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पंचांग - 22-12-2024

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक -22 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि -  सप्तमी दोपहर 02:31:23दिसम्बर 22 तक, तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र -     उतराफाल्गुनी    06:13:06     सुबह  दिसम्बर 23 तक, तत्पश्चात उतराफाल्गुनी*
*⛅योग - आयुष्मान् शाम 06:58:57 तक, तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल_हर  जगह का अलग है- शाम 04:27 से शाम 05:45 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22:23*
*⛅सूर्यास्त - 05:45:17*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 12:55 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:07 दिसम्बर 23 से रात्रि 01:01 दिसम्बर 23 तक*
shyam



   *⛅*चोघडिया, दिन*⛅*
काल    07:22 - 08:40    अशुभ
शुभ    08:40 - 09:58    शुभ
रोग    09:58 - 11:15    अशुभ
उद्वेग    11:15 - 12:33    अशुभ
चर    12:33 - 13:51    शुभ
लाभ    13:51 - 15:09    शुभ
अमृत    15:09 - 16:27    शुभ
काल    16:27 - 17:45    अशुभ
  *⛅*चोघडिया, रात*⛅*
लाभ    17:45 - 19:27    शुभ
उद्वेग    19:27 - 21:09    अशुभ
शुभ    21:09 - 22:51    शुभ
अमृत    22:51 - 24:34    शुभ
चर    24:34 - 26:16    शुभ
रोग    26:16 - 27:58    अशुभ
काल    27:58 - 29:40    अशुभ
लाभ    29:40 - 31:22    शुभ
*⛅ व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से दोपहर 02:31 तक), कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:17 से दोपहर 02:31 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (अहोरात्रि)*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है व अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
   *🪷*साल की सबसे लंबी रात और सबसे छोटा दिन आने वाला है, दिसंबर की इस डेट को याद कर लें।*
   *🪷*साल में 365 दिन होते हैं और हर दिन 24 घंटे का होता है. लेकिन साल में चार दिन ऐसे होतें हैं, जिनकी अलग ही खासियत है. इन चार दिनों में 21 मार्च, 21 जून, 23 सितंबर और 22 दिसंबर आते हैं.*
   *🪷*और भी जानकारी पढ़ें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सबसे पहले यह ध्यान दें कि यदि 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है तो 21 जून की रात सबसे छोटी होती है। वहीं 21 दिसंबर के बाद रात सबसे बड़ी होती है, इसलिए 22 दिसंबर का दिन साल का सबसे छोटा दिन होता है।*
   *🪷* विंटर सॉलिस्टिस साल की सबसे लंबी रात,  सर्दियों का समय आ गया है, वर्तमान में दिसंबर का महीना चल रहा है. इस मौसम में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं. दिसंबर में एक ऐसा दिन आता है, जब वर्ष का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है.
 सर्दियों का मौसम आरंभ हो चुका है. दिन छोटे होते जा रहे हैं और रातें लंबी होती जा रही हैं. आज 21 दिसंबर का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन वर्ष की सबसे लंबी रात होगी, जो लगभग 16 घंटे तक चलेगी. वहीं, दिन केवल 8 घंटे का होगा.*    
*🪷* इसे शीतकालीन संक्रांति के रूप में जाना जाता है. इस दिन पृथ्वी की सूर्य से दूरी अधिक होती है और चांद की रोशनी पृथ्वी पर अधिक समय तक बनी रहती है.*

   *🪷*दिन और रात के समय में परिवर्तन का खगोलीय कारण विंटर सॉलिस्टिस खगोलीय घटना पृथ्वी के 23.4 डिग्री के झुकाव के कारण होती है, जो इसे सामान्य दिनों से भिन्न बनाती है. सामान्य दिनों में दिन और रात का समय लगभग समान होता है, अर्थात् 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. लेकिन 21 दिसंबर के बाद रातें संक्षिप्त और दिन लंबे होने लगते हैं. इसे शीतकालीन संक्रांति के नाम से जाना जाता है.*

   *🪷* आने वाली है साल की सबसे लंबी रात, सूर्य की किरणों से जुड़ी है ये प्रक्रिया विंटर सोलस्टाइस का नामकरण   लैटिन शब्द से उत्पन्न हुआ है, जिसे ‘सोल्स्टिम’ कहा जाता है. ‘सोल’ का अर्थ सूर्य और ‘सेस्टेयर’ का अर्थ स्थिरता है. इन दोनों शब्दों के संयोजन से ‘सोलस्टाइस’ शब्द का निर्माण हुआ, जिसका अर्थ है सूर्य का स्थिर रहना.*
   *🪷* प्रत्येक वर्ष 21 और 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्ध की मकर रेखा पर सीधे पड़ती हैं, जिससे उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे दूर हो जाता है. इसी कारण उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है.*
   *🪷*यह दिन विशेष रूप से उत्तरी गोलार्ध के देशों में अधिक प्रभाव डालता है, जहां दिन की लंबाई बढ़ती है और रातें छोटी होती हैं. इस दिन का एक विशेष क्षण भी होता है, जब आपकी परछाई पूरी तरह से गायब हो जाती है.*
   *🪷*पृथ्वी पर मौसम के परिवर्तन का प्रमुख कारण उसकी झुकी हुई धुरी और सूर्य के चारों ओर उसकी परिक्रमा करना है. हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है, जिसके कारण विभिन्न समयों में विभिन्न स्थानों पर सूर्य की किरणें भिन्न-भिन्न कोणों पर पड़ती हैं.*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
👉वाद-विवाद (मुकदमे में) जय👉दबे या नष्ट-धन की पुनः प्राप्ति👉 वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण
👉राजवशीकरण
👉 शत्रुपराजय
👉नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राज,)*
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