*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 18 फरवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र - चित्रा प्रातः 07:34:29 तक तत्पश्चात स्वाती*
*⛅योग - गण्ड प्रातः 09:50:39 तक, तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 03:38 से शाम 05:03 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:10:31*
*⛅सूर्यास्त - 06:27:31*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:19 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 फरवरी 19 से रात्रि 01:14 फरवरी 19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - यशोदा जयन्ती*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
चोघडिया, दिन
रोग 07:11 - 08:35 अशुभ
उद्वेग 08:35 - 09:59 अशुभ
चर 09:59 - 11:24 शुभ
लाभ 11:24 - 12:49 शुभ
अमृत 12:49 - 14:14 शुभ
काल 14:14 - 15:38 अशुभ
शुभ 15:38 - 17:03 शुभ
रोग 17:03 - 18:28 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 18:28 - 20:03 अशुभ
लाभ 20:03 - 21:38 शुभ
उद्वेग 21:38 - 23:13 अशुभ
शुभ 23:13 - 24:49* शुभ
अमृत 24:49* - 26:24* शुभ
चर 26:24* - 27:59* शुभ
रोग 27:59* - 29:34* अशुभ
काल 29:34* - 31:10* अशुभ
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, षष्ठी के दिन नीम की पत्तियों और दातुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *जन्म कुंडली में केतु का संदेश* 🌷
👉क्या आपको पता है जन्म कुंडली मे सबसे नाश मारने वाला ग्रह केतु है जिसे छुपा हुआ शिकारी बोला जाता है मैंने अपने प्रेक्टिकल मे पाया है की केतु का वार चुकता नहीं है हाँ भले ही ये सालो तक इसके फल छुपे रहे हो पर ज़ब ये वास्तविक फल देता है तोह सब राहु की करामात समझते है हो भी क्यों न दोनों एक दूसरे के पूरक है. केतु पीढ़ीयों के दुख उनके कर्म का भोग जमा करता है दादा से पिता से बेटा फिर उसका बेटा और ये उनकी जन्म कुंडली मे उसी भाव मे आकर बैठा मिलेगा जिस भाव जिस कारकत्व को उसने संजोया होगा अब ये जरुरी नहीं की ये दादा से ही सुरु तत्कालीन मे जातक से सुरु होकर उसके पोते को नजर आये उसके फल.जैसे किसी महिला जातक का विवाह हुआ उसका केतु अगर 4भाव मे हो तो वहाँ पूछने पर मिलेगा की उश्के मामा के यानि ननिहाल मे पीढ़ी छोटी होती चली जाती है यानि कम उम्र वहाँ किसी की मृत्यु व वहाँ बीमारियों का देरा होगा वही माँ के ससुराल आया तोह वहाँ उनके ससुर ने सिर्फ धन का नाश किया होगा जहाँ दिया होगा लगया होगा वापस ही नी आया डूब गया अंत मे बड़ी बिमारी से मृत्यु वहाँ की बहन बुआ उनका भी वही हाल संतान हुयी न होंगी हुयी होंगी तोह कम उम्र मे दुनिया छोड़ चुकी होंगे.. घर बिक जाता है भटकाव ही बचता है.. घर के सुख विहीन कर देता है क्यूंकि जिस घर मे बैठ जायेगा उस घर उस भाव के चीज़ो के लिए तरसा देता है और बहुत जतन भी करवाएगा पूजा, पाठ, हवन दान सब ज़ब सब ले लेगा तब खत्म कर देगा जैसे पंचम मे आये तोह संतान होने नी देगा जितना पैंसा होगा सारा फूकवा देगा डॉ मे IVBF मे पर तभी कोई रिजल्ट नहीं इनसे पूछो तो बोलते है रिपोर्ट नार्मल है फिर नहीं कुछ होता शुक्राणु महिला मे जाते ही उनका नाश कर देता है नतीजा अंडा बनता ही नहीं..अगर ये दुशरी पीढ़ी या तीसरी हुयी तोह नहीं होने देगी होंगी तोह गर्भ मे ही 5 से 7 महीने ही उजाड़ देगा या बच गया तोह या तोह कानो से सुनाई नी देगा या पैरो से अपंग होगा या मानसिक विकलांगता देगा.. अगर पहली ही पीढ़ी मे ख़राब फल मे हुआ तोह संतान देगा ओ भी एक और यदि 3 बहनो के बाद दिया तोह उम्र कम ऐसे दुर्घटना के शिकार होते है ओ भी ज़ब ये मूल नछत्र मे जन्मा हो और केतु का अधिपत्य पीठ पर हो जिसे करणी पीठ बोलते है ये पिता के लिए भी और खुद उसके लिए खराब होती है
