पंचांग - 23-12-2024
दिसंबर 22, 2024
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*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक -23 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी शाम 05:07:13दिसम्बर 23 तक, तत्पश्चात नवमी *
*⛅नक्षत्र - उतराफाल्गुनी 09:08:09 सुबह दिसम्बर 23 तक, तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - सौभाग्य शाम 07:53:08 तक, तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- शाम 08:41 से शाम 09:59 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22:51*
*⛅सूर्यास्त - 05:45:49*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 12:55 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:07 दिसम्बर 24 से रात्रि 01:02 दिसम्बर 24 तक*
*⛅*चोघडिया, दिन*⛅*
अमृत 07:23 - 08:41 शुभ
काल 08:41 - 09:59 अशुभ
शुभ 09:59 - 11:16 शुभ
रोग 11:16 - 12:34 अशुभ
उद्वेग 12:34 - 13:52 अशुभ
चर 13:52 - 15:10 शुभ
लाभ 15:10 - 16:28 शुभ
अमृत 16:28 - 17:46 शुभ
*⛅*चोघडिया, रात*⛅*
चर 17:46 - 19:28 शुभ
रोग 19:28 - 21:10 अशुभ
काल 21:10 - 22:52 अशुभ
लाभ 22:52 - 24:35 शुभ
उद्वेग 24:35 - 26:17 अशुभ
शुभ 26:17 - 27:59 शुभ
अमृत 27:59 - 29:41 शुभ
चर 29:41 - 31:23 शुभ
*⛅ व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से दोपहर 02:31 तक), कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:17 से दोपहर 02:31 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (अहोरात्रि)*
*⛅विशेष - अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। 9. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🪷* ⭐ आज का टॉपिक नीच का शुक्र 💜💜
👉 शुक्र 27 डीग्री कन्या राशि में परम नीचता को प्राप्त करता है
👉 शुक्र क्या है ?
💥 शुक्र प्रेम है कला है शुक्र सृजन शक्ति है शुक्र विलासिता है शुक्र वैवाहिक जीवन है शुक्र ही प्रेम् सम्बन्ध है शुक्र कल्पना शक्ति है शुक्र ग्लैमर है शुक्र लाइम लाइट है शुक्र सुंदरता है शुक्र ही आकर्षण है शुक्र ही पत्नी है शुक्र ही कलाकार है
💜 हर वो चीज जो आपको अपनी तरफ़ आकर्षित करे वो शुक्र है
हर वो चीज जो विलासिता की प्रतीक है शुक्र है
💎 कन्या राशि क्या है ?
👉 कन्या राशि कालपुरूष कुण्डली 6th राशि कन्या राशि वास्तविकता की राशि है तर्क वितर्क की राशि है बुध की राशि है कन्या राशि वाद विवाद डिबेट कॉम्पिटिशन की राशि है विश्लेषण की राशि है तर्कशीलता की राशि है रोगों बिमारी की राशि है ।
👉 नीच के शुक्र होने पर प्रभाव
💜 कुंडली मैं जब शुक्र कन्या राशि मैं होता है तो वो ख़ुद को सुखद मेहसूस नही करता कारण शुक्र आनंद है भोग विलास है शुक्र का वास्तविकता से कोई लेना देने नही है लेकिन कन्या राशि जातक को वास्तविक दृष्टिकोण प्रदान करती है ये सूक्ष्म निरीक्षण देती है कैलकुलेटिव माइंड सेट देती है यहां शुक्र सहज महसूस नही करता जैसे एक फाइन आर्टस से जुड़े यां मॉडलिंग एक्टिंग से जुड़े जातक को कहा जाए आप phd करे रिसर्च करे साइंटिफिक वर्क करे तो जातक सहज मेहसूस नही करेगा यहां शुक्र की यही स्थति होती है ।
👉नीच शुक्र होंने पर परेशानियां
💜 *जब शुक्र नीच राशि मैं होता है तो जातक मैं कलात्मक शक्ति सृजनात्मक शक्ति कम हो जाती है ऐसे लोग कुछ शर्मीली प्रकृति के होते है अपनी खूबियों को लेकर इनमे संशय रहता है अपने व्यक्तित्व को लेकर ये डाउट फुल होते है ऐसे लोग अपनी सुंदरता बाहरी आवरण को लेकर थोड़ा जयादा सोचते है शुक्र लव अफेयर रिलेशन्शिप का कारक है ऐसे लोगों के ब्रेकअप जयादा होते है पुरुष कुण्डली में शुक्र पत्नी का वीर्य का कारक है तो पुरुष कुण्डली में शुक्र के अत्यधिक पीड़ित होंने पर तलाक देखें जा सकते है ( हालाकि तलाक के लिए सप्तम भाव उसपर पड़ने वाला प्रभाव और 6 7 8 10 12 भाव का निरीक्षण करना जरूरी है ) ऐसे लोगों को सम्बन्धों का निर्वाह करने मैं परेशानियां आती है।*
👉 *नोट - नीच का शुक्र अलग अलग भावों में अलग अलग नक्षत्र में अलग परिणाम देगा हर जातक की कुण्डली विशेष है शुक्र के नीच भंग होंने पर परिणाम बदल जाएंगे , नीच शुक्र के साथ बुध की स्थति और शुक्र की वर्ग कुंडलियों में स्थति देखकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है कि शुक्र वास्तव में पीड़ित है कि नहीं।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
👉वाद-विवाद (मुकदमे में) जय👉दबे या नष्ट-धन की पुनः प्राप्ति👉 वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण
👉राजवशीकरण
👉 शत्रुपराजय
👉नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति
👉 भूतप्रेतबाधा नाश
👉सर्वसिद्धि
👉 सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राज,)*
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