*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 23 फरवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार *
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - दशमी 01:55:25 दोपहर तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - मूल शाम 06:58:00 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*⛅योग - वज्र 11:17:45 अपराह्न तक, तत्पश्चात सिद्वि*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है-सुबह 05:05 से सुबह 06:31 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:05:14*
*⛅सूर्यास्त - 06:31:34*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:15 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:23 ए एम, फरवरी 24 से 01:13 ए एम, फरवरी 24 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - आशा दशमी व्रत
यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को किया जाता है.
इस व्रत को करने से सभी आशाएं पूरी होने की मान्यता है.
इस व्रत को करने से मन शुद्ध रहता है और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है.
इस व्रत को करने से शिशु की दंतजनिक पीड़ा दूर हो जाती है.
इस व्रत को करने से कन्याओं को श्रेष्ठ वर मिलता है.
इस व्रत को करने से पति के यात्रा पर जाने और लौटकर न आने की स्थिति में पत्नियां अपने पति को शीघ्र प्राप्त कर सकती हैं. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
उद्वेग 07:06 - 08:32 अशुभ
चर 08:32 - 09:57 शुभ
लाभ 09:57 - 11:23 शुभ
अमृत 11:23 - 12:49 शुभ
काल 12:49 - 14:14 अशुभ
शुभ 14:14 - 15:40 शुभ
रोग 15:40 - 17:05 अशुभ
उद्वेग 17:05 - 18:31 अशुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
शुभ 18:31 - 20:05 शुभ
अमृत 20:05 - 21:40 शुभ
चर 21:40 - 23:14 शुभ
रोग 23:14 - 24:48* अशुभ
काल 24:48* - 26:22* अशुभ
लाभ 26:22* - 27:57* शुभ
उद्वेग 27:57* - 29:31* अशुभ
शुभ 29:31* - 31:05* शुभ
*👉💐 भारतीय ज्योतिषिय मत :-*
*'चंद्रमा' पुथ्वी का सबसे निकट पडोसी -ग्रह💐*
*भारतीय ज्योतिषिय मत :-*
क्रमशः कल से आगे.....
भाग२.....
*चंद्रमा*
*पाश्चात्य मत :-*
चंद्र के बारमे - पाशच्यात्त खगोल -विध्दवानों के मतानुसार - चंद्रमा पुथ्वी का ही एक भाग है, जो कालांत्तर मे अपनी गुरूत्वाकर्षण - शक्ति को त्याग कर पुथ्वी से अलग हटकर, नभो - मंडल मे एक ग्रह के रूप में निरंतर पुथ्वी की परिक्रमी लगाता रहता है, कुछ वैइाानिकों के मतानुसार - अन्य ग्रहों की भांती, चंद्रमा की उत्पत्ति भी सुर्य से ही हुई है, तो कुच्छ अन्यों के मत से - चंद्रमा भी पुथ्वी की भॉंती भीतर- भीतर खोखला - बुदबदाता हुआ एक गँस का गोला था जो कि कालांतर मे ठंडा हो गया, अब वह सुर्य की किरणों को हि परिवर्तित करके, उन्हे चॉदनी के रूप मे पुथ्वी पर बिखेरा करता है.
*आधुनिक पाश्चात्य मत :-*
वैइाानिक रॉकेटोंं की सहता से चंद्रमा पर अनेक बार अवतरण कर चुके है तथा वहॉं धुली एवं पर्वतों यें भरा धरताला मिला है.
आगे चलकर हम भारतीय ज्योतिषीय -मत क्या है, यह देखते है
अब हम इसकी विशेष जानकारी लेंगे तथा चंद्र का अधिपत्य को देखेंगे
*अधिपत्य :-*
चंद्रमा को मन, अंतकरण, मनोभाव, मानसिकस्थिती, संवेदना, विनम्रता, कोमलता, दयालुता, बाह्य-स्वभाव, हाव- भाव, शाररीक -स्वास्थ, मस्तिषक, रक्त, सहानुभुती, देश-प्रेम, गुहस्थ-प्रेम, कल्पना-शक्ति, सौदर्ये, राजा की प्रसन्नता, माता-पिता की संपती, सुख-संपती, पास- पडौस तथा ज्योतिष- विध्या पुर्ण अधिपति माना गया है.
इसे जल, मोती, कृषी, श्वेत-वस्त्र, चांदी, पुष्प, चावल, मिश्री, गन्ना, मधु, नमक, स्त्री के आश्रय आदि से लाभ, माता, नेतृत्व, व्यक्तिगत कार्य, पारिवारिक जीवन, नाविक, भ्रमणशील, साहसी व्यक्ति तथा राजभक्ति का अधिपती भी माना भी माना गया है !
चंद्रमा को चतुर्थ भाव का कारक माना गया है, बली चंद्रमा ही चतुर्थ भाव मे पुर्ण फल देता है, मनुष्य - शरीर में गले से हृदय तक, अंडाकोष तथा पिंगला नाडी पर इसका अधिकार - क्षेत्र है, मस्तिषक तथा उदर के संबध मे भी इससे विचार किया जाता है.
चंद्रमा - स्त्री, वेश्या, दाई, परिचरिका, जलोत्पन्न - वस्तुऐं, औषध, शराब विक्रेता, मछुए, नाविक, यात्री, व्यर्थ - भ्रमण, नेत्र-रोग, आलस्य, पांडु -रोग, जल-रोग तथा गॉंठ आदि रोंगों का भी प्रतिनिधि करता है, चंद्रमा की अशुभ -स्थिती मे इन रोग दोष तथा विकारों का होना संभव रहता है
बाकी कल.........
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
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*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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