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पंचांग - 28-11-2024

 

jyotish

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
🌤️*दिनांक -28 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन - गुरुवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️*पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - त्रयोदशी अहोरात्र तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
🌤️* नक्षत्र        स्वाति    10:17:00तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग - सौभाग्य शाम    04:00:33 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 01:42 से शाम 03:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:06:41*
*⛅सूर्यास्त - 05:39:29*
*⛅चन्द्र राशि~       तुला*
*⛅सूर्य राशि    ~   वृश्चिक*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:12 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:02 पी एम से 12:44 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त- 11:57 पी एम से 12:50 ए एम, नवम्बर 29तक*
  🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
शुभ    07:07 - 08:26    शुभ
रोग    08:26 - 09:45    अशुभ
उद्वेग    09:45 - 11:04    अशुभ
चर    11:04 - 12:23    शुभ
लाभ    12:23 - 13:42    शुभ
अमृत    13:42 - 15:01    शुभ
काल    15:01 - 16:20    अशुभ
शुभ    16:20 - 17:39    शुभ

   🌤️*चोघडिया, रात*🌤️
अमृत    17:39 - 19:20    शुभ
चर    19:20 - 21:01    शुभ
रोग    21:01 - 22:42    अशुभ
काल    22:42 - 24:23    अशुभ
लाभ    24:23 - 26:04    शुभ
उद्वेग    26:04 - 27:45    अशुभ
शुभ    27:45 - 29:26    शुभ
अमृत    29:26 - 31:07    शुभ

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*⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🚩*व्रत पर्व विवरण - मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23:14 मिनट पर शुरू होगी*
*⛅आज गुरु प्रदोष व्रत है, कर लें ये आसान उपाय, शिव कृपा से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

*⛅ प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। इस दिन शिव पूजन के साथ ही कुछ उपाय करके भी आप लाभ पा सकते हैं, आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
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*⛅ मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह तिथि 28 नवंबर 2024 को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में हर प्रदोष व्रत में प्रदोष काल की पूजा का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्योदय के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं। त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- वह सभी पापों से मुक्त होता है। इसके साथ ही प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय करने से भी भक्तों को विशेष फलों की प्राप्ति होती है, और जीवन के सभी परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। प्रदोष व्रत के दिन किए जाने वाले ऐसे ही उपायों के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
*⛅अपने बिजनेस की दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की के लिये आज के दिन शाम के समय रंगोली वाले पांच अलग-अलग रंग लेकर, शिव मन्दिर में जाएं और उन रंगों से एक गोल फूल की आकृति वाली रंगोली बनाएं। अब इस रंगोली में बींचो- बीच घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर शिवजी का आशीर्वाद देते हुए ध्यान करें। आज के दिन ऐसा करने से आपके बिजनेस की दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की होगी।
अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज के दिन शमी पत्र को साफ पानी से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें। आज के दिन ऐसा करने से आपको अपने शत्रुओं से जल्दी ही मुक्ति मिलेगी।
अगर आप किसी मुकदमे में फंसे हैं और उसके चलते आपकी परेशानियां घटने के बजाय बढ़ती जा रही हैं, तो आज के दिन धतूरे के पत्ते को पहले साफ पानी से धो लें, फिर उन्हें दूध से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें। आज के दिन ऐसा करने से आपको मुकदमे की परेशानियों से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
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*⛅अपनी अच्छी सेहत को बरकरार रखने के लिये आज के दिन शिव मन्दिर में जाकर भगवान को सूखा नारियल अर्पित करें और साथ ही अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये शिवजी से प्रार्थना करें । अगर नारियल अर्पित करने के लिये आप प्रदोष काल में, यानि शाम के समय शिव मन्दिर जायें, तो और भी श्रेष्ठ होगा । आज के दिन ऐसा करने से आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी।
*⛅अपने दाम्पत्य जीवन में मिठास घोलने के लिये आज के दिन शिवजी को दही में शहद मिलाकर, उसका भोग लगाएं और भगवान शिव से प्रार्थना न करें। आज के दिन भगवान शिव को दही और शहद का भोग लगाने से आपके दाम्पत्य जीवन में मीठास बढ़ेगी।
*⛅अपनी धन-सम्पत्ति में वृद्धि के लिये आज के दिन सवा किलो साबुत चावल और कुछ मात्रा में दूध लेकर शिव मन्दिर में दान करें । आज के दिन ऐसा करने से आपकी और आपके परिवार की धन-सम्पत्ति में वृद्धि होगी।
*⛅ अगर आप किसी बात को लेकर मानसिक रूप से परेशान हैं, तो आज के दिन शाम के समय शिव मन्दिर में जाकर या घर पर ही भगवान शंकर की मूर्ति या तस्वीर के आगे आसन बिछाकर बैठ जायें और गहरी सांस लेते हुए ‘ऊँ’ शब्द का सस्वर 5 बार उच्चारण करें। देखिये इस प्रकार उच्चारण करना है- ओ.ओ.ओ.ओ.म., यानि ओ की ध्वनि को लंबा खींचना है और म अपने आप ही सांस छोड़ते हुए मुंह से निकल जायेगा। आज के दिन इस प्रकार ‘ऊँ’ शब्द का सस्वर उच्चारण करने से आपको मानसिक रूप से शांति मिलेगी।

