*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 04 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पञ्चमी रात्रि 10:00:29 तक, तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 09:22:28 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - सिद्धि सुबह 10:06:54 तक, तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- सुबह 10:03 से सुबह 11:22 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26:50*
*⛅सूर्यास्त - 05:53:25*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:31 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:01 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 जनवरी 05 से रात्रि 01:07 जनवरी 05 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - व्यतीपात योग (प्रातः 10:07 से प्रातः 07:30:54 जनवरी 05 तक)*
*⛅विशेष - पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *चोघडिया, दिन*💥
काल 07:27 - 08:45 अशुभ
शुभ 08:45 - 10:03 शुभ
रोग 10:03 - 11:22 अशुभ
उद्वेग 11:22 - 12:40 अशुभ
चर 12:40 - 13:58 शुभ
लाभ 13:58 - 15:17 शुभ
अमृत 15:17 - 16:35 शुभ
काल 16:35 - 17:53 अशुभ
💥 *चोघडिया, रात*💥
लाभ 17:53 - 19:35 शुभ
उद्वेग 19:35 - 21:17 अशुभ
शुभ 21:17 - 22:59 शुभ
अमृत 22:59 - 24:40 शुभ
चर 24:40 - 26:22 शुभ
रोग 26:22 - 28:04 अशुभ
काल 28:04 - 29:45 अशुभ
लाभ 29:45 - 31:27 शुभ
*⛅शनिवार के दिन विशेष प्रयोग *⛅
*⛅शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*⛅ हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*⛅आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
*⛅एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि
रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं
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*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
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