*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 11 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि द्वादशी 08:21:01
तिथि त्रयोदशी 30:33:16*(क्षय )*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 12:28:24 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग - शुक्ल सुबह 11:47:18 तक, तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- सुबह 10:05 से सुबह 11:24 तक*
*⛅चन्द्र राशि - वृषभ till 23:54:12*
*⛅चन्द्र राशि- मिथुन from 23:54:12*
*⛅सूर्योदय - 07:27:24*
*⛅सूर्यास्त - 05:58:45*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:32 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:22 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 जनवरी 12 से रात्रि 01:10 जनवरी 12 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:26 से दोपहर 12:29 तक)*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन को खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*काल 07:28 - 08:46 अशुभ*
*शुभ 08:46 - 10:05 शुभ*
*रोग 10:05 - 11:24 अशुभ*
*उद्वेग 11:24 - 12:43 अशुभ*
*चर 12:43 - 14:02 शुभ*
*लाभ 14:02 - 15:21 शुभ*
*अमृत 15:21 - 16:40 शुभ*
*काल 16:40 - 17:59 अशुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*लाभ 17:59 - 19:40 शुभ*
*उद्वेग 19:40 - 21:21 अशुभ*
*शुभ 21:21 - 23:02 शुभ*
*अमृत 23:02 - 24:43 शुभ*
चर 24:43 - 26:24* शुभ*
*रोग 26:24* - 28:05 अशुभ*
*काल 28:05 - 29:46 अशुभ*
*लाभ 29:46 - 31:28 शुभ*
*⛅ शनि शुक्र युति आजकल गोचर में भी बनी हुई है।*
*⛅शनि और शुक्र दोनों मित्र ग्रह हैं.*
*⛅इन दोनों ग्रहों की युति से कई तरह के फ़ायदे भी है और नुकसान भी*
*⛅शुक्र और शनि की युति के मध्य में कुछ द्वंद भी देखने को मिल सकता है.*
*⛅यहां विचारों एवं इनकी ऊर्जाओं में यह स्थिति अधिक देखने को मिलती है.*
*⛅यह दोनों ग्रह के दूसरे से विपरित गुण धर्म के होते हैं.
*⛅जहां शुक्र का कार्य भौतिकता से संबम्धित है । सुख, संपदा, ऐश्वर्य, वैभव, विलास, प्रेम, और रोमांस का कारक माना जाता है*
*⛅वहीं शनि का संबंध कर्मठता एवं संघर्ष से होता है.वैरागय देता है अकेला रहना पसंद करता है सबसे धीमे गति से चलता है।*
*⛅मतलब दोनों ही ग्रह बिल्कुल एक दूसरे के अपोजिट है।
और अगर यह युति किसी की कुंडली में भी बनी हो तो उस व्यक्ति को कितना संघर्ष करना पड़ता है।*
*⛅यह योग जब कुंडली में बनता है तो जिस भाव पर इसका प्रभाव अधिक होता है।*
*⛅ उस भव से संबंधित परिणाम भी व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण बन जाते हैं.*
*⛅कुछ भाव स्थानों में जहां इन दोनों का युति योग बेहतर परिणाम दे सकता है*
*⛅वहीं खराब स्थानों पर इनका होना फलों को कमजोर कर देने वाला होता है.*
*⛅शनि अगर अपनी राशि कुंभ या मकर में होता है तो। शनि की राशि में अगर युति होता है, इससे शुक्र ज्यादा प्रभावित होते है.*
*⛅शुक्र की युति अगर शनि की राशि में होता है, इन दोनों ग्रह का युति होने से भाग्य का वृद्धि होता है.*
*⛅जैसे आजकल गोचर में बना हुआ है।*
*⛅व्यक्ति समझदारी के साथ कार्य करता है. आप किसी से मित्रता करते है, अच्छे से निर्वाह करते है,*
*⛅ हमेशा अपने से कम उम्र के साथ विवाह करते है. शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह होता है.*
*⛅शुक बहुत तेज गति से चलने वाला ग्रह है. शुक्र और शनि की युति से जीवन में कई तरह से लाभ होता है व्यापार में उन्नति होता है।*
*⛅जन्मकुंडली के सातवे भाव में शनि और शुक्र की युति होने से पत्नी सुन्दर प्राप्त होती है,*
*⛅लेकिन शुक्र शनि अच्छे स्थति में रहे तब वैवाहिक जीवन सफल होता है या जल्दी या फिर देर से विवाह होता है.*
*⛅पत्नी के विचार में कमी होता हैं, जिससे मतभेद बनता है.*
*⛅उम्र का प्रभाव भी होता है।*
*⛅जन्मकुंडली के एकादश भाव में शनि और शुक्र का युति से अच्छा लाभ होता है.*
*⛅उधारी पैसा समय से मिलता है. भौतिक तथा अध्यात्मिक लाभ होता है कम मेहनत में ज्यादा लाभ मिलता है.*
*⛅नकारात्मक रुप से यह योग कभी-कभी प्रियजनों से अलगाव का कारण भी बन सकता है. वैवाहिक जीवन शांतिपूर्ण नहीं हो पाता है.*
*⛅पार्टनर के साथ अक्सर अनबन और प्यार में शारीरिक संतुष्टि की कमी का अनुभव हो सकता है.*
*⛅व्यक्ति कई बार अपनी भावनाओं के कारण एकाकी अर्थहीन जीवन जीने को विवश हो सकता है.*
*⛅जैसे ऊपर पोस्ट पर लिखा गया है एकांतवासी होना पड़ जाता है।*
*⛅यह युति सिर्फ कुछ ही घरों में अच्छा प्रभाव देती है । बाकी भाव में धन धन और ऐश्वर्या रहेगा लेकिन व्यक्ति निरस्त का भाव हमेशा रहेगा*
*⛅कुंडली के अनुसार और अपने भावों के अनुसार उपाय करेंगे तो बहुत अच्छा फायदा भी होगा क्योंकि यह युति बहुत शक्तिशाली भी होती है।*
*⛅जिसमें शनि न्याय करता है धन का कारक भी है और शुक्र लग्जरी देता है।*
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।
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