*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 29 जनवरी 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या शाम 06:04:55 तक तत्पश्चात प्रथम*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा प्रातः 08:19:31 तक तत्पश्चात
नक्षत्र श्रवण 31:14:20*
*⛅योग - सिद्धि रात्रि 09:20:26 तक, तत्पश्चात व्यतीपात*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 03:30 से शाम 04:51 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:23:41*
*⛅सूर्यास्त - 06:13:02*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 08:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:22 ए एम, जनवरी 30 से 01:14 ए एम, जनवरी 30तक*
*⛅चोघडिया, दिन ⛅*
लाभ 07:24 - 08:45 शुभ
अमृत 08:45 - 10:06 शुभ
काल 10:06 - 11:27 अशुभ
शुभ 11:27 - 12:48 शुभ
रोग 12:48 - 14:10 अशुभ
उद्वेग 14:10 - 15:31 अशुभ
चर 15:31 - 16:52 शुभ
लाभ 16:52 - 18:13 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग 18:13 - 19:52 अशुभ
शुभ 19:52 - 21:31 शुभ
अमृत 21:31 - 23:09 शुभ
चर 23:09 - 24:48* शुभ
रोग 24:48* - 26:27* अशुभ
काल 26:27* - 28:06* अशुभ
लाभ 28:06* - 29:44* शुभ
उद्वेग 29:44* - 31:23* अशुभ
*⛅विशेष - *⛅व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ 1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*⛅2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*⛅4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*
*⛅5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*
*⛅ मौनी अमावस्या पितृ दोष और कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए करें ये खास उपाय
मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है, इस दिन मौन रहकर दान व स्नान करने का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है मोनी अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंड दान, पितर दोष पूजन भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है।
कई लोग पितृ दोष और कालसर्प दोष से परेशान रहते हैं। अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से इन दोषों से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं अमावस्या के दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-
पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों का स्मरण कर पिंड दान, पितर दोष पूजन करना चाहिए।
*कालसर्प दोष पूजन से जीवन मंगलमय होता है कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के पावन दिन विधि- विधान से कालसर्प दोष का पूजन करे और भगवान शिव जी की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस दिन दूध, दही, शहद, शक्कर, घी, पंचामृत ओर गंगा जल से भोलेनाथ का अभिषेक करें, भगवान शिव जी की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
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*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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