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पंचांग - 14-12-2024

jyotish

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
 🌤️*दिनांक -14 दिसम्बर2024*
🌤️*दिन -  शनिवार*
🌤️*विक्रम संवत - 2081*
🌤️*शक संवत -1946*
🌤️*अयन - दक्षिणायन*
🌤️*ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️*मास - मार्गशीर्ष*
🌤️*पक्ष - शुक्ल*
🌤️*तिथि - चतुर्दशी  सायं04:58:09 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
🌤️ *नक्षत्र रोहिणी    03:53:43am* तक तत्पश्चात     मृगशीर्षा*
🌤️*योग - सिद्ध 08:25:03am तक तत्पश्चात शुभ*
🌤️*राहुकाल - दोपहर 11:11 से शाम 12:29तक*
🌤️*सूर्योदय 07:17:57*
🌤️*सूर्यास्त -  5:41:49*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*

  *⛅*चोघडिया, दिन*⛅*
चर    07:17 - 08:35    शुभ
लाभ    08:35 - 09:53    शुभ
अमृत    09:53 - 11:11    शुभ
काल    11:11 - 12:29    अशुभ
शुभ    12:29 - 13:47    शुभ
रोग    13:47 - 15:05    अशुभ
उद्वेग    15:05 - 16:23    अशुभ
चर    16:23 - 17:41    शुभ

 *⛅*चोघडिया, रात *⛅*
रोग    17:41 - 19:24    अशुभ
काल    19:24 - 21:06    अशुभ
लाभ    21:06 - 22:48    शुभ
उद्वेग    22:48 - 24:30    अशुभ
शुभ    24:30 - 26:12    शुभ
अमृत    26:12 - 27:54    शुभ
चर    27:54 - 29:36    शुभ
रोग    29:36 - 31:18    अशुभ
kundli

🚩 *व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:
इस दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए.
इस दिन सोना नहीं चाहिए.
इस दिन जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए.*🚩

*🚩#आज कुछ छोटे #राजकुमार (बुध )के ऊपर🙏🙏
     
..........

📌बुध कहते है कि.....

▪️लोग मुझे बच्चा समझकर ध्यान नही देते।

▪️लेकिन में ही उनके दिमाग की #नशे हूँ ।

▪️उनका तंत्रिका तंत्र हूं ।

▪️उनको नही पता में बिगड़ गया तो #भेजा खाली कर सकता हूं उनका।

▪️ये सही है कि मुझ अकेले को सम्हालना मुश्किल है लेकिन में उनकी #एनर्जी का 75% ग्रहण कर लेता हूं।

▪️मैं सूर्य के पास रहता हूं इसलिए सूर्य का भी तेज है मेरे पास।

▪️मैं तो  #विष्णु से क्या कम हु।

▪️सामने वाले के रंग में रंग जाता हूं।

🛡️मैं बुध हूं ।

▪️तेरी वाणी भी में ही हु पार्थ।

▪️तेरी त्वचा भी में ही hu ।

▪️तेरी बड़ी आंत भी में ही हूँ ।

▪️मुझे तू कम न आंक मनुष्य।

▪️मैं बिगड़ा तो तू कहि का न रहेगा।

▪️तंत्रिका तंत्र गया।

▪️बड़ी आंत गयी तो बचेगा क्या तेरे अंदर।

🛡️मैं बुध हूँ ।

▪️मैं तो किसी के रंग में भी रंग जाता हूं।

▪️वराह ने तो मुझे लग्न के साथ मिलाके लग्न को ओर बलि ओर शुभ बना दिया। क्योंकि में तो सांमने वाले कर रंग में रंग जाता हूं।

▪️सूर्य के रंग में रंगा तो #बुधादित्य_योग में रंग गया।

▪️चन्द्र के साथ मिला तो मन की गहराइयों में ऐसा लेके जाता हूं कि सूक्ष्म से सूक्ष्म बात को समझा देता हूं।

▪️मंगल के साथ दिमाग के घोड़े ऐसे दौड़ाता हु की तुझ चैन से नही बैठने देता हूं बड़े बड़े काम करवाता हु तुझसे।

