*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक -07 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी प्रातः 11:05:27 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 04:49:31 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - व्याघात प्रातः 08:41:07 तक तत्पश्चात हर्षण प्रातः 06:24:38 दिसम्बर 08 तक तत्पश्चात वज्र*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- प्रातः 09:50 से 11:08 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:13:20*
*⛅सूर्यास्त - 05:40:02*
*⛅*चोघडिया, दिन*⛅*
काल 07:13 - 08:32 अशुभ
शुभ 08:32 - 09:50 शुभ
रोग 09:50 - 11:08 अशुभ
उद्वेग 11:08 - 12:27 अशुभ
चर 12:27 - 13:45 शुभ
लाभ 13:45 - 15:03 शुभ
अमृत 15:03 - 16:22 शुभ
काल 16:22 - 17:40 अशुभ
*⛅*चोघडिया, रात*⛅*
लाभ 17:40 - 19:22 शुभ
उद्वेग 19:22 - 21:04 अशुभ
शुभ 21:04 - 22:45 शुभ
अमृत 22:45 - 24:27 शुभ
चर 24:27 - 26:09 शुभ
रोग 26:09 - 27:51 अशुभ
काल 27:51 - 29:32 अशुभ
लाभ 29:32 - 31:14 शुभ
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:18 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:06 से 12:18 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 दिसम्बर 08 से रात्रि 12:54 दिसम्बर 08 तक*
*⛅आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त*
*⛅ रोग पञ्चक - 07:12 ए एम से 07:55 ए एम*
*⛅शुभ मुहूर्त - 07:55 ए एम से 09:59 ए एम*
*⛅मृत्यु पञ्चक - 09:59 ए एम से 11:05 ए एम*
*⛅अग्नि पञ्चक - 11:05 ए एम से 11:43 ए एम*
*⛅शुभ मुहूर्त - 11:43 ए एम से 01:11 पी एम*
*⛅रज पञ्चक - 01:11 पी एम से 02:38 पी एम*
*⛅अग्नि पञ्चक - 02:38 पी एम से 04:14 पी एम*
*⛅शुभ मुहूर्त - 04:14 पी एम से 04:50 पी एम*
*⛅रज पञ्चक - 04:50 पी एम से 06:11 पी एम*
*⛅शुभ मुहूर्त - 06:11 पी एम से 08:25 पी एम*
*⛅चोर पञ्चक - 08:25 पी एम से 10:44 पी एम*
*⛅शुभ मुहूर्त - 10:44 पी एम से 01:00 ए एम, दिसम्बर 08*
*⛅रोग पञ्चक - 01:00 ए एम, दिसम्बर 08 से 03:15 ए एम, दिसम्बर 08*
*⛅शुभ मुहूर्त - 03:15 ए एम, दिसम्बर 08 से 05:33 ए एम, दिसम्बर 08*
*⛅मृत्यु पञ्चक - 05:33 ए एम, दिसम्बर 08 से 07:13 ए एम, दिसम्बर 08*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - चम्पा षष्ठी, , द्विपुष्कर योग (प्रातः 11:05 से शाम 04:50 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ज्योतिष के अनुसार अशुभ समय में किए काम मनचाहा परिणाम नहीं देते।*
*⛅पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही है। नागौर के ज्योतिषाचार्य रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा के अनुसार, पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इस बार 7 दिसंबर, शुक्र की रात लगभग 04:06am बजे से पंचक शुरू होगा, जो 11दिसंबर, बुधवार की सुबह लगभग 11:47 am बजे तक रहेगा।*
*⛅*पंचकों के प्रकार*⛅*
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।*
*⛅सोमवार से शुरू होने वाले पंचक को राज पंचक कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, यह पंचक शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान किए गए कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।*
*⛅मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है. इस पंचक के दौरान अग्नि से जुड़े कामों को करने से बचना चाहिए. अग्नि पंचक के बारे में
*⛅ कुछ और बातें पंचक की
अग्नि पंचक के दौरान अग्नि देव प्रबल होते हैं। इस पंचक में आग से जुड़े काम जैसे खाना पकाना या यज्ञ करने से बचना चाहिए।*
*⛅इलेक्ट्रॉनिक और गैस उपकरणों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।*
*⛅कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है।*
*⛅धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस पंचक में विवाह, गृह प्रवेश, नया कारोबार शुरू करना जैसे शुभ काम नहीं करने चाहिए।*
*⛅ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बुधवार या गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक को दोष मुक्त पंचक माना जाता है। इन दिनों पंचक का प्रभाव नहीं होता और इन दिनों पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।*
*⛅पंचक में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं माना जाता। विद्वानों के अनुसार ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो, उस समय घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।*
*⛅पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों का कहना है। इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है।*
*⛅पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए, तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है। ऐसा गरुड़ पुराण में लिखा है।
पंचक में आने वाले नक्षत्रों में शुभ कार्य हो सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं।*
*⛅ ज्योतिष के अनुसार, पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती रविवार को होने से आनंद आदि 28 योगों में से 3 शुभ योग बनाते हैं, ये शुभ योग इस प्रकार हैं- चर, स्थिर व प्रवर्ध। इन शुभ योगों से सफलता व धन लाभ का विचार किया जाता है।*
*⛅घनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र चल संज्ञक माने जाते हैं। इनमें चलित काम करना शुभ माना गया है जैसे- यात्रा करना, वाहन खरीदना, मशीनरी संबंधित काम शुरू करना।*
*⛅उत्तराभाद्रपद नक्षत्र स्थिर संज्ञक नक्षत्र माना गया है। इसमें स्थिरता वाले काम करने चाहिए जैसे- बीज बोना, गृह प्रवेश, शांति पूजन और जमीन से जुड़े स्थिर कार्य।*
*⛅ रेवती नक्षत्र मैत्री संज्ञक होने से इस नक्षत्र में कपड़े, व्यापार से संबंधित सौदे करना, किसी विवाद का निपटारा करना, गहने खरीदना आदि काम शुभ माने गए हैं।*
*⛅धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय रहता है।*
*⛅शतभिषा नक्षत्र में वाद-विवाद होने के योग बनते हैं।*
*⛅पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र है यानी इस नक्षत्र में बीमारी होने की संभावना सबसे अधिक होती है।*
*⛅ उत्तरा भाद्रपद में धन हानि के योग बनते हैं।*
*⛅ रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव होने की संभावना होती है।*
*⛅शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।*
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। विद्वानों के अनुसार इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है। इस प्रकार होता है पंचक के नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
👉वाद-विवाद (मुकदमे में) जय👉दबे या नष्ट-धन की पुनः प्राप्ति👉 वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण
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👉 शत्रुपराजय
👉नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति
👉 भूतप्रेतबाधा नाश
👉सर्वसिद्धि
👉 सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राजस्थान)
मोबाइल नंबर....8387869068
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