*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 19 जनवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पञ्चमी प्रातः 07:30:10 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 05:29:10 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 01:56:17जनवरी 20 तक, तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- शाम 04:45 से शाम 06:05 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26:53*
*⛅सूर्यास्त - 06:05:03*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:32 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:25 से दोपहर 01:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 जनवरी 20 से रात्रि 01:13 जनवरी 20 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग ( शाम 05:30 से प्रातः 07:23 जनवरी 20 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
उद्वेग 07:27 - 08:47 अशुभ
चर 08:47 - 10:06 शुभ
लाभ 10:06 - 11:26 शुभ
अमृत 11:26 - 12:46 शुभ
काल 12:46 - 14:06 अशुभ
शुभ 14:06 - 15:26 शुभ
रोग 15:26 - 16:45 अशुभ
उद्वेग 16:45 - 18:05 अशुभ
*⛅ चोघडिया, रात⛅*
शुभ 18:05 - 19:45 शुभ
अमृत 19:45 - 21:25 शुभ
चर 21:25 - 23:06 शुभ
रोग 23:06 - 24:46* अशुभ
काल 24:46* - 26:26* अशुभ
लाभ 26:26* - 28:06* शुभ
उद्वेग 28:06* - 29:46* अशुभ
शुभ 29:46* - 31:27* शुभ
*⛅लोग वशीकरण करने कराने के पीछे पागल हो रहें हैं वास्तव में वशीकरण का अर्थ है किसी व्यक्ति, परिस्थिति, या ऊर्जा को अपने नियंत्रण या प्रभाव में लाना।
*⛅आध्यात्मिक दृष्टिकोण से-
वशीकरण का सही अर्थ अपने मन, इंद्रियों, और भावनाओं को वश में करना है। जब साधक अपने भीतर की ऊर्जा को नियंत्रित करता है, तो वह अपने जीवन और साधना में स्थिरता प्राप्त करता है।
*⛅सामान्य दृष्टिकोण से-
किसी अन्य व्यक्ति या परिस्थिति को प्रभावित करने के लिए मानसिक, तांत्रिक, या किसी अन्य प्रकार की शक्ति का उपयोग वशीकरण कहलाता है।
*⛅ किसी को वशीकरण करना नैतिक और आध्यात्मिक रूप से अनुचित है। इसके पीछे कई कारण हैं-
*⛅हर व्यक्ति को अपनी स्वतंत्र इच्छा (free will) का अधिकार है। वशीकरण किसी की स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार का हनन करता है। दूसरों को अपने नियंत्रण में लाना उनके साथ अन्याय है।
*⛅कर्म का सिद्धांत-
जो भी आप किसी के साथ करेंगे, उसका प्रभाव आपके कर्मों पर पड़ेगा। वशीकरण करने से आप नकारात्मक कर्म बंधन में बंध सकते हैं। इसका परिणाम अक्सर मानसिक अशांति, ऊर्जा का क्षय, और आध्यात्मिक गिरावट होता है।
*⛅ स्वाभाविक प्रभाव- सच्चे प्रेम, सम्मान, और सामंजस्य वशीकरण से नहीं आते। किसी को प्रभावित करने के लिए ईमानदारी और अच्छे कर्म ही पर्याप्त हैं।
*⛅सही मार्गदर्शन- वशीकरण से बचें और आत्म-वशीकरण पर ध्यान दें अपने मन, इंद्रियों, और इच्छाओं को नियंत्रित करना सबसे महत्वपूर्ण है। ध्यान, योग, और साधना के माध्यम से आत्म-वशीकरण को विकसित करें।
*⛅किसी को प्रभावित करने के लिए छल, तंत्र, या किसी अन्य उपाय का उपयोग न करें। सच्चाई, प्रेम, और करुणा के साथ संबंध बनाएं।
*⛅गुरु का मार्गदर्शन लें- यदि आप वशीकरण जैसे विचारों में उलझे हैं, तो किसी आध्यात्मिक गुरु या मार्गदर्शक से परामर्श लें।अपनी ऊर्जा और क्षमताओं का उपयोग दूसरों की सेवा और कल्याण के लिए करें।
*⛅वशीकरण किसी भी रूप में उचित नहीं है। दूसरों को नियंत्रित करने के बजाय, अपने भीतर की शक्तियों और भावनाओं को नियंत्रित करें। यही सच्चा वशीकरण है।
*⛅जैसे श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है:
"उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।"
(मनुष्य को अपने ही द्वारा स्वयं का उत्थान करना चाहिए, अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए।)
*⛅रविवार विशेष⛅*
*⛅रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*⛅रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*⛅रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*⛅रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*⛅ स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*⛅ रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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