▪️गुरु के साथ तो तुझे महाज्ञानी ओर महा शुभ बना देता हूं।

🛡️मैं बुध ही तो हु।

शुक्र के साथ #महालक्ष्मी योग बना देता हूं। यही शुक्र मुझे अपना बल दे देता है।

▪️शनि भी तो मेरे रंग में रंग जाता है। क्या जबरदस्त निर्णय क्षमता बनाता हूँ इसी शनि के साथ मिलकर।

▪️लोग राहु का गुण गाते है। उसके रंग में रंगे है। लेकिन यही राहु मेरी राशियों में #नतमस्तक हो जाता है।

▪️मिथुन मेरी ही राशि है जहाँ यह उच्च का हो जाता है। मैं ही तो इसको मिथुन में कन्ट्रोल करता हु। मेरी इसी मिथुन राशि मे राहु इतनी व्रद्धि करता है कि कोई सीमा न रहे।

▪️मेरी राशि कन्या में तो राहु कब्जा जमा के ढेर डाल लेता है। हिलता ही नही। हर प्रतियोगिता में अव्वल लेके आता है।

▪️सब इस रंग राहु को भयावह मानते है। लेकिन यही राहु मेरे बल के आगे एक मच्छर कर समान है। इस राहु को सिर्फ में ही नियंत्रित कर सकता हु।

🛡️क्योंकि मैं बुध हु।

▪️यह राहु मेरी क्षत्र छाया में ही पलता बढ़ता है। इसकी क्या मजाल जो मेरे आगे चूँ भी कर ले।  मुझे बलवान कर लो तो #राहु भी चुपचाप जहा है वहा बैठा रहे।

▪️सेनापति भी भले ही कितना भी पराक्रमी हो। मेरे घरों की तो उसे रक्षा करनी ही पड़ेगी। मैं #राजकुमार जो हु।

▪️उसका कर्तव्य है मेरी रक्षा करना।

🛡️मैं बुध हु।

▪️सूर्य मुझे अपने पास रखता है। चन्द्रमा मेरा पिता है। सूर्य सब ग्रहों का राजा है। चन्द्रमा सब ग्रहों के बल का बीज़।

▪️सूर्य सब ग्रहों के  दोष हरने की क्षमता रखता है। सूर्य चन्द्र का प्यार हु में।

🛡️बुध हु में।

▪️सेनापति मेरी रक्षा करता है। राहु मेरे आगे नतमस्तक है। शुक्र मुझे बल दे देता है अपना।

▪️पंचम में स्वग्रही या उच्च का हुँ तो बिना गुरु के ही तुझे ज्ञानी बना दु।

▪️मैं एकमात्र ऐसा ग्रह हु जिसके बल पे में तुझे गुरु की पदवी दिला सकता हु।

▪️अष्टम में मैं ही तो तुझे अनन्त ज्ञान की गहराइयों में लेके चला जाता हूं। में बुध हु ...

▪️मेरी तेज़ी के आगे भी सब फैल है। में इंतज़ार नही करवाता तुझे । तुरन्त फैसला करता हु। जहा बैठूंगा जल्दी जल्दी तुझे वहां के फल प्रदान करूँगा।

▪️मैं तरी ग्रहण क्षमता हु। तू जो भी ग्रहण कर रहा है संसार से वो में ही तो हु।

📌तेरी बहन में हु।

📌बुआ में हु।

📌बेटी में हु।

📌हंसी में हु।

📌लेखन में हु।

📌बोलने की कला में हु।

📌हाज़िर जवाबी में हु।

▪️कहा राहु के चक्कर मे पड़ा है तू। मेरी गुण गाले तू।

▪️राहु की माया से दो मिनट में निकाल के ले अवउँगा तुझे।

▪️मेरे रंग में तू रंग जा। में तेरे रंग में रंग जाऊंगा क्योंकि बुध हु में।
.......... 🙏।।धन्यवाद ।।🙏
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🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮🪷
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
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रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राज,)
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