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मृत्यु पंचक के पांच दिन बेहद खतरनाक, मृत्यु पंचक में भूलकर भी ना करें, वरना गंभीर होंगे परिणाम

 

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 मृत्यु पंचक के पांच दिन बेहद खतरनाक, मृत्यु पंचक में भूलकर भी ना करें, वरना गंभीर होंगे परिणाम 
 7 दिसंबर 2024,     षष्ठी    ,
    शुक्ल पक्ष मार्गशीर्ष शनिवार संवत 2081 से मृत्यु पंचक की शुरुआत  हो रही है। जो 11 दिसंबर 2024 बुधवार को 11:47 तक रहेगा।

पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही है। नागौर के ज्योतिषाचार्य रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा के अनुसार, पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं।

शनिवार को घनिष्ठा नक्षत्र में पंचक शुरू हो रहा है। इसलिए इन्हें मृत्यु पंचक कहा जाएगा। पांच दिनों का यह समय काल बेहद कष्टकारी होता है,
 
     पंचक वह समयकाल होता है। जब शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। वहीं, अगर पांच दिनों तक चलने वाले पंचक शनिवार के दिन से शुरू हो रहे हों तो इन्हें मृत्यु पंचक कहा जाता है, जो बेहद कष्टकारी साबित हो सकते हैं। मृत्यु पंचक के दौरान यात्रा, शुभ कार्यों की शुरुआत आदि करना अच्छा नहीं माना जाता। इसके साथ ही इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा भी नहीं करनी चाहिए। हालांकि कुछ ऐसे कार्य भी हैं, जिन्हें मृत्यु पंचक के दौरान करके आप हानि की जगह लाभ पा सकते हैं।

सभी पंचकों में मृत्यु पंचक को सबसे अधिक कष्टकारी माना जाता है। शनिवार को शुरू होने के कारण इनका नाम मृत्यु पंचक पड़ा है। वहीं रविवार को शुरू होने वाले पंचक रोग पंचक कहे जाते हैं। सोमवार को शुरू होने वाले पंचक राज पंचक के नाम से जाने जाते हैं। मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है।
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। विद्वानों के अनुसार इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है।
शनिवार को आने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। इसी तरह हर पंचक को कुछ न कुछ नाम दिया गया है।

 मृत्यु पंचक रोग उत्पन्न करने वाला
कष्टकारी  होता है। तो इसके उपाय भी जरूरी है। इस दौरान क्या उपाय करने से आपको लाभ हो सकता है।

शनिवार से शुरू होने वाले पंचक भले ही कष्टकारी हों, लेकिन इस दौरान जरूरतमंद की सहायता करना आपके लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होता है। ऐसा करने से शनि देव की कृपा आप पर बरसती है।

वहीं शनिवार को शुरू होने वाले पंचक में शनिवार के दिन से ही
आपको छाया दान करना चाहिए ।
यह उपाय करने से आपके कई कष्ट दूर होते हैं और पंचकों के दौरान भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।

पंचक के दौरान महाकाल भगवान
महाकाल महाराज शिव की पूजा करना भी बेहद शुभ होता है। इस दौरान शिवलिंग पर जल, तिल सरसों अर्पित करने से और शिव अभिषेक, पूजा अर्चना, रुद्री का पाठ करने से आपका जीवन कष्ट कारी नहीं होता। इसके साथ ही शिव जी की पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्ति होती हैं। इसलिए पंचक काल में आपको शिव पूजन अवश्य करना चाहिए।
शनिवार से शुरू होने वाले पंचकों के दौरान वीर हनुमान जी की आराधना का भी विशेष महत्व है। इस अवधि में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करना और हनुमान मंदिर जाकर दीप दान करने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। आपको करियर और निजी जीवन में इस उपाय को करने के बाद अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र, जूते, तिल, काली उड़द आदि का दान करने से भी आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये चीजें शनि के बुरे प्रभाव को तो कम करती ही हैं, साथ ही आप पंचकों के दौरान सुरक्षित रहते हैं। इन चीजों का दान शनिवार को करने से आपके बिगड़ते काम भी बन सकते हैं।
इन उपायों के अलावा शनिवार के दिन अगर आप पीपल के पेड़ तले दीपक जलाकर पूजा करते हैं तो इससे भी कई दुर्घटनाओं से आप बच सकते हैं।

मृत्यु पंचक मृत्यु के भय से मुक्ति देते हैं। काल भैरव नाथ, इनकी  पूजा अर्चना से मृत्यु पंचक मृत्यु के भय से मुक्ति देते हैं। इनकी की उपासना अवश्य करनी चाहिए।

पंचक, वो पांच नक्षत्रों का समय होता है जब अशुभ कामों का असर पांच गुना बढ़ जाता है! ये नक्षत्र हैं धनिष्ठा नक्षत्र का आखिरी चरण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती। ज्योतिष के अनुसार, इन नक्षत्रों में चंद्रमा के होने पर किए गए बुरे कामों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

 ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।

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