*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 4 मार्च 2025*
*⛅दिन - मंगलवार *
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष शुक्ल*
*⛅तिथि -पंचमी रात्रि
03:16:04 pm तक पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - भरणी 26:36:40तक तत्पश्चात कृत्तिका*
*⛅योग - ऐन्द्र 26:05:30 तक, तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 03:42 से शाम 05:09 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:58:25*
*⛅सूर्यास्त - 06:35:47*
*⛅ चन्द्र राशि- मेष*
*⛅सूर्य राशि - कुम्भ*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:07 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:24 पी एम से 01:11q पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:22 ए एम, मार्च 05 से 01:11 ए एम, मार्च 05 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - 👉
*पंचमी तिथि के दिन, कुछ खास चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए.
, पंचमी के दिन कुछ खास चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए.
बसंत पंचमी के दिन
मांस, लहसुन, प्याज़, और नशीली चीज़ों से बचना चाहिए.
मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
क्रोध और अहंकार से बचना चाहिए.
झूठ और छल-कपट से दूर रहना चाहिए.
किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए.
नकारात्मक और गलत विचारों से दूर रहना चाहिए.
मन को सकारात्मक रखना चाहिए.
पेड़-पौधों को काटना नहीं चाहिए.
गहरे या अशुभ रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. *
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
अमृत 06:58 - 08:26 शुभ
काल 08:26 - 09:53 अशुभ
शुभ 09:53 - 11:20 शुभ
रोग 11:20 - 12:47 अशुभ
उद्वेग 12:47 - 14:14 अशुभ
चर 14:14 - 15:41 शुभ
लाभ 15:41 - 17:09 शुभ
अमृत 17:09 - 18:36 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅
चर 18:36 - 20:09 शुभ
रोग 20:09 - 21:41 अशुभ
काल 21:41 - 23:14 अशुभ
लाभ 23:14 - 24:47* शुभ
उद्वेग 24:47* - 26:19* अशुभ
शुभ 26:19* - 27:52* शुभ
अमृत 27:52* - 29:25* शुभ
चर 29:25* - 30:57* शुभ
*⛅ #पलाश!!
🍂 *पलाश को हिंदी में ढ़ाक, टेसू, बंगाली में पलाश, मराठी में पळस, गुजराती में केसुडा कहते है | इसके पत्त्तों से बनी पत्तलों पर भोजन करने से चाँदी – पात्र में किये भोजन तुल्य लाभ मिलते है ।*
🙏🏻 *‘लिंग पुराण’ में आता है कि पलाश की समिधा से ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र द्वारा १० हजार आहुतियाँ दें तो सभी रोगों का शमन होता है।*
🍂 *पलाश के फुल : प्रेमह (मुत्रसंबंधी विकारों) में: पलाश-पुष्प का काढ़ा (५० मि.ली.) मिश्री मिलाकर पिलायें ।*
🍂 *रतौंधी की प्रारम्भिक अवस्था में : फूलों का रस आँखों में डालने से लाभ होता है। आँखे आने पर (Conjunctivitis) फूलों के रस में शुद्ध शहद मिलाकर आँखों में आँजे ।*
🍂 *वीर्यवान बालक की प्राप्ति : एक पलाश-पुष्प पीसकर, उसे दूध में मिला के गर्भवती माता को रोज पिलाने से बल-वीर्यवान संतान की प्राप्ति होती है।*
🍂 *पलाश के बीज : ३ से ६ ग्राम बीज-चूर्ण सुबह दूध के साथ तीन दिन तक दें। चौथे दिन सुबह १० से १५ मि.ली. अरंडी का तेल गर्म दूध में मिलाकर पिलाने से कृमि निकल जायेंगे।*
🍂 *पत्ते : पलाश व बेल के सूखे पत्ते, गाय का घी व मिश्री समभाग मिला के धुप करने से बुद्धि की शुद्धि व वृद्धि होती है।*
🍂 *बवासीर में : पलाश के पत्तों की सब्जी घी व तेल में बनाकर दही के साथ खायें।*
🍂 *छाल : नाक, मल-मूत्र मार्ग या योनि द्वारा रक्तस्त्राव होता हो तो छाल का काढ़ा (५० मि.ली.) बनाकर ठंडा होने पर मिश्री मिला के पिलायें।*
🍂 *पलाश का गोंद : पलाश का १ से ३ ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध या आँवला रस के साथ लेने से बल-वीर्य की वृद्धी होती है तथा अस्थियाँ मजबूत बनती हैं। यह गोंद गर्म पानी में घोलकर पीने से दस्त व संग्रहणी में आराम मिलता है ।*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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