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पंचांग - 30-11-2024

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 30 नवम्बर 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्दशी प्रातः 10:29:19 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*⛅नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:33:43 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग - अतिगण्ड शाम 04:43:09 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - प्रातः 09:46 से प्रातः 11:05 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:08:12*
*⛅सूर्यास्त - 05:39:25*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:03 से दोपहर 12:45 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:57 दिसम्बर 01 से रात्रि 12:51 दिसम्बर 01 तक*

   ⛅ चोघडिया, दिन⛅*
काल    07:08 - 08:27    अशुभ
शुभ    08:27 - 09:46    शुभ
रोग    09:46 - 11:05    अशुभ
उद्वेग    11:05 - 12:24    अशुभ
चर    12:24 - 13:43    शुभ
लाभ    13:43 - 15:02    शुभ
अमृत    15:02 - 16:21    शुभ
काल    16:21 - 17:39    अशुभ
  ) *⛅चोघडिया, रात⛅*
लाभ    17:39 - 19:21    शुभ
उद्वेग    19:21 - 21:02    अशुभ
शुभ    21:02 - 22:43    शुभ
अमृत    22:43 - 24:24    शुभ
चर    24:24 - 26:05    शुभ
रोग    26:05 - 27:47    अशुभ
काल    27:47 - 29:28    अशुभ
लाभ    29:28 - 31:09*    शुभ
kundli

*⛅ व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*⛅*दुर्लभ शनि माला मंत्र *⛅*
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शनि माला मंत्र के आप यथासंभव 11 या 21 या 51 या 108 या 1008 पाठ करे .. शनिबाधा निवारण हेतु यह सटिक उपाय है ..
आप इसे नित्य पूजन मे शामिल कर सकते है .. या प्रत्येक शनिवार इसका उचित संख्या मे पाठ करे ..

*⛅ॐ नमो भगवते शनैश्चराय मंदगतये सूर्यपुत्राय महाकालाग्निसदृशाय  क्रूरदेहाय गृध्रासनाय नीलरुपाय चतुर्भुजाय त्रिनेत्राय नीलांबरधराय नीलमालाविभूषिताय धनुराकारमण्डले प्रतिष्ठिताय काश्यपगोत्रात्मजाय माणिक्यमुक्ताभरणाय छायापुत्राय सकल महारौद्राय सकल जगतभयंकराय पंगुपादाय क्रूररुपाय देवासुरभयंकराय सौरये कृष्णवर्णाय स्थूलरोमाय अधोमुखाय नीलभद्रासनाय नीलवर्णरथारुढाय त्रिशूलधराय सर्वजनभयंकराय मंदाय दं शं नं मं हुं रक्ष रक्ष , मम शत्रून नाशय नाशय , सर्वपीडा नाशय नाशय , विषमस्थ शनैश्चरान सुप्रीणय सुप्रीणय , सर्व ज्वरान शमय शमय , समस्त व्याधीनामोचय मोचय विमोचय विमोचय मां रक्ष रक्ष , समस्त दुष्टग्रहान भक्षय भक्षय , भ्रामय भ्रामय , त्रासय त्रासय , बंधय बंधय , उन्मादय उन्मादय , दीपय दीपय , तापय तापय , सर्व विघ्नान छिंधि छिंधि , डाकिनी शाकिनी भूत वेताल यक्षरगोगंधर्वग्रहान ग्रासय ग्रासय , भक्षय भक्षय , दह दह , पच पच , हन हन , विदारय विदारय , शत्रून नाशय नाशय , सर्वपीडा नाशय नाशय , विषमस्थ शनैश्चरान सुप्रीणय सुप्रीणय , सर्वज्वरान शमय शमय , समस्त व्याधीन विमोचय विमोचय , ॐ शं नं मं ह्रां फं हुं शनैश्चराय नीलाभ्रवर्णाय नीलमेखलाय सौरये नम:

    * !! इति शनि माला मंत्र !!*

*⛅पीपल-वृक्ष का महत्त्व क्यों ?
*⛅ पीपल को सभी वृक्षों में श्रेष्ठ वृक्ष माना गया है। इसे 'वृक्षराज' कहा जाता है । पूज्य बापूजी के सत्संग वचनामृत में आता है : "पीपल की शास्त्रों में बड़ी भारी महिमा गायी है । भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है : अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां... 'मैं ने सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूँ।' (गीता १०.२६)*

