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पंचांग - 07-01-2025

jyotish

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 07 जनवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अष्टमी शाम 04:26:10 तक, तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - रेवती शाम 05:48:58 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - शिव रात्रि 11:14:26 तक, तत्पश्चात सिद्ध*

*⛅राहु काल - दोपहर 03:19 से प्रात:04:37 तक*
*⛅ चन्द्र राशि-       मीन    till 17:48:58*
*⛅ चन्द्र राशि-       मेष    from 17:48:58*
*⛅सूर्य राशि-       धनु*
*⛅सूर्योदय - 07:27:18*
*⛅सूर्यास्त - 05:55:37*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:32 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:20 से दोपहर 01:03 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - 12:15 ए एम, जनवरी 08 से 01:09 ए एम, जनवरी 08 तक*
💥 *चोघडिया, दिन*💥
 रोग    07:27 - 08:46    अशुभ
उद्वेग    08:46 - 10:04    अशुभ
चर    10:04 - 11:23    शुभ
लाभ    11:23 - 12:41    शुभ
अमृत    12:41 - 14:00    शुभ
काल    14:00 - 15:19    अशुभ
शुभ    15:19 - 16:37    शुभ
रोग    16:37 - 17:56    अशुभ
  💥 *चोघडिया, रात*💥
काल    17:56 - 19:37    अशुभ
लाभ    19:37 - 21:19    शुभ
उद्वेग    21:19 - 23:00    अशुभ
शुभ    23:00 - 24:42*    शुभ
अमृत    24:42* - 26:23*    शुभ
चर    26:23* - 28:04*    शुभ
रोग    28:04* - 29:46*    अशुभ
काल    29:46* - 31:27*    अशुभ
kundli


*⛅मंगलवार के दिन विशेष प्रयोग *
*⛅व्रत पर्व विवरण - पौष अष्टमी *
*⛅विशेष -  अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌀♻️ *लड़के या लड़की की शादी नहीं हो रही हो तो करें यह उपाय* ⤵️
 
1️⃣ 🌳 * वट वृक्ष की परिक्रमा करके मिट्टी ले आए।*  उस मिट्टी में 🛑 कुमकुम मिला दे और रोज उत्तर दिशा की ओर मुख करके *तिलक करें।*

📖 *ध्यान लगाकर रामायण जी की चौपाई बोले*⤵️

🌸🌸 *जय जय गिरिवर राज किशोरी*
*जय महेश मुख चंद्र चकोरी*

*०००००००००००००००००००*

2️⃣ *👩🏻 बेटी बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली* के ऊपरी हिस्से में गुरुवार को *मेहंदी लगाएं।*

और *👦🏻 बेटे* की शादी नहीं हो रही हो तो वह *दाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में मेहंदी लगाएं।*
*०००००००००००००००००००*
3️⃣ *बेटी का पिता, भाई या चाचा ☀️सूर्य भगवान को रोज 💦अर्घ्य* देते समय, पानी में थोड़ा गुड़ डाल दे और  सूर्य भगवान से प्रार्थना करें कि *"मेरी बेटी को वर अच्छा मिले"* 🙏

📌 *बेटी की शादी में कभी भी जल्दी ना करें, वह घर की लक्ष्मी है।*
*०००००००००००००००००००*

4️⃣ *रात को 🛏️सोने से पहले* अपने इष्ट का, गुरु का और मां पार्वती का सुमिरन करके सोए।👏🏻🌸👏🏻🌸

 मंत्र बोले ⤵️
*🌹ओम पार्वत्यै नमः*
*🌹ओम अंबिकाएं नमः*
 *🌹ओम उमाये: नमः*
*🌹ओम शंकर प्रियाये नमः*

इन मंत्रों से रोज रात को पार्वती जी को प्रणाम करके सोए 👏🏻👏🏻
*०००००००००००००००००००*
5️⃣ *गुरुवार या पूनम को बड़ दादा की 108 परिक्रमा करें।*
*०००००००००००००००००००*

6️⃣ *🟠🟡 मांगलिक दोष के कारण यदि कन्या या लड़के की शादी नहीं हो रही हो तो*
👇👇

*"अं रां अं"  की रोज एक 📿माला जपे*

*और 27 मंगलवार हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इससे मांगलिक दोष शांत हो जाएगा।*


*🔹#१०८शक्तिपीठों का वर्णन ।।
श्रीदेवीभागवत में वर्णित, राजा जन्मेजय द्वारा पूछे जाने पर व्यास जी द्वारा जिन  १०८ शक्ति पीठों का वर्णन किया गया वो निम्नलिखित हैं।

