*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 22 नवम्बर 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार *
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी शाम 07:56:28 तक तत्पश्चात नवमी *
*⛅नक्षत्र - अश्लेषा शाम 05:08:56 तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग - ब्रह्म सुबह 11:32:38 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- सुबह 11:01 से दोपहर 12:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:02:04*
*⛅सूर्यास्त - 05:40:19*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त 05:14 ए एम से 06:08 ए एम*
*⛅अभिजित मुहूर्त 12:00 पी एम से 12:43 पी एम.*
*⛅निशिता मुहूर्त 11:55 पी एम से 12:48 ए एम, नवम्बर 23*
*⛅व्रत पर्व विवरण - काल भैरव जयंती, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
👉जितना खूबसूरत रिस्ता माँ का हैं किसी का नी हों सकता 👈
दुनिया मे सबसे प्यारा रिस्ता माता पिता का हैं खास्तर माँ का जो ना तो अपनी औलाद के दुख के लिए दुखी न हों। और औलाद की औलाद यानी पोते के लिए जान हाजिर करती हैं।
चंद्र ज़ब भी 1,4,7,9 भाग्य कारक ही होता हैं पर चंद्र की जो कार्य शैली हैं ओ चंचल हैं कोई भी काम बातो मे ही चलता हैं क्योंकि चंद्र अपने फल ढाई दिन मे बदल देता हैं जिस भाव या राशि मे गोचर करेगा फल तुरंत मिलेंगे। चंद्र क़ो मन का स्वामी भी माना जाता राहु से पीड़ित चंद्र जातक की मनोदसा क़ो तोड़ देता हैं आये दिन कोई न कोई दुख या परेशानी जातक क़ो आती रहती हैं 2रे भाव मे दोनों की युति वाणी क़ो कर्कस और दान के लिए तरसाता रहता हैं ।
महिला जातक के लिए ये युति ज्यादा पीड़ा दायक होती हैं उनसे ज्यादा उनके सम्बन्धो क़ो ख़राब करती हैं क्योंकि मन मे बैर रख के बुराई करने पी प्रवर्ती जातक क़ो अकेला कर देता हैं वाणी मे मे कोई सायम नहीं जुबान का खराब बना देता हैं राहु चंद्र की युति वाला जातक क़ो या तोह नींद आएगी नहीं या बहुत सोने की आदत देती हैं और सपने देखना कोरी कल्पनाओ मे डूबा रहता हैं बड़ी बड़ी हाँकना बाते फेकना इनके आचरण मे बस जाता हैं।चंद्र शुक्र के साथ हों या दोनों एक दूसरे के भाव मे बैठे हों तोह शुक्र बहुत अच्छे देता हैं जैसे चंद्र 7वे घर मे हों तो पत्नी अच्छी भी होंगी और भाग्यवान भी होंगी पति के लिए लेकिन अगर शुक्र राहु से मंगल से युति मे होगा जातक के तोह पत्नी की कदर नहीं करता ओ दूसरे संबंधों की ओर आकर्षित रहेगा और हमेसा धोखा खाता रहेगा। किसी भी ग्रह के बुरे फल से चंद्र शुक्र पहले ख़राब होते हैं। जातक की नकारात्मक चीज़े चंद्र यानि माता क़ो उसकी आमदनी क़ो और शुक्र यानि पत्नी क़ो, घर के सुख क़ो चोट देता हैं।
मंगल चंद्र 6 या 12 hu मे होंगे तोह जातक के किये गए काम से नुक्सान और क़र्ज़ बढ़ता हैं जिश्से जमा किआ हुआ धन, सुख, और इज्जत दोनों धीरे धीरे खत्म होने लगती हैं अगर बुध अस्त हों तो नौकरी नहीं लगती और लगी नौकरी छूटती जाती हैं। आजकल लोग ज्यादातर खुद धंदा करने की कोसिस मे खुद क़ो ही बर्बाद कर बैठते हैं जन्म कुंडली मे अगर शिर्फ़ यदि नौकरी ही करने के योग हों तोह खुद के काम सफल नी होते हैं दुबारा फिर नौकरी पे आ जाता हैं।
और यदि उसकी जन्म कुंडली मे बिज़निस ही लिखा हैं तोह नौकरी कर तोह लेगा पर उससे खास ख़ुश नी होगा। चंद्र डेली इनकम का डेली के लेन देंन का कारक हैं शनि काम धंदे क़ो स्थायी और मजबूती का कारक हैं शुक्र पेंसे के साथ साथ संसारिक सुख क़ो देता हैं तीनो की मजबूती ही सफलता क़ो दर्शाता हैं।
महिला जातक से अधिक पुरुष जातक का चंद्र शनि ज्यादा ख़राबी मे होता हैं ऐसा ज्यादातर कुंडली मे पाया हैं और ओ उपाय राहु के कर रहे होते हैं जिससे केतु की खराबी उजागर होती हैं। चंद्र के सही होते ही काफी आराम मिलने लगता हैं सबसे पहले मित्र ग्रह क़ो मजबूती देदो फिर जिससे ख़राब फल मिल रहे हों उसको ठीक करदो।
अब यदि शत्रु ग्रह की हों तोह उपाय सोच समझ के करने होते हैं राहु जैसे ग्रह की बुरे फल के उपाय जल्दी काम नहीं करते हैं इशलिये बुध और केतु क़ो पहले ठीक करना होता हैं।
👉चलिए आगे बात करते रहेंगे ऐसी बातो पर 👈
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
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