*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 26 फरवरी 2025*
*⛅दिन - बुद्धवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी 11:07:58am तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - श्रवण 17:22:22 शाम तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग - परिघ सुबह 02:56:26 तक, तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 12:48 से शाम 02:14 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:03:20*
*⛅सूर्यास्त - 06:32:48*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:12 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:23 ए एम, फरवरी 27 से 01:13 ए एम, फरवरी 27 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - महाशिवरात्रि पर्व व्रत, परिघ योग (रात्रि 02:56:26 तक)*
*⛅विशेष - महाशिवरात्रि व्रत में लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अन्न और नमक के सेवन भी दूर रहना चाहिए। एक बात का खास ध्यान रखें कि इन चीजों का खाने से पहले महादेव को जरूर भोग लगाएं। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
लाभ 07:03 - 08:30 शुभ
अमृत 08:30 - 09:56 शुभ
काल 09:56 - 11:22 अशुभ
शुभ 11:22 - 12:48 शुभ
रोग 12:48 - 14:14 अशुभ
उद्वेग 14:14 - 15:40 अशुभ
चर 15:40 - 17:07 शुभ
लाभ 17:07 - 18:33 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग 18:33 - 20:07 अशुभ
शुभ 20:07 - 21:40 शुभ
अमृत 21:40 - 23:14 शुभ
चर 23:14 - 24:48* शुभ
रोग 24:48* - 26:21* अशुभ
काल 26:21* - 27:55* अशुभ
लाभ 27:55* - 29:29* शुभ
उद्वेग 29:29* - 31:02* अशुभ
*⛅ महाशिवरात्रि विशेष:
*⛅महाशिवरात्रि को महारात्रि कहा जाता है क्योंकि यह रात में मनाई जाने वाली शिवरात्रि है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. मान्यता है कि इस रात भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करते हैं.
महाशिवरात्रि के बारे में ज़्यादा जानकारीः
*⛅महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की रात'.
यह पर्व भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने का दिन है.
इस दिन व्रत रखने, रात्रि जागरण करने, और भगवान शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं.
पंचांग के मुताबिक, हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है.
*⛅महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप, और भोग अर्पित किया जाता है.
शिवरात्रि का व्रत शाम को फलाहार से खोला जाता है.
महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ और मान्यताएंः
*⛅महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे.
महाशिवरात्रि के दिन 64 जगहों पर शिवलिंग प्रकट हुए थे.
*⛅#त्रिनेत्रजागरण {दिव्यदृष्टि} महादेवसाधना!!
जय श्री सदगुरुदेव सभी साधक चाहते हैं कि उन्हें दिव्य दृष्टि मिले नजर खुल जाए और लोगो की मदद करें खास कर जो ज्योतिष का या तंत्र का कार्य करते हैं तो उनके लिए महादेव की तीव्र दिव्य दृष्टि साधना विशेष साधना है m
मंत्र:- ॐ सदाशिवाय त्रिनेत्र जाग्रताय पुर्णत्वं दृश्यम रुद्राय नमः।
विधि- इसका जप किसी भी शिव रात्रि या किसी सोमवार से शुरू करे 21 दिन तक रोज 21 माला जप करे दिशा उत्तर वस्त्रासन सफेद, माला रुद्राक्ष की ले सुबह हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त में जप करें हर दिन ध्यान अवश्य लगाए आधा घँटा कमसे कम ये साधना आज तक असफल नहीं हुई है साधना को कम से कम 3 बार जरूर दोहराए, साधना होने के बाद भी रोज 1 माला अवश्य जप करें ये साधना से आप त्रिकालदर्शी भी बन सकते है पर उतनी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता है मेहनत करिये और लाभ उठाये सिद्ध होने के बाद कहीं दान अवश्य करें. जिससे आप पर साधना का कोई भार नहीं आएगा बाकी आपके कर्म आपके साथ आपका दिन शुभ हो
*⛅#पंचदेव उपासना नित्य क्यों करनी चाहिए??
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*⛅पंचदेव __ पंचभूतों के अधिष्ठाता (स्वामी) हैं..!!
पंचदेव आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी-इन पंचभूतों के अधिपति हैं ।
-सूर्य वायु तत्त्व के अधिपति हैं इसलिए उनकी अर्घ्य और नमस्कार द्वारा आराधना की जाती है ।
-गणेश के जल तत्त्व के अधिपति होने के कारण उनकी सर्वप्रथम पूजा करने का विधान हैं, क्योंकि सृष्टि के आदि में सर्वत्र 'जल' तत्त्व ही था ।
-शक्ति (देवी, जगदम्बा) अग्नि तत्त्व की अधिपति हैं इसलिए भगवती देवी की अग्निकुण्ड में हवन के द्वारा पूजा करने का विधान हैं ।
-शिव पृथ्वी तत्त्व के अधिपति हैं इसलिए उनकी शिवलिंग के रुप में पार्थिव-पूजा करने का विधान हैं ।
-विष्णु आकाश तत्त्व के अधिपति हैं इसलिए उनकी शब्दों द्वारा स्तुति करने का विधान हैं ।
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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