र रहते हैं। इसलिये इस अवधि में शुभ कार्य करने वर्जित है
होलाष्टक में न करें ये कार्य
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1. विवाह:👉 होली से पूर्व के 8 दिनों में भूलकर भी विवाह न करें। यह समय शुभ नहीं माना जाता है, जब तक कि कोई विशेष योग आदि न हो।
2. नामकरण एवं मुंडन संस्कार:👉
होलाष्टक के समय में अपने बच्चे का नामकरण या मुंडन संस्कार कराने से बचें।
3. भवन निर्माण:👉 होलाष्टक के समय में किसी भी भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ न कराएं। होली के बाद नए भवन के निर्माण का शुभारंभ कराएं।
4. हवन-यज्ञ:👉 होलाष्टक में कोई यज्ञ या हवन अनुष्ठान करने की सोच रहे हैं, तो उसे होली बाद कराएं। इस समय काल में कराने से आपको उसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।
5. नौकरी:👉 होलाष्टक के समय में नई नौकरी ज्वॉइन करने से बचें। अगर होली के बाद का समय मिल जाए तो अच्छा होगा। अन्यथा किसी ज्योतिषाचार्य से मुहूर्त दिखा लें।
6. भवन, वाहन आदि की खरीदारी:👉 संभवत हो तो होलाष्टक के समय में भवन, वाहन आदि की खरीदारी से बचें। शगुन के तौर पर भी रुपए आदी न दें।
होलाष्टक में पूजा-अर्चना की के लिए किसी भी प्रकार की मनाही नही होती। होलाष्टक के समय में अपशकुन के कारण मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। हालांकि होलाष्टक में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है। इस समय में आप अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना, भजन, आरती आदि करें, इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
परंतु सकाम (किसी कामना से किये जाने वाले यज्ञादि कर्म) किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किये जाते।
7.👉 सनातन हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताये जाते हैं इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिये। हालांकि दुर्भाग्यवश इन दिनों किसी की मौत होती है तो उसके अंत्येष्टि संस्कार के लिये भी शांति पूजन करवाया जाता है।
होलाष्टक कब है ?
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होलाष्टक 07 मार्च को लगेगा और 14 मार्च 2025 तक रहेगा इस आठ दिन के समय में कोई मांगलिक कार्य , गृह प्रवेश करना वर्जित होगा व्यक्ति को नए रोजगार और नया व्यवसाय भी नही शुरू करना चाहिए।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
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*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*♥️रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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