*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 28 फरवरी 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष शुक्ल*
*⛅तिथि -प्रथम 03:15:47am तक पश्चात द्वितीय*
*⛅नक्षत्र - शतभिष 13:39:28 दोपहर तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - सिद्ध शाम
20:06:36 तक, तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 11:21 से शाम 12:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:01:24*
*⛅सूर्यास्त - 06:34:01*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:10 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:25 पी एम से 01:11 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:22 ए एम, मार्च 01 से 01:12 ए एम, मार्च 01तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - 👉
प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
चर 07:01 - 08:28 शुभ
लाभ 08:28 - 09:55 शुभ
अमृत 09:55 - 11:21 शुभ
काल 11:21 - 12:48 अशुभ
शुभ 12:48 - 14:14 शुभ
रोग 14:14 - 15:41 अशुभ
उद्वेग 15:41 - 17:07 अशुभ
चर 17:07 - 18:34 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅
रोग 18:34 - 20:07 अशुभ
काल 20:07 - 21:41 अशुभ
लाभ 21:41 - 23:14 शुभ
उद्वेग 23:14 - 24:47* अशुभ
शुभ 24:47* - 26:21* शुभ
अमृत 26:21* - 27:54* शुभ
चर 27:54* - 29:27* शुभ
रोग 29:27* - 31:00* अशुभ
*⛅ 🕉बृं बृहस्पतयेनमः
🕉ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सःगुरुवेनमः🐚
ॐ बृहस्पते अतियदर्यो अर्हाद्द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु,
यद्दीदच्छवस ऋतुप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्
🐘ध्यानमूलं गुरूमूर्ति पूजामूलं गुरोपदं
मंत्र मूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरूकृपा।
ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचन सन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।
देवमंत्री विशालाक्ष:सदा लोकहितेरत:।
अनेक शिष्य संपूर्ण:पीड़ांहरतुमेगुरु:||
ॐनमो भगवते वासुदेवाय नमः।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारंगगनसदृशं मेघवर्णंशुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
कृष्णाय,वासु देवाय,हरये परमात्मने।
प्रणत: क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमोंनम:॥
जयसृष्टि कृतां वन्द्य जय स्थिति कृतानत जय संहृति कृत्स्तुत्य जय सत्कर्म सिद्धिद सिद्धवन्द्य पदाम्भोज जय सिद्धिविधायक सर्वसिद्धयेक निलय महासिद्ध वृद्धिसूचक।।*
हे सृष्टिकर्ताओं के वन्दनीय! आपकी जय हो। हे पालनकर्ता विष्णु से नमस्कृत! आपकी जय हो। हे संहारकारक! हे स्तुति के योग्य! आपकी जय हो। हे अच्छे कर्मों के सिद्धिदायक! आपकी जय हो।हे सिद्धों से वन्दनीय पदकमलवाले,सिद्धि कारक, सब सिद्धियों के मुख्यस्थान, मुक्तिसमृद्धि सूचक! आपकी जय हो।
*आकाशातात् पतितंतोयम् यथा गच्छतिसारगम्
सर्वदेव नमस्काराः केशवं प्रतिगच्छती।।*
जिसतरह आकाशसे गिराजल विभिन्न नदीयोके माध्यमसे अंततः समुद्रमे ही जामिलता है,उसी प्रकार सभी देवी देवताओं को किया गया नमन प्रणाम एक ही परमात्मा को प्राप्त होता है।
*केलेके पेड़में जलचढ़ाएं,मनोकामनापूर्ण होगी:-* खासतौर पर गुरुवारकादिन बृहस्पति भगवानकी पूजाकेलिए माना जाताहै।कहा जाता हैकि इसदिन बृहस्पति भगवानकी पूजा करनेसे इंसानकाभाग्य मजबूतहो जाताहै।यदिगुरूवारके दिन केलेकेपेड़की जड़में कुछखास चीजेंचढ़ादी जाएंतो आपका बृहस्पति ग्रहभी मजबूतहोसकता है।इसकेसाथही आपको धनकी प्राप्तिभी होगी।
*इस तरह से हो सकते हैं बृहस्पति भगवान प्रसन्न:-
1.मान्यताकेअनुसार गुरूवारकेदिनकेले के पेड़की जड़में चंदनके वृक्षकी करीब 9डलियां डाल दें। इससे आपकोधनकी प्राप्तिहो सकतीहै।इसके साथही आपकी आयमें भी वृद्घिहोगी।
2. गुरूवारके दिन केलेके पेड़की जड़पर पानी के साथ हल्दीवाला जलचढ़ानेसे भाग्य तेजहोताहै।ऐसा करनेसेव्यक्तिकोनौकरीमें सफलतामिलेगी।इसके साथही व्यापारमें भी बढ़ोत्तरीहोगी।
