*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक -21 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी प्रातः 12:20:40 दिसम्बर 19 तक, तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व फाल्गुनी 06:13:06 सुबह दिसम्बर 21 तक, तत्पश्चात उतराफाल्गुनी*
*⛅योग - प्रीति शाम 06:21:18 तक, तत्पश्चातआयुष्मान
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*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 11:15 से दोपहर 12:33 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21:23*
*⛅सूर्यास्त - 05:44:18*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:26 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 12:54 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:06 दिसम्बर 22 से रात्रि 01:00 दिसम्बर 22 तक*
*🪷*चोघडिया, दिन*🪷*
चर 07:21 - 08:39 शुभ
लाभ 08:39 - 09:57 शुभ
अमृत 09:57 - 11:15 शुभ
काल 11:15 - 12:33 अशुभ
शुभ 12:33 - 13:51 शुभ
रोग 13:51 - 15:09 अशुभ
उद्वेग 15:09 - 16:26 अशुभ
चर 16:26 - 17:44 शुभ
*🪷*चोघडिया, रात*🪷*
रोग 17:44 - 19:27 अशुभ
काल 19:27 - 21:09 अशुभ
लाभ 21:09 - 22:51 शुभ
उद्वेग 22:51 - 24:33 अशुभ
शुभ 24:33 - 26:15 शुभ
अमृत 26:15 - 27:57 शुभ
चर 27:57 - 29:40 शुभ
रोग 29:40 - 31:22 अशुभ
*🪷विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है, इसलिए इस दिन बेल नहीं खाना चाहिए.
ब्रह्म वैवर्त पुराण के मुताबिक, पंचमी को बिल्व नहीं खाना चाहिए।*
*🪷*व्रत रखने पर, मांस, मछली, अंडे, प्याज़, लहसुन, तली हुई चीज़ें, चटपटे मसालेदार भोजन, और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।*
*🪷*केतु आपके लिए फायदेमंद है यह हैं संकेत।*🪷*
*🪷* - आप लोगों को माफ कर सकते हैं और द्वेष नहीं रख सकते।*
*🪷* -जब भोजन और संसाधनों की बात आती है तो आप दान करने के लिए तैयार हैं, कोई ऐसी चीज़ दे सकते हैं जो आपको सबसे अधिक पसंद हो।*
*🪷* -आप उन लोगों का मूल्यांकन नहीं करें जो जीवन में अच्छा नहीं कर रहे हैं/या आपसे बहुत सफल हैं।*
*🪷* -आप उन लोगों के साथ संचार/मित्रता समाप्त नहीं करते हैं जिनमें किसी भी प्रकार की पूर्णता की कमी है या जो आप पर उपकार करने में सक्षम नहीं हैं।*
*🪷* -आप अमीरों और गरीबों के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं।*
*🪷* -आप अपने अंतरंग संबंधों पर भरोसा करते हैं।*
*🪷* -आप अंतिम परिणाम की अपेक्षा प्रयासों और प्रक्रिया में खो जाते हैं।*
*🪷* -आप अपने जीवन के अधिकांश समय में रात में आसानी से अच्छी नींद ले सकते हैं।*
*🪷* -आपको उन लोगों की मदद करने का मौका मिलता है जो महामारी, प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों, गरीबी जैसे विभिन्न कारणों से संकट और पीड़ा में हैं।*
*🪷*आपका केतु कौन से स्थान पे है ?*🪷*
*🪷*राहु खराब होने के होते हैं ये लक्षण, आज ही अपनाएं मुक्ति के लिए ये उपाय*
*🪷*राहु को आमतौर पर केतु के साथ जोड़ा जाता है, जो एक और छाया ग्रह है. मान्यता के अनुसार, राहु बुरे और अच्छे फल दोनों देता है. कुंडली में अगर राहु खराब दशा में है तो खराब आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि राहु खराब होने के क्या लक्षण है.*
*🪷*ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रह है सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु. हर ग्रह की अपनी परिभाषा है. ऐसा ही एक ग्रह है राहु. राहु को अशुभ माना जाता है. राहु तमस असुर है. राहु आरोही या उत्तर चंद्र आसंधि के देवता है. राहु राक्षसी सांप का मुखिया है. राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया. छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है. राहु के गुण रोग, शत्रुता और ऋण होते हैं. राहु के प्रभाव में लोग निडरता, बहादुरी और आत्मविश्वास से भरे होते हैं. इन गुणों के कारण, इस छाया ग्रह का प्रभाव कलियुग में बढ़ रहा है.*
*🪷*ऐसा माना जाता है कि अगर आपका राहु बली है तो आप अति धार्मिक होंगे जब कि वह राक्षसी ग्रह है. कुंडली में राहु अगर अच्छी स्थिति में बैठे हैं तो इसका प्रभाव सूर्य और बृहस्पति की किरणों पर पड़ता है. जिससे राहु जीवन में लाभ की स्थिति बनाते हैं.*
*🪷* राहु खराब होने के ये हैं लक्षण*🪷*
*🪷*माना जाता है कि किसी भी ग्रह के साथ राहु की युति बेहद खराब होती है. जैसे सूर्य और राहु की युति से पितृ दोष, शनि और राहु की युति से श्रापित दोष, चंद्र और राहु की युति से ग्रहण दोष, गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल योग, शुक्र और राहु की युति से पत्भर्थ दोष है. राहु खराब होने से पेट संबंधी समस्या, सिर दर्द होना, रिश्ते खराब होना, स्वयं को ले कर गलतफहमी, आर्थिक नुकसान, आपसी नुकसान, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना, वाहन दुर्घटना, अपयश की प्राप्ति, अच्छे मित्र न मिलना. राहु राजनीति में तमाम उपलब्धियां दिलाता है.*
*🪷*राहु को शांत करने के उपाय*
*1. राहु के खराब होने से मन भ्रमित होने लगता है ऐसे में योग-ध्यान का निरंतर अभ्यास करना राहु को शांत करता है.*
*2. राहु को भगवान शिव का भक्त माना जाता है, इसलिए राहु को शांत करने के लिए आपको प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए, साथ ही "ऊं नमः शिवाय" मंत्र का जाप भी करना चाहिए.*
*3. भगवान भैरव नाथ के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना भी राहु को शांत करता है.*
*4. राहु को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना गया है.*
*5. यदि विवाहित हैं तो ससुराल पक्ष के लोगों के साथ अच्छे संबंध रखना भी राहु को प्रसन्न करता है.*
*6. राहु को शांत करने के लिए शराब-सिगरेट आदि मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें.*
*7. सोमवार के दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करना भी राहु के बुरे प्रभावों से बचाता है.*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
👉वाद-विवाद (मुकदमे में) जय👉दबे या नष्ट-धन की पुनः प्राप्ति👉 वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण
👉राजवशीकरण
👉 शत्रुपराजय
👉नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति
👉 भूतप्रेतबाधा नाश
👉सर्वसिद्धि
👉 सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राज,)*
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