ये ज़ब दुसरे भाव मे आएगा तो समझो कड़वी जुबान के साथ आएगा और धन का नाश ही करेगा ओ कैसे कमाते जाओ इधर उधर हॉस्पिटल उसको बर्बाद करेगा इनके कटुम्भ परिवार मे ज़ब घटना घटती है तो शुभ काम होगा तन घटती है और एक के बाद एक घटती है यहाँ गुरु साथ हुआ और उसकी दसा सुरु हो तो नर्क जीते जी जिसे बोलते है क्यूंकि ज़ब भी ये दोनों 2सरे भाव मे होंगे तोह शनि या तो 4 मे होगा 7 या 8 या 12 मे इनको न तो पढ़ाई के बाद नौकरी मिलती है मिलती भी है तो ज्यादा दिन कर नी पाते कारण ही नी पता लगता की निकाला क्यों क्यूंकि चुपके से सब हो जाता है और परिवार आगे नी बढ़ता शादी मे विलम्भ करें भी तो बोले क्या धन होता नी है... ये दुर्घटना तब देता जी ज़ब घर मे मंगल कार्य होने वाला हो या जिस दिन हो रहा होगा किसी अपने को ले डूबता है.. सिर्फ 9 और 11 और 12 मे कम बुरा करता है लेकिन करता जरूर है... केतु मंगल और गुरु के फल को भी आगे प्रदर्शित करता है इसलिए पता भी नी लगता की करामात केतु की तब कुंडली से उनके माता, उनकी माता के यहाँ के और जातक के दादा उनके ननिहाल के सेमटम्स मैच करने पड़ते है तब जड पता लगती है की चोट मार कौन रहा है, बहुत से लोग जीवन मे अथा धन कमाते है जैसे ही ओ केतु की उम्र मे यानि यानि बुढ़ापे मे प्रवेश करते है ये धन उनकी औलादे को उसके लिए मार काट कोर्ट केस जेल खानो मे बर्बादी देता है और बुढ़ापे मे भीख मांगनी पडती है.. रोड मे घूमते लोगो से बात करे तो इंग्लिश बोलते हुए और औलादो के लिए रोते मिलते है असल मे उनके कर्म थे जो आगे ट्रांसफर हो गए उनकी सन्तानो मे क्यूंकि उनको केतु वही दिन और बत्तर दिखायेगा..असल मे केतु को बहुत ही कम आँका जाता है ज्यादातर राहु को देखते है लेकिन राहु से अधिक ताकत केतु मे होती है जिसमे हाथ पैर दोनों है बाकी की सहायक ओ बनता है जो उसके साथ बैठ जाये खास्तर मंगल बुध शनि.. ज़ब घर के घर बिक जाते है उजड़ जाते है तोह कहीं न कहीं शनि का भी मंदा असर कुंडली मे होता है और कारोबार पे ताला लग जाता है बिमारी आ जाती है तोह केतु बुध का खेल सुरु समझो..
इसलिये बोलता हूं जबतक बुजुर्ग है माता पिता दादा दादी उनकी कद्र करो अगर अपनी औलादो को दुख नी देना है तोह उनके पैरो मे घुटने से लेकर पैरो के नाखूनो तक तेल की मालिश करो उनकी जितनी हो सेवा करो.. खैर क्या ही ज्ञान दूँ सड़को पर लगी भीड़ बता देती है..
मै पहले केतु की बात करता ही नी सिर्फ ज़ब कुंडली देखता हूं तोह उनसे जो सेमटम्स पूछता हूं और ओ एक्यूरेट मैच होते है तोह उन्ही से जिक्र करता हूं. क्यूंकि यहाँ लोग बोलेंगे की डरा रहे है इसलिए नहीं लिखता पर लगातार आ रही कुंडलियो मे भयानक नज़ारे देखे तोह सोचा लिख ही दूँ. 🙏*
*👉आप भी यदि किसी भी समस्या से परेशान है तो सम्पर्क कर सकते है.🙏*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉 * शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