3.जोलोग अपनीजिंदगीमें खुशरहना चाहतेहैंउन्हें गुरूवार केदिन केलेके पेड़की जड़में थोड़ा-सा गुड़ और भीगीहुई चनेकीदाल डालकर चढ़ानीचाहिए।ऐसा करनेसे बृह्स्पति भगवानकीकृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।
4. यदि आप किसी नए काम की शुरूआतकरने वाले हैं तो गुरूवारकेदिन केलेकेपेड़ की जड़में चीनी मिश्रित जल अर्पितकरें।इससे आपका रुका हुआ काम तुरंत पूराहो जाएगा।
5. यदि आपकी जिंदगीमें मुश्किलें आरही हैंतोकेले के पेड़की जड़ोंमें दो हल्दीकी साबुतगांठें रखदें।ऐसाकरनेसे आपकीजल्दीही सारीसमस्याएं दूर हो जाएंगी।
6.जोव्यक्ति अमीर बनना चाहतेहैं।उन्हें गुरूवारके दिन केलेके पेड़की जड़में एक रुपएका सिक्का गाड़ देनाचाहिए क्योंकि ऐसा करनेसे मांलक्ष्मी प्रसन्नहोतीहैं जिससेवह खिंची चलीआएंगी।
7. यदिआपकी शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां आ रही हैं या फिर आपकी शादीनहीं होरहीहैतो ऐसेमें आपको सिर्फकरना येहोगा कि आपकेलेके पेड़पर हल्दीकी दोगांठे औरभीगे हुए मुनक्केचढाएं।ऐसा आपको लगातार सातगुरूवार तक करनाहोगा।जिसका फल आपको अवश्य मिलेगा।
8.गुरुवारकेदिन नहानेकेबाद केलेकेपेड़ पर जल चढ़ाना शुभमाना जाताहै।इससे आपको सभी कार्योंमें जल्दही सफलता मिलेगी।
9.गुरुवार केदिन केलेके पेड़पर चंदनकी माला चढ़ाने और थोड़ी हल्दी अर्पण करनेसे आपके जीवन की सभी परेशानियांदूरहोंगी।जिससे व्यक्तिको सुख-समृद्घि मिलसकेगी।
*गुरुवारकेदिन घरमें नहीं बनानी चाहिये खिचङी*
गुरुवारको भगवानविष्णुकी स्तुतिकेलिए जाना जाताहै।ऐसेमें भगवानविष्णु की विधि-विधानसे पूजाकरने केसाथकुछ ऐसे कार्यहैं जिन्हेंकरनेसे बचनाचाहिए,वहींकुछकार्य ऐसेभी हैंजिन्हें करनेसे सकारात्मकता आतीहै।
*हम आपको बतातेहैं ऐसेकार्य इन कामोंको करनेसेबचें:*
-पिता,गुरूऔरसाधु-संतबृहस्पति का प्रतिनिधि करतेहैं।कभीभी इनका अपमान न करें। -खिचड़ी न तो घर में बनाएं और न खाएं। -श्रीहरि के ये हजार नाम बनाएंगे हर काम। -नाखून नहीं काटने चाहिए। -महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए।कहा जाता है की इससे संपत्ति और संपन्नता सुख में कमी आती है। -कपड़े नहीं धोनेचाहिए।
*इनकामोंको गुरुवारकेदिन जरुर करें*
-सूर्यउदय होनेसेपहले शुद्धहोकर भगवान विष्णु के समक्ष गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। -केसर अथवा हल्दी का तिलक मस्तक पर लगाएं। -पीली चीजों का दान करें।
-केले का दान करें।
-संभव हो तो व्रत रखें।
-भगवान शिव पर पीले रंग के लड्डू अर्पित करें। -केले के पेड़ का पूजन करें, प्रसाद में पीले रंग के पकवान अथवा फल अर्पित करें।
*विद्या मित्रं प्रवासेषु,भार्या मित्रं गृहेषु च।व्याधितस्यौषधं मित्रं , धर्मो मित्रं मृतस्य च।।*
यात्रा में ज्ञान सच्चा मित्र, घर में पत्नी सच्ची मित्र, रोग में औषधि तथा मृत्यु के समय धर्म मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र होता है।
*उद्यच्छेदेव न नमेत् उद्यमो ह्येव पौरुषम्।अप्यपर्वणि भज्येत न नमेदिह कर्हिचित्।।महाभारत*
वीर पुरुष को चाहिए कि वह सदा पुरूषार्थ ही करे, किसी के सामने नतमस्तक न हो, क्योंकि उद्यम करना ही पुरुषत्व है। वीर पुरुष असमय में ही नष्ट भले ही हो जाये , परन्तु उसे कभी शत्रु के सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए।
*आत्मवृद्धिःमित्रवृद्धिःमित्रमित्रोदयस्तथा।विपरीतं द्विषत्स्वेतत् षड्विधा वृद्धिरात्मनः।।महाभारत*
मनुष्य को अपनी उन्नति छः प्रकार की समझनी चाहिए। अपनी वृद्धि, मित्र की वृद्धि, मित्र के मित्र की वृद्धि, (शत्रु पक्ष में ठीक इसका विपरीत भाव) शत्रु की हानि, शत्रु के मित्र की हानि, शत्रु के मित्र के मित्र की हानि।
*आपका आजका दिनशुभ एवं मङ्गलमय हो।
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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