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पंचांग - 16-01-2025

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 16 जनवरी 2025*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया प्रातः 04:05:32 जनवरी 17 तक, तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - आश्लेषा    11:15:33 प्रातः तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग - आयुष्मान रात्रि 01:04:46 जनवरी 17 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 02:04 से दोपहर 03:24 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:27:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:01:51*
*⛅ चन्द्र राशि-       कर्क    till 11:15:33*
*⛅चन्द्र राशि-       सिंह    from 11:15:33*
*⛅सूर्य राशि    -   मकर*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:33 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:24 पी एम से 01:06 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:18 ए एम, जनवरी 17 से 01:12 ए एम, जनवरी 17 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
शुभ    07:27 - 08:47    शुभ
रोग    08:47 - 10:06    अशुभ
उद्वेग    10:06 - 11:26    अशुभ
चर    11:26 - 12:45    शुभ
लाभ    12:45 - 14:04    शुभ
अमृत    14:04 - 15:24    शुभ
काल    15:24 - 16:43    अशुभ
शुभ    16:43 - 18:03    शुभ
  *⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग    18:02 - 19:43    अशुभ
शुभ    19:43 - 21:23    शुभ
अमृत    21:23 - 23:04    शुभ
चर    23:04 - 24:45*    शुभ
रोग    24:45* - 26:25*    अशुभ
काल    26:25* - 28:06*    अशुभ
लाभ    28:06* - 29:47*    शुभ
उद्वेग    29:47* - 31:27*    अशुभ
kundli


*⛅विशेष - तृतीया को परवल नहीं खाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिन परवल खाने से शत्रुओं की संख्या बढ़ती है. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*⛅9 ग्रहों का शरीर के हर अंग पर होता है असर, कौन से ग्रह का किस बीमारी से संबंध, ज्योतिषी से डिटेल में जानें
 व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाएं और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के लिए उसकी कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्र जिम्मेदार होते हैं. हर ग्रर का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव देखने को मिलता है. ये ग्रह मानव जाति के अलग-अलग अंगों पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं.
हर ग्रह का एक निश्चित प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर होता है.
हमारे सौरमंडल में 9 प्रमुख ग्रह होते हैं, जो न केवल ब्रह्मांडीय गतिविधियों को संचालित करते हैं, बल्कि इनका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी पड़ता है. ये ग्रह न सिर्फ इंसानों, बल्कि पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रजातियों, पेड़-पौधों और खनिजों पर भी असर डालते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह का एक निश्चित प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर होता है. अगर हम जान लें कि कौन सा ग्रह हमारे शरीर के किस हिस्से को प्रभावित करता है, तो हम उन ग्रहों के प्रभाव को समझकर अपने जीवन को सुधार सकते हैं.  हर ग्रह का प्रभाव हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है और हम इसे कैसे पहचान सकते हैं.


1. सूर्य का प्रभाव
सूर्य को मानव शरीर के मस्तिष्क का नियंत्रक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मस्तिष्क पर सूर्य का प्रमुख आधिपत्य होता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मेष राशि में उच्च अवस्था में होता है, तो यह शुभ फल प्रदान करता है. वहीं, अगर सूर्य तुला राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह अशुभ फल दे सकता है. सूर्य के प्रभाव से मस्तिष्क की कार्यक्षमता, सोचने की शक्ति, और मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.

2. चंद्रमा का प्रभाव
चंद्रमा का प्रभाव मानव शरीर के मन, जल और इच्छाशक्ति पर पड़ता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है. वहीं, यदि चंद्रमा वृश्चिक राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता और अन्य अशुभ प्रभाव दे सकता है.

3. मंगल का प्रभाव
मंगल ग्रह का प्रभाव शरीर के आंखों और ब्लड पर पड़ता है. यदि मंगल कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है. लेकिन, यदि यह शुभ नहीं होता, तो यह आंखों, ब्लड और गले से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है.
4. बुध का प्रभाव
बुध ग्रह का प्रभाव शरीर के पाचन तंत्र, वायु तंत्र, दांत और आवाज पर पड़ता है. यदि बुध कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को स्पष्ट और प्रभावी बोलने की क्षमता प्रदान करता है. वहीं, अगर यह ग्रह नीच स्थिति में होता है, तो यह पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है.

5. गुरु का प्रभाव
गुरु ग्रह का प्रभाव शरीर के नाक और वायु तंत्र पर पड़ता है. इसके प्रभाव से पित्त और चर्बी से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गुरु का प्रभाव कर्क राशि में उच्च स्थिति में शुभ फल देता है, जबकि मकर राशि में नीच स्थिति में यह अशुभ हो सकता है.

6. शुक्र का प्रभाव
शुक्र ग्रह का प्रभाव शरीर के गुप्तांगों और त्वचा पर पड़ता है. यदि शुक्र शुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को आकर्षक और आकर्षक बनाता है. लेकिन, यदि यह नीच स्थिति में होता है, तो यह अशुभ परिणाम दे सकता है.

7. शनि का प्रभाव
शनि ग्रह का प्रभाव हड्डियों, नाभि, घुटनों और स्नायु तंत्र पर पड़ता है. शनि का शुभ और उच्च स्थिति में होना शारीरिक रूप से अच्छा होता है, लेकिन जब यह नीच अवस्था में होता है, तो यह शारीरिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे हड्डियों और जोड़ों में दर्द.

8. राहु का प्रभाव
राहु ग्रह का प्रभाव सिर के छोटे हिस्से, आतंरिक अंगों और मुख पर पड़ता है. राहु जब मिथुन राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है, लेकिन अगर यह धनु राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याओं में डाल सकता है.
9. केतु का प्रभाव
केतु ग्रह का प्रभाव गले और दिल पर पड़ता है. जब यह ग्रह खराब स्थिति में होता है, तो यह पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. लेकिन अगर केतु धनु राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है.


*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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