ब्राह्माकुमारीज के साकार संस्थापक प्रजापिताब्राह्मा का 56 वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया
प्रजापिता ब्राह्माकुमारी विश्व विश्वविधालय नागौर में संस्था के साकार संस्थापक पिताश्री ब्राह्मा बाबा मे की 56 वीं पुण्यतिथि आज बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। प्रात: 9 बजे श्रीमान् दिलीप पित्ती जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय वैश्य सम्मेलन, सचिव शानेश्वर महादेव मंदिर ट्रष्ट शिवबाडी नागौर के कर कमलों द्वारा ब्राह्मा बाबा को माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। इस अवसर पर दिलीप पित्ती ने कहा कि. इस पवित्र शांत शक्तिशाली बातावरण ने मुझे भावविभोर कर दिया। मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं
सेवाकेन्द्र प्रभारी बी के अनिता ने बताया कि आज का दिन सारे विश्व में शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। शांति के अग्रदूत पिताश्री ब्राह्मा जिनको हिन्दूधर्म में आदिदेव, मुस्लिम धर्म में आदम तथा ईसाई धर्म में एडम कहा गया है। इनको साकार माध्यम बनाकर ही वर्तमान में परमपिता परमात्मा शिव नई सतयुगी देवी सृष्टि की स्थापना का कार्य कर रहे है। गीता में भी कहा गया है कि ज़ब ज़ब धर्म की अतिग्लानि व चारों ओर पापाचार भ्रष्टाचार बड़ता है तो एक सत्य धर्म की स्थापना करने परमात्मा को ही भारत भूमि पर कया, वृद्ध, साधारण, अनुभवी तन का आधार लेकर अवतरित होना पड़ता है। यह वृद्ध अनुभवी तन लेने वाला मनुष्य ही प्रजापिता ब्रहमा है जिनडा शारत्रों में वर्णन है।
वर्तमान समय चारों तरफ अशांति, दुःख, तनाव, चिंता का बोलबोला है। अपने सत्य धर्म सनातन धर्म की मर्यादा, मूल्यों को भूलने के कारण सारी मानव जाति श्रेष्ठ कर्मो को भूल गई है अतः पुनः एक सत्य धर्म, एक देश, एक राष्ट्र एकमत होने के लिए एक परमात्मा से जुड़ने की आवश्यकता है तब ही मानव एवं प्रकृति का कल्याण हो सकता है। इस दिशा में 1937 से स्थापित ब्राह्माकुमारीज संस्था मानवमात्र का सच्चे अर्थों में कल्याण कर विश्व शांति की दिशा में अनवरत अपना योगदान दे रही है। यहाँ अनेक प्रकार की सेवायें जैसे- राजयोग मेडिटेशन युवाओं एवं व्यक्ति का समग्र विकास, डेवलमेंट प्रोग्राम, नशा मुक्ति अभियान, स्वास्थय शिविर आदि आयोजित किये जाते है। यहाँ किसी जाति, धर्म, उम्र, लिंग, आर्थिक स्तर आदि के भेदभाव बिना सभी सेवायें निःशुल्क प्रदान की जाती है। अन्त में बताया गया कि लगातार एक माह से सेवाकेन्द्र के सभी भाई बहने विश्व शांति की कामना व शुभ भावना रख अखण्ड तपस्या कर रहे है