*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
🌤️*दिनांक - 25नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️*पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - दशमी रात्रि 01:01:09 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️* नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 25:22:55 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️*योग विश्कुम्भ 13:10:35 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️*करण वणिज 11:38:46तक तत्पश्चात बव*
🌤️*सूर्योदय~ 07:04:23 *
🌤️*सूर्यास्त~ 17:39:47*
🌤️*राहू काल 08:24 - 09:43 अशुभ*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:10 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:483 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:56 नवम्बर 26 से रात्रि 12:49 नवम्बर 26 तक*
🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
अमृत 07:04 - 08:24 शुभ
काल 08:24 - 09:43 अशुभ
शुभ 09:43 - 11:03 शुभ
रोग 11:03 - 12:22 अशुभ
उद्वेग 12:22 - 13:42 अशुभ
चर 13:42 - 15:01 शुभ
लाभ 15:01 - 16:20 शुभ
अमृत 16:20 - 17:40 शुभ
🌤️* चोघडिया, रात*🌤️
चर 17:40 - 19:20 शुभ
रोग 19:20 - 21:01 अशुभ
काल 21:01 - 22:42 अशुभ
लाभ 22:42 - 24:22 शुभ
उद्वेग 24:22 - 26:03 अशुभ
शुभ 26:03 - 27:44 शुभ
अमृत 27:44 - 29:24 शुभ
चर 29:24 - 31:05 शुभ
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*ॐ नाद का रहस्य।।*
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"ॐ" ऐसा चमत्कारिक शब्द है जो कुछ ही दिनों में आपकी तमाम परेशानियों को खत्म करके आपके पूरे जीवन को बदलकर रख सकता है....।
तमाम लोगों का ये कहना होता है उन पर काम का बोझ इतना ज्यादा है कि वे चाहकर भी भगवान के ध्यान, पूजा पाठ, योग व प्राणायाम के लिए समय नहीं निकाल पाते. ऐसे लोगों को कम से कम सुबह उठकर और रात में सोते समय शांति से बैठकर दो मिनट के लिए "ॐ" का जाप करना चाहिए....
"ॐ" की शक्ति।।
धार्मिक रूप से "ॐ" शब्द को बहुत शक्तिशाली माना गया है. शब्द ब्रह्म की उत्पत्ति ओम से हुई है। इसमें पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है. जब हम किसी मंत्रोच्चारण से पहले इस शब्द को बोलते हैं तो उस मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ॐ शब्द बोलते समय हमारे गले और शरीर में एक तरह का कंपन होता है, इसकी वजह से थायरॉयड, बीपी, लंग्स, पेट की समस्याएं ठीक होती हैं और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बेहतर होती है. तमाम वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ॐ के नियमित जाप से तनाव, डिप्रेशन, गुस्सा, अनिद्रा जैसी समस्याएं काफी नियंत्रित हो जाती हैं...
शांत जगह पर बैठें।।
ॐ केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि ध्वनि है. जब हम इसका जाप करते हैं तो बोलते समय उत्पन्न हुई उस ध्वनि से ही हमें कई तरह के फायदे होते हैं. इसलिए इसका जाप हमेशा ऐसी जगह पर करना चाहिए जहां कोई शोरशराबा न हो..।
गहराई से करें उच्चारण।।
ॐ का उच्चारण करते समय स्वर को जितना ऊंचे रखेंगे और जितनी गहराई से इसे बोलेंगे, आपको इसके उतने ही बेहतर लाभ मिलेंगे....
पद्मासन में करें जाप।।
ॐ का उच्चारण करने से पहले जमीन पर आसन लगाएं और पद्मासन में बैठें. इसके बाद आंखें बंद करके सांस खींचें और फिर पेट से ॐ की आवाज़ को निकालते हुए सांस छोड़ते चले जाएं.,,यदि आप पद्मासन नहीं लगा सकते तो रीड की हड्डी व गर्दन सीधी रखकर कुर्सी पर बैठकर भी ध्यान पूर्वक ॐ का जप कर सकते हैं...
सुबह और रात का समय।।
शास्त्रों के अनुसार दिन के चौबीस घंटों में से कुछ घंटों का समय ऐसा होता है जब ईश्वरीय शक्ति अपने चरम पर होती है. इस समय में किया गया जाप, पाठ, आराधना अधिक फलित होते हैं. इसलिए ॐ का जाप भी सुबह जल्दी और रात सोने से पहले करना चाहिए ताकि इसका पूरा फायदा आपको मिल सके...।।
रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययोः।
प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः खे पौरुषं नृषु॥
भगवान प्रकृति के कण-कण में अपनी सत्ता बताते हुए कहते हैं.,
हे कुन्तीपुत्र! मैं ही जल का स्वाद हूँ, सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ, समस्त वैदिक मन्त्रो में ओंकार हूँ, (इसीलिए प्रत्येक मंत्र का आरंभ "ॐ" से किया जाता है) आकाश में ध्वनि हूँ और मनुष्यों द्वारा किया जाने वाला पुरुषार्थ भी मैं ही हूं..!!
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
मोबाइल नंबर....8387869068
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