*⛅ पीपल में विष्णुजी का वास, देवताओं का वास बताते हैं अर्थात् उसमें सत्त्व का प्रभाव है । पीपल सात्त्विक वृक्ष है । संस्कृति विज्ञान पीपल देव की पूजा से लाभ होता है, उनकी सात्त्विक तरंगें मिलती हैं । हम भी बचपन में पीपल की पूजा करते थे ।*

*⛅ इसके पत्तों को छूकर आनेवाली हवा चौबीसों घंटे आह्लाद और आरोग्य प्रदान करती है ।*

*⛅बिना नहाये पीपल को स्पर्श करते हैं तो नहाने जितनी सात्त्विकता, सज्जनता चित्त में आ जाती है और नहा-धोकर अगर स्पर्श करते हैं तो दोगुनी आती है ।*

*⛅ शनिदेव स्वयं कहते हैं कि 'जो शनिवार को पीपल को स्पर्श करता है, उसको जल चढ़ाता है, उसके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उसको कोई पीड़ा नहीं होगी ।'*

*⛅ पीपल का पेड़ प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देता है और थके हारे दिल को भी मजबूत बनाता है ।*

*⛅ पीपल के वृक्ष से प्राप्त होनेवाले ऋण आयन, धन ऊर्जा स्वास्थ्यप्रद हैं। पीपल को देखकर मन प्रसन्न, आह्लादित होता है । पीपल ऑक्सीजन नीचे को फेंकता है और २४ घंटे ऑक्सीजन देता है। अतः पीपल के पेड़ खूब लगाओ । अगर पीपल घर या सोसायटी की पश्चिम दिशा में हो तो अनेक गुना लाभकारी है ।*

*⛅पीपल की शास्त्रों में महिमा*⛅

*⛅ 'पीपल को रोपने, रक्षा करने, छूने तथा पूजने से वह क्रमशः miधन, पुत्र, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करता है ।*

*⛅अश्वत्थ के दर्शन से पाप का नाश और स्पर्श से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। उसकी प्रदक्षिणा करने से आयु बढ़ती है ।*

*⛅ पीपल की ७ प्रदक्षिणा करने से १० हजार गौओं के, और इससे अधिक बार परिक्रमा करने पर करोड़ों गौओं के दान का फल प्राप्त होता है। अतः पीपल-वृक्ष की परिक्रमा नियमित रूप से करना लाभदायी है ।*

*⛅पीपल को जल देने से दरिद्रता, दुःस्वप्न, दुश्चिता तथा सम्पूर्ण दुःख नष्ट हो जाते हैं। जो बुद्धिमान पीपल वृक्ष की पूजा करता है उसने अपने पितरों को तृप्त कर दिया ।*

*⛅ मनुष्य को पीपल के वृक्ष के लगानेमात्र से इतना पुण्य मिलता है जितना यदि उसके सौ पुत्र हों और वे सब सौ यज्ञ करें तब भी नहीं मिल सकता है । पीपल लगाने से मनुष्य धनी होता है ।*

*⛅पीपल की जड़ के पास बैठकर जो जप, होम, स्तोत्र-पाठ और यंत्र-मंत्रादि के अनुष्ठान किये जाते हैं उन सबका फल करोड़ गुना होता है ।' (पद्म पुराण)*

*⛅ घर की पश्चिम दिशा में पीपल का वृक्ष मंगलकारी माना गया है । (अग्नि पुराण)*

*⛅ 'जो मनुष्य एक पीपल का पेड़ लगाता है उसे एक लाख देववृक्ष (पारिजात, मंदार आदि विशिष्ट वृक्ष) लगाने का फल प्राप्त होता है ।' (स्कंद पुराण)*

*⛅'सम्पूर्ण कार्यों की सिद्धि के लिए पीपल और बड़े के मूलभाग में दीपदान करना अर्थात दीपक जलाना चाहिए ।'*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष
👉वाद-विवाद (मुकदमे में) जय👉दबे या नष्ट-धन की पुनः प्राप्ति👉 वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण
👉राजवशीकरण
👉 शत्रुपराजय
👉नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति
👉 भूतप्रेतबाधा नाश
👉सर्वसिद्धि
👉 सम्पूर्ण साफल्य हेतु, विशेष अनुष्ठान हेतु। संपर्क करें।
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, नागौर (राजस्थान)
मोबाइल नंबर....8387869068
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