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पंचांग - 14-01-2025

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 14 जनवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 03:20:41 जनवरी 15 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु प्रातः 10:16:01 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - विषकम्भ रात्रि 02:57:11 जनवरी 15 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:23 से शाम 04:32 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:27:29*
*⛅सूर्यास्त - 06:01.00*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:33 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:06 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 जनवरी 15 से रात्रि 01:11 जनवरी 15 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति (पुण्यकाल प्रातः 09:03 से सूर्यास्त तक), उत्तरायण, ऋषि दर्शन जयंती, पोंगल*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
     *⛅चोघडिया, दिन⛅*
रोग    07:27 - 08:47    अशुभ
उद्वेग    08:47 - 10:06    अशुभ
चर    10:06 - 11:25    शुभ
लाभ    11:25 - 12:44    शुभ
अमृत    12:44 - 14:03    शुभ
काल    14:03 - 15:23    अशुभ
शुभ    15:23 - 16:42    शुभ
रोग    16:42 - 18:01    अशुभ
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
काल    18:01 - 19:42    अशुभ
लाभ    19:42 - 21:23    शुभ
उद्वेग    21:23 - 23:03    अशुभ
शुभ    23:03 - 24:44*    शुभ
अमृत    24:44* - 26:25*    शुभ
चर    26:25* - 28:06*    शुभ
रोग    28:06* - 29:47*    अशुभ
काल    29:47* - 31:27*    अशुभ
kundli



दुर्लभ पुष्य नक्षत्र का संयोग
में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।

मकर संक्रांति शुभ संकल्प व पुण्य काल उदयातिथि के अनुसार,  मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी 2025 मंगलवार को ही मनाई जाएगी।
इस दिन सूर्य सुबह 08:54:08 मिनट मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
इस दिन सूर्य उत्तरायण कहते हैं, जिसका अर्थ है सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है. साथ ही, मकर संक्रांति से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
 
पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पुण्य काल का समय सुबह 09:03 मिनट से लेकर शाम 05:46 मिनट तक रहेगा।
और महापुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा
इस समय मैं दान पूर्ण करना पूजा पाठ करना फल दायक रहता है।

पौष मास में जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है,

इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है।
 सूर्य का किसी राशि विशेष राशि में भ्रमण करना संक्रांति कहलाता है।

वेसे सूर्य हर माह में राशि का परिवर्तन करते हैं।
साल में बारह संक्रांतियां होती हैं और दो संक्रांतियां महत्वपूर्ण होती हैं- मकर संक्रांति और कर्क संक्रांति. सूर्य जब मकर राशि में जाता है तब मकर संक्रांति होती है.

मकर संक्रांति से मौसम एवं वातावरण में बदलाव शुरू हो जाता है क्योंकि इस संक्रांति से अग्नि तत्व की शुरुआत हो जाती है. इस समय सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन किए गए जाप और दान का फल अनंत गुना होता है।
 ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति पर दुर्लभ पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप एवं दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।



मकर संक्रांति से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य-:
पर्व मकर संक्रांति के दिन सूर्य सुबह 08:54:08 मिनट पर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

इस वर्ष 2025 में मकर संक्रांति कुम्हार के घर बैठेगी. इस दिन सूर्य देव सिंह पर सवार होकर उत्तरायण होंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, संक्रांति के वाहन का समाज और प्रकृति पर विशेष प्रभाव पड़ता है.
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की परंपरा है.
मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कपड़े पहने जाते हैं.
इस दिन कुछ लोग पीले रंग के कपड़े भी पहनते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए।
मकर संक्रांति पर दान बहुत महत्व होता है
मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. इस दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है।

पूरे भारतवर्ष में मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग राज्य जैसे
पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में ये नई फसल काटने का समय होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है. इसके अलावा मकर संक्रांति पर कहीं-कहीं पतंग उड़ाने की भी परंपरा है.
मकर संक्रांति 2025 की विशेषताएं
1. इस साल की मकर संक्रांति का नाम महोदर है.
2. मकर संक्रांति पर सूर्य देव पश्चिम दिशा में गमन करेंगे.
3. सूर्य देव का वाहन बाघ है और उप वाहन अश्व है.
4. मकर संक्रांति पर सूर्य देव पीले रंग के वस्त्र धारण करेंगे.
5. उस दिन सूर्य देव का आयुध गदा है और वे चांदी के बर्तन में पायस को भोजन स्वरूप में लेंगे.
6. मकर संक्रांति पर सूर्य देव की दृष्टि वायव्य कोण यानि उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर रहेगी.





*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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vipul

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