१. वाराणसी में देवी विशालाक्षी।
२. नैमिषारण्य क्षेत्र में देवी लिंग्धारिणी।
३. प्रयाग में देवी ललिता।
४. गंधमादन पर्वत पर देवी कामुकी।
५. दक्षिण मानसरोवर में देवी कुमुदा।
६. उत्तर मानसरोवर में, सर्व कामना पूर्ण करने वाली देवी विश्वकामा।
७. गोमान्त पर देवी गोमती।
८. मंदराचल पर देवी कामचारिणी।
९. चैत्ररथ में देवी मदोत्कता।
१०. हस्तिनापुर में देवी जयंती।
११. कन्याकुब्ज में देवी गौरी।
१२. मलयाचल पर देवी रम्भा।
१३. एकाम्र पीठ पर देवी कीर्तिमती।
१४. विश्वपीठ पर देवी विश्वेश्वरी।
१५. पुष्कर में देवी पुरुहूता।
१६. केदार स्थल पर देवी सन्मार्गदायनी।
१७. हिमात्वपीठ पर देवी मंदा।
१८. गोकर्ण में देवी भद्र कर्णिका।
१९. स्थानेश्वर में देवी भवानी।
२०. बिल्वक में देवी बिल्वपत्रिका।
२१. श्रीशैलम में देवी माधवी।
२२. भाद्रेश्वर में देवी भद्र।
२३. वरह्पर्वत पर देवी जया।
२४. कमलालय में देवी कमला।
२५. रुद्रकोटि में देवी रुद्राणी।
२६. कालंजर में देवी काली।
२७. शालग्राम में देवी महादेवी।
२८. शिवलिंग में देवी जलप्रिया।
२९. महालिंग में देवी कपिला।
३०. माकोट में देवी मुकुटेश्वरी।
३१. मायापुरी में देवी कुमारी।
३२. संतानपीठ में देवी ललिताम्बिका।
३३. गया में देवी मंगला।
३४. पुरुषोतम क्षेत्र में देवी विमला।
३५. सहस्त्राक्ष में देवी उत्पलाक्षी।
३६. हिरण्याक्ष में देवी महोत्पला।
३७. विपाशा में देवी अमोघाक्षी।
३८. पुंड्रवर्धन में देवी पाडला।
३९. सुपर्श्व में देवी नारायणी।
४०. चित्रकूट में देवी रुद्रसुन्दारी।
४१. विपुल क्षेत्र में देवी विपुला।
४२. मलयाचल में देवी कल्याणी।
४३. सह्याद्री पर्वत पर देवी एकवीरा।
४४. हरिश्चंद्र में चन्द्रिका।
४५. रामतीर्थ में देवी रमण।
४६. यमुना में देवी मृगावती।
४७. कोटितीर्थ में देवी कोटवी।
४८. माधव वन में देवी सुगंधा।
४९. गोदावरी में देवी त्रिसंध्या।
५०. गंगाद्वार में देवी रतिप्रिया।
५१. शिवकुंड में देवी सुभानंदा।
५२. देविका तट पर देवी नंदिनी।
५३. द्वारका में देवी रुकमनी।
५४. वृन्दावन में देवी राधा।
५५. मथुरा में देवी देवकी।
५६. पाताल में देवी परमेश्वरी।
५७. चित्रकूट में देवी सीता।
५८. विन्ध्याचल पर देवी विध्यवासिनी।
५९. करवीर क्षेत्र में देवी महालक्ष्मी।
६०. विनायक क्षेत्र में देवी उमा।
६१. वैद्यनाथ धाम में देवी आरोग्य।
६२. महाकाल में देवी माहेश्वरी।
६३. उष्ण तीर्थ में देवी अभ्या।
६४. विन्ध्य पर्वत पर देवी नितम्बा।
६५. माण्डवय क्षेत्र में देवी मांडवी।
६६. माहेश्वरी पुर में देवी स्वाहा।
६७. छगलंड में देवी प्रचंडा।
६८. अमरकंटक में देवी चंडिका।
६९. सोमेश्वर में देवी वरारोह।
७०. प्रभास क्षेत्र में देवी पुष्करावती।
७१. सरस्वती तीर्थ में देव माता।
७२. समुद्र तट पर देवी पारावारा।
७३. महालय में देवी महाभागा।
७४. पयोष्णी में देवी पिन्गलेश्वरी।
७५. कृतसौच क्षेत्र में देवी सिंहिका।
७६. कार्तिक क्षेत्र में देवी अतिशंकारी।
७७. उत्पलावर्तक में देवी लोला।
७८. सोनभद्र नदी के संगम पर देवी सुभद्रा।
७९. सिद्ध वन में माता लक्ष्मी।
८०. भारताश्रम तीर्थ में देवी अनंगा।
८१. जालंधर पर्वत पर देवी विश्वमुखी।
८२. किष्किन्धा पर्वत पर देवी तारा।
८३. देवदारु वन में देवी पुष्टि।
८४. कश्मीर में देवी मेधा।
८५. हिमाद्री पर्वत पर देवी भीमा।
८६. विश्वेश्वर क्षेत्र में देवी तुष्टि।
८७. कपालमोचन तीर्थ पर देवी सुद्धि।
८८. कामावरोहन तीर्थ पर देवी माता।
८९. शंखोद्धार तीर्थ में देवी धारा।
९०. पिंडारक तीर्थ पर धृति।
९१. चंद्रभागा नदी के तट पर देवी कला।
९२. अच्छोद क्षेत्र में देवी शिवधारिणी।
९३. वेण नदी के तट पर देवी अमृता।
९४. बद्रीवन में देवी उर्वशी।
९५. उत्तर कुरु प्रदेश में देवी औषधि।
९६. कुशद्वीप में देवी कुशोदका।
९७. हेमकूट पर्वत पर देवी मन्मथा।
९८. कुमुदवन में सत्यवादिनी।
९९. अस्वथ तीर्थ में देवी वन्दनीया।
१००. वैश्वनालय क्षेत्र में देवी निधि।
१०१. वेदवदन तीर्थ में देवी गायत्री।
१०२. भगवान् शिव के सानिध्य में देवी पार्वती।
१०३. देवलोक में देवी इन्द्राणी।
१०४. ब्रह्मा के मुख में देवी सरस्वती।
१०५. सूर्य के बिम्ब में देवी प्रभा।
१०६. मातृकाओ में देवी वैष्णवी।
१०७. सतीयों में देवी अरुंधती।
१०८. अप्सराओं में देवी तिलोतम्मा।
१०९. शरीर धारियों के शारीर में या चित में ब्रह्मकला।
☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
*👉 *सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
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