*⛅विशेष - तेरस (त्रयोदशी) को बैंगन खाना निषेध है। 14. अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌤️* विवाह एवं गृहस्थ
हर युवा लड़का, लड़की विवाह के लिए उत्सुक होते हैं। यह स्वाभाविक भी है। हर प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ ही विवाह करवाने के लिए कई उपाय करता है, कई बार सफलता मिलती है और कई बार नहीं । विवाह के पश्चात् गृहस्थ सुख, शान्ति, सन्तान एवं सन्तान का सुख हर कोई चाहता है। क्या यह सब कुछ प्रत्येक व्यक्ति को मिलता है? इन सब प्रश्नों का उत्तर राशि, ग्रह एवं नक्षत्र विचार से मिलता है l

*⛅विवाह सम्बन्धी कुछ जानने के लिए कुछ भावों तथा ग्रहों की स्थिति विचार करनी पड़ेगी तब ही स्पष्ट हो सकेगा कि विवाह होगा अथवा नहीं या विवाह के बाद  मानसिक, तनाव, अशान्ति, गड़बड़, मतभेद, तलाक एवं वाद-विवाद का सामना तो नहीं करना पड़ेगा।

*⛅विवाह से सम्बन्धित एवं गृहस्थ सुख-दुख हेतु ये भाव बड़े ही महत्त्वपूर्ण हैं यद्यपि सभी भावों का कुछ न कुछ योगदान होता है, फिर भी इन भावों को विचारा जाना अत्यावश्यक होता है।
ये भाव हैं 2-4-5-7-8-11-12वां ।

*⛅दूसरा भाव - कुटुम्ब, आर्थिक स्थिति दिखलाता है।

चौथा भाव - घर का वातावरण, परिवेश एवं घर का सुख बतलाता है।

पांचवां भाव - सन्तान, प्रेम, पति/पत्नी प्यार भी दिखलाता है।

सातवां भाव - विवाह, साझेदारी, पति/पत्नी से सम्बन्धित है।

आठवां भाव - गुप्तांगों एवं काम शक्ति से सम्बन्धित है।

ग्यारहवां भाव - इच्छाएं, मनोकामनाएं पूरी होने से सम्बन्धित हैं।

बारहवां भाव - शय्या अथवा रात्रि सुख तथा प्रथम सन्तान का सूचक है।

*⛅1. शुक्र विवाह, गृहस्थ सुख, पति/पत्नी प्रेम, काम तृप्ति, ग्रह सुख तथा ऐसी जीवन की समस्त घटनाओं का मुख्य कारक ग्रह है। स्त्री जातक के लिए यह कार्य मंगल को दिया गया है। यह स्त्री की काम प्रवृति, उत्तेजना तो दिखलाता है।

*⛅2. चन्द्र एवं बुध  मनोस्थिती को प्रगट करते हैं। यदि ये ग्रह बुरे ग्रहों से प्रभावित हो अथवा पारस्परिक दृष्टि ही बुरी हो तो शान्ति के स्थान पर मानसिक तनाव पैदा करते है।

*⛅3. गुरु पुत्र कारक, सन्तान कारक तथा वृद्धि का कारक है। सूर्य उच्च पद प्राप्ति, यश, मान-सम्मान दिखलाता है। इनकी ठीक स्थिति ही घरेलू शांति के लिए सहायक होती है।

*⛅4. शनि, राहू, जैसे ग्रह यदि बुरे हैं तथा विवाह से सम्बन्धित भावों एवं ग्रहों को प्रभावित करते हैं तो गृहस्थ सुख आदि की कामना करना भारी भूल होगी। जैसे योग्य कलाकार सुर व ताल का सामंजस्य करके मधुर संगीत बिखेरता है। इसी प्रकार ही भावों एवं सम्बन्धित ग्रहों का सामंजस्य करके विवाह, घरेलु सुख शान्ति, निराशा, मानसिक चिन्ता आदि को जांचना चाहिए।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*मोबाइल नंबर....8387869068*

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