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पंचांग - 19-02-2025

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 19 फरवरी 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी सुबह     07:31:43 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - स्वाति    10:38:42  तक तत्पश्चात     विशाखा*
*⛅योग - वृद्वि    10:47:01 प्रातः तक, तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 12:49 से शाम 02:14 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:09:40*
*⛅सूर्यास्त - 06:28:18*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:19 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 फरवरी 20 से रात्रि 01:14 फरवरी 20 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - आम तौर पर, सप्तमी के दिन ये बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
ताड़ का सेवन वर्जित है.
मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
लाभ    07:10 - 08:35    शुभ
अमृत    08:35 - 09:59    शुभ
काल    09:59 - 11:24    अशुभ
शुभ    11:24 - 12:49    शुभ
रोग    12:49 - 14:14    अशुभ
उद्वेग    14:14 - 15:39    अशुभ
चर    15:39 - 17:03    शुभ
लाभ    17:03 - 18:28    शुभ
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग    18:28 - 20:03    अशुभ
शुभ    20:03 - 21:38    शुभ
अमृत    21:38 - 23:13    शुभ
चर    23:13 - 24:49*    शुभ
रोग    24:49* - 26:24*    अशुभ
काल    26:24* - 27:59*    अशुभ
लाभ    27:59* - 29:34*    शुभ
उद्वेग    29:34* - 31:09*    अशुभ
kundli

🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सप्तमी के व्रत में फल, सब्ज़ियां, दूध, दही, और मीठा खाया जा सकता है. इस दिन नमक से बनी चीज़ें नहीं खानी चाहिए.(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
 
🌷 *👉क्या आप जानते है की शनि ज़ब भी किसी की कुंडली मे अपनी दशा, साढ़े साती, ढ़ाईया,मे आने वाले होते है तो कुछ महीने पहले ही उनके असर सुरु हो जाते है कम से कम 2 से 4 महीने पहले से और ज़ब ये अपनी महादसा खत्म करके जाते  है तो उसका प्रभाव अगले 6 से 8 तक रहता है लगभग लोग ये महसूस भी करते है इनका प्रभाव लम्बा ब्याप्त रहता है, ग्रह मे शनि भी जीवन मे कम भूचाल नहीं लाते लेकिन राहु ही जिम्मेदार माना जाता है लोग कहने पे लगे है धन चाइये तोह राहु को मनाओ उनको ये पता नहीं की राहु दिखावे का धन्यवाद देता है जो आया सिर्फ हाथ तक पहुंचा और गायब. मान लो दे भी दे लेकिन जो देता है ओ भी जो पहले का होगा ओ भी जाते जाते बर्बाद कर देता है. खेल शनि और केतु के होते है जिनको समझना थोड़ा कठिन है क्यूंकि ध्यान ही नी देते है.. राहु का ऐसा कोई उपाय नहीं है जो धन दिलवा दे बिना शनि के बिना शुक्र के बिना केतु के.
मार्च मे शनि राशि बदल रहे है और अधिकतर को उनके आगमन के फल के शुभ अशुभ आभास होने लगा है. भले ही समझ न पा रहे हो, शनि की चाल अपने मंद गति से चलती है उनके फल भी उसी तरह मिलते है, शनि की मार ऐसे होती है जैसे एक पिता की एक गुरु की होती है जो घर और ज्ञान की जिम्मेदारी को समझने की शिक्षा देता है, दुनियादारी मे कैसे जीना है शनि सिखाता है खास्तर अपनी महादसा मे ये उनलोगो से दूर कर देता है जो अपने बनके रहते है साथ पर होते नहीं है, इसीलिए शनि प्रधान आदमी की दोस्ती बहुत कम होती है ये ज्यादातर खुद पर ही भरोसा रखते है लेकिन माता और पत्नि का सम्मान बहुत करते है यही इनके सुखी होने का कारण भी भी होता है, अशुभ शनि जातक को गरीबी से उठने नहीं देता न घर का सुख देता है घर होते हुए भी काम के लिए दर दर भटकता है एक सुकून की रोटी भी नी मिलती ये शनि अशुभता की निशानी है.. अगर धन हुआ भी तोह लोग लपेट लपेट के खा जाते है इनको ऐसे आदमी को फिर भी उनको माफ़ करता है लेकिन ज़ब अशुभ मंगल और राहु से युति करेंगे तो तब इनके परिणाम थोड़ा घातक होते है दुशरो के घर व ज़मीन को धोके से हड़पना और लोगो को अनायास ही दुख देना इनकी प्रवृति बन जाती है जिससे ये बददुआ के भागी बनते है और इनके आगे के परिणाम केतू पर निर्भर हो जाते है तब इनका किआ इनकी संताने भोगति है जो की कल बता ही चूका हूं ये तीनो एक ही कर्म के तीन पहलु है राहु केतु शनि. एक जो उकसा के कर्म ख़राब करवाता है व्यक्ति तब न तो कर्म न धर्म किसी को भी नी मानता माता पिता पत्नि को निचा दिखा के अपमान करता है, और तब शनि अपनी सभी दसा मे इनके पाप कर्मो को सुधारने के लिए उकसाते है पर नहीं समझते है क्यूंकि कलयुग है जो व्यक्ति के सर पर वास करता है उसके बाद ज़ब बात धर्म की आती है तो केतु फल अंतिम फल होते है, आपने देखा होगा ज़ब व्यक्ति के अंतिम दिन आते है तब भी उसका लालच चरम पर होता है ये मेरा है ओ मेरा है सबको बहुत बोलता भी लेकिन. लास्ट के कुछ दिन ओ बहुत रोता है सबको अचानक से समझाने लगता है की ये गलत है ओ गलत है जो मैंने किया वो मत करना. कभी बैठना समय मिले तो ऐसे व्यक्ति के धोरे फिर सुने लोग हैरान रहते है की जो पहले करना था ओ लास्ट मे कर रहा है क्यूंकि उसके किये कर्म आगे पीढ़ी के हिस्से पड़ने वाले लिखें है भोगने लिखें है ये भी कर्ज ही है पिता का बेटा चुकायेगा उष्का उसका बेटा आज के समय मे पोता चुकाता है ओ भी दुखी ही मिलता है...

👉किसी भी समस्या के लिए संपर्क कर सकते है नंबर प्रोफाइल मे है 🙏
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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JYOTISH

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