💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक -16 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन - शनिवार *
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा रात्रि 11:49:49 तक तत्पश्चात द्वितीया तिथि*
🌤️ *नक्षत्र - कृत्तिका शाम 07:27:13 तक तत्पश्चात रोहिणी*
🌤️ *योग - परिघ रात्रि 11:46:32 तक तत्पश्चात शिव*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:37 से सुबह 11:00 बजे तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:58:42*
🌤️ *सूर्यास्त - 5:46:52*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी-वृश्चिक संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सुबह 07:41 तक*
💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
💥*चोघडिया, दिन*💥
काल 06:59 - 08:20 अशुभ
शुभ 08:20 - 09:41 शुभ
रोग 09:41 - 11:02 अशुभ
उद्वेग 11:02 - 12:23 अशुभ
चर 12:23 - 13:44 शुभ
लाभ 13:44 - 15:05 शुभ
अमृत 15:05 - 16:25 शुभ
काल 16:25 - 17:46 अशुभ
💥*चोघडिया, रात*💥
लाभ 17:46 - 19:26 शुभ
उद्वेग 19:26 - 21:05 अशुभ
शुभ 21:05 - 22:44 शुभ
अमृत 22:44 - 24:23 शुभ
चर 24:23 - 26:02 शुभ
रोग 26:02 - 27:41 अशुभ
काल 27:41 - 29:20 अशुभ
लाभ 29:20 - 30:59 शुभ
💥*पंचामृत से पूरे माह भगवान विष्णु का अभिषेक किया जाए तो अद्भुत चमत्कार की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु और मार्गशीर्ष का महीने में कलयुग के अवतार भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा है।
💥* अगर किसी को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो इस माह में अनुष्ठान जप पूजन किया जाए तो निश्चित सफलता मिलने के चांस है।
इसके अलावा संतान प्राप्ति या सुखी जीवन के लिए मार्गशीर्ष माह में भगवान श्री कृष्ण की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद पूजा आराधना करनी चाहिए और शाम को उनकी वंदना करनी चाहिए फिर दीपक जलाना चाहिए ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
💥*हमारे भारत वर्ष के साल के सभी 12 महीनों का विशेष महत्व माना जाता है। प्रत्येक माह किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष का माह यानी कि अगहन मास भी काफी महत्वपूर्ण होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदी का 9वां महीना माना जाता है। इस महीने शंख पूजा का विशेष महत्व भी बताया गया है. यह महीना मांगलिक कार्य के हिसाब से बेहद अच्छा भी रहता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण को मार्गशीर्ष का माह बेहद प्रिय होता है. इस महीने कान्हा जी की उपासना करने से जन्म मरण के बंधन से मुक्ति भी मिलती है. स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है।
💥*हालांकि कार्तिक माह का कल ही समापन हो चुका है और मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 16 नवंबर से शुरू हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 15 दिसंबर 2024, रविवार को होगा. मार्गशीर्ष माह के पहले दिन वृश्चिक संक्रांति (सुबह 07:31:20) भी है, इस दिन सूर्य, तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश भी करेंगे. मार्गशीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।कहा जाता है कि इस महीने में जप तप और ध्यान करने से सभी तरह के बिगड़े कार्य बन जाते हैं। इस महीने भगवान कृष्ण के मंत्रों में गोपाल सहस्त्रनाम विष्णु सहस्त्रनाम या नारायण कवच आदि का जप या पाठ करने से सभी तरह की मनोकामना भी पूरी होती है।
💥*मार्गशीर्ष माह में भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. विष्णु सहस्त्रनाम भागवत गीता का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख का वास रहता है. मार्गशीर्ष महीने में शंख की पूजा आराधना का भी विधान है। पवित्र नदी का जल इसमें डालकर पूजा के स्थान पर रखना चाहिए। उसके बाद इसी जल को पूरे घर में छिड़काव करना चाहिए. ऐसा करने से घर की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
💥*इसके अलावा संतान प्राप्ति अथवा सुखी जीवन के लिए मार्गशीर्ष माह में भगवान श्री कृष्ण की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद पूजा आराधना करनी चाहिए और शाम को उनकी वंदना करनी चाहिए, फिर दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
🌹किसी भी समस्या के लिए जुड़ सकते हैं बात कर सकते है 🙏🌹
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...
-------------------------------------------