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पंचांग - 09-02-2025

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 09 फरवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रमसंवत्-2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी  रात्रि 07:24:45 तक तत्पश्चात  त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - आद्रा     05:51:57 शाम तक, तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग - विश्कुम्भ    12:05:46 दोपहर तक, तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- सुबह 04:58 से सुबह 06:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:17:28*
*⛅सूर्यास्त - 06:21:24*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:25 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 ए एम, फरवरी 10 से 01:15 ए एम, फरवरी 10तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - 09 फरवरी 2025 को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा करने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।*
*⛅विशेष - इस दिन शिव पूजा एवं व्रत का संकल्प किया जाता है. अखण्ड त्रयोदशी समस्त पापों का नाश करती है और सौभाग्य प्रदान करती है. इस त्रयोदशी का व्रत संतान प्राप्ति और सुखमय  वैवाहिक जीवन की कामाना के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान। शिव
 की पूजा करनी शुभदायक होती है. त्रयोदशी तिथि को पोई की पत्ती नहीं खानी चाहिए. पोई एक सदाबहार लता है, जिसे सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

   *⛅चोघडिया, दिन⛅*
उद्वेग    07:17 - 08:40    अशुभ
चर    08:40 - 10:03    शुभ
लाभ    10:03 - 11:26    शुभ
अमृत    11:26 - 12:49    शुभ
काल    12:49 - 14:12    अशुभ
शुभ    14:12 - 15:35    शुभ
रोग    15:35 - 16:58    अशुभ
उद्वेग    16:58 - 18:21    अशुभ

   *⛅चोघडिया, रात⛅*
शुभ    18:21 - 19:58    शुभ
अमृत    19:58 - 21:35    शुभ
चर    21:35 - 23:12    शुभ
रोग    23:12 - 24:49*    अशुभ
काल    24:49* - 26:26*    अशुभ
लाभ    26:26* - 28:03*    शुभ
उद्वेग    28:03* - 29:40*    अशुभ
शुभ    29:40* - 31:17*    शुभ
kundli



*⛅ 9 फरवरी को रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत,  शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय*

*⛅पंचांग के अनुसार, 09 फरवरी 2025 को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा करने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।*


*⛅ प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है। हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आने वाली त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है।*
*⛅धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है और सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलता है।  पंचांग के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी 2025 को दिन रविवार को रखा जाएगा। इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत के रखा जाएगा। कहा जाता है कि रवि प्रदोष रखने से दीर्घायु और आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त,मंत्र, पूजाविधि और उपाय...*

*⛅पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 फरवरी को शाम 07 बजकर 24:45 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 10 फरवरी को शाम 06 बजकर 56:49 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत में सायंकाल पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए 9 फरवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।*

*⛅प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त : प्रदोष व्रत के दिन शाम को प्रदोष काल में शिवजी की पूजा-अर्चना महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दिन शाम को 06 बजकर 21 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 56 मिनट तक प्रदोष का पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।*

*⛅पूजा सामग्री : रवि प्रदोष के दिन पूजा के लिए एक कलश, धतूरा, भांग, कपूर,सफेद फूल, आक का फूल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, धूप,दीप, घी सफेद वस्त्र, आम की लकड़ी, हवन सामग्री समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित कर लें।*

*⛅रवि प्रदोष व्रत 2025: पूजाविधि*
        *रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इसके बाद शिव-गौरी की विधिवत पूजा करें। शाम को शिवजी की पूजा के लिए तैयारी करें। शिवालय जाएं या घर पर ही शिव मंदिर में पूजा करें। शिवलिंग पर दूध,दही,घी, शहद,गंगाजल और शक्कर अर्पित करें। शिवजी को बेलपत्र और आक के फूल चढ़ाएं। शिव-गौरी के समक्ष दीपक जलाएं। शिवजी के मंत्र 'ऊँ नमः शिवाय' और 'ऊँ ऐं नमः शिवाय' का जाप करें। इसके बाद शिव-गौरी समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।
फिर भगवान का प्रसाद ग्रहण करें।*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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vipul

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