💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक - 04 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र अश्विन)*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️*तिथि - तृतीया रात्रि11:23:46 शाम तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र - अनुराधा सुबह 08:03:00 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
🌤️ *योग - शोभन सुबह 11:42:13 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️*राहुकाल - सुबह 08:11 से सुबह 09:34 तक*
🌤️* चन्द्र राशि~ वृश्चिक*
🌤️*सूर्य राशि~ तुला*
🌤️ *सूर्योदय 06:48:37*
🌤️ *सूर्यास्त - 5:48:15*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - *तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
अमृत 06:49 - 08:11 शुभ
काल 08:11 - 09:34 अशुभ
शुभ 09:34 - 10:56 शुभ
रोग 10:56 - 12:18 अशुभ
उद्वेग 12:18 - 13:41 अशुभ
चर 13:41 - 15:03 शुभ
लाभ 15:03 - 16:26 शुभ
अमृत 16:26 - 17:48 शुभ
🌤️*चोघडिया, रात*🌤️
चर 17:48 - 19:26 शुभ
रोग 19:26 - 21:04 अशुभ
काल 21:04 - 22:41 अशुभ
लाभ 22:41 - 24:19 शुभ
उद्वेग 24:19 - 25:56 अशुभ
शुभ 25:56 - 27:34 शुभ
अमृत 27:34 - 29:12 शुभ
चर 29:12 - 30:49 शुभ
*मस्तय भगवान ने मनुमहाराज को कहा*
वेद लक्ष्णा गौ माता को पहचानने का तरीका गौ सुशील व सीधी हो उसका कोई अंग विकृत ना हो वह दुर्बल ना हो तथा उसे कोई रोग ना हो उसका बछड़ा बछड़ी जिंदा हो चमड़ी खूर और सिंग चिकने हो देखने में सुंदर और सौम्य हो आकार सामान्य हो स्वभाव शांत हो उसके पीछे का भाग चौड़ा हो ओट कोमल सेट हुए तथा लाल रंग के हो तथा गर्दन भी लाल रंग की हो जीब काली ना हो किंतु लंबी चिकनी और लाली लिए हो नेत्र स्वच्छ हो सुंदर हो खुर सेट और मजबूत हो नेत्र रंग में मधु के समान लाल वह चिकने हो उनकी पुतली भी लाल रंग की हो आंसू न बहते हो दांत 7 या 14 हो तालु श्याम रंग की हो तथा दोनों पाश्व व रान सुंदर हो छाती पीट मस्तक दोनों और का पेट तथा कुल्हे यह अंग उछे उभरे हुए हो दोनों कान दोनों नेत्र तथा ललाट 5 अंग समान एव चौड़े हो तथा पूछ गलकम्बल दोनों रान मस्तक गर्दन तथा चार थन यह 10 स्थान लंबे हो झूठा पानी नहीं पीती हो झूठा भोजन नहीं करती हो छाया में और शुद्ध स्वस्थ जगह पर ही बैठती हो अन्य झुंड से अलग रहती हो गौचरण में भी झुंड से अलग चलती हो यह सब लक्षण जिस गौमाता में हो उसे सुलक्षणा गौमाता वेद लक्ष्णा दिव्य गौ माता समझना चाहिये। ऐसी गौ माता में ही गोरोचन का केसरी या पीले रंग का पीत का गोला पाया जाता है जो अंत समय में अपने मस्तक पर स्वस्तिक का निशान छोड़ जाती है वह दिव्य गोला भूलोक के संपूर्ण ऐश्वय को प्रदान करने में सक्षम होता है। जय गोमाता जय गोपाल ।।🙏🙏 🙏
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
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*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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