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पंचांग - 05-11-2024

 

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💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक - 05 नवम्बर 2024*
🌤️*दिन - मंगलवार *
🌤️*विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार  2080)*
🌤️*शक संवत -1946*
🌤️*अयन - दक्षिणायन*
🌤️*ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र अश्विन)*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️*तिथि -     चतुर्थी    रात्रि12:16:25 शाम  तक तत्पश्चात  पंचमी*
🌤️ *नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 09:44:23 तक तत्पश्चात मूल*
🌤️ *योग - अतिगण्ड सुबह 11:26:31 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:11 से शाम 04:36 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:49:20*
🌤️ *सूर्यास्त -  5:47:36*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी,मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि 12:16 तक)*
💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
    💥*चोघडिया, दिन*💥
रोग    06:49 - 08:12    अशुभ
उद्वेग    08:12 - 09:34    अशुभ
चर    09:34 - 10:56    शुभ
लाभ    10:56 - 12:18    शुभ
अमृत    12:18 - 13:41    शुभ
काल    13:41 - 15:03    अशुभ
शुभ    15:03 - 16:25    शुभ
रोग    16:25 - 17:48    अशुभ
   💥*चोघडिया, रात*💥
काल    17:48 - 19:25    अशुभ
लाभ    19:25 - 21:03    शुभ
उद्वेग    21:03 - 22:41    अशुभ
शुभ    22:41 - 24:19    शुभ
अमृत    24:19 - 25:57    शुभ
चर    25:57 - 27:34    शुभ
रोग    27:34 - 29:12    अशुभ
काल    29:12 - 30:50    अशुभ
kundli



💥*मंगलवारी चतुर्थी का विशेष लाभ लें।*
*💰💸 कर्जा मुक्ति, आर्थिक समस्या, जमीन-जायदाद की समस्या* को दूर करने हेतु
💥* मंगलवारी चतुर्थी का विशेष लाभ लें।*
💥* 5 नवंबर, सूर्योदय से रात्रि 12:16:25 तक, मंगलवार

मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। उनके पिता शिवजी और माता पृथ्वी है।

*🟠 मंगल देव पूजन विधि :*👇🏽

*🟠 मंगलवार को बिना नमक का भोजन करें ( दूध रोटी, खीर आदि खा लें)*

*🟠 मंगल देव का मानसिक आह्वान करें।*
 इस महा योग पर अगर *मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें  और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं..*
*🌕 मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :*
1. ॐ यमाय नमः
2. ॐ भुजाय नमः
3. ॐ भौमाय नमः
4. ॐ मंगलाय नमः
5. ॐ ऋण हर्त्रे नम:
6. ॐ वृष्टि कर्ते नम:
7. ॐ भुमिजाय नमः
8. ॐ धन प्रदाय नमः
9. ॐ लोहिताय नमः
10. ॐ वृष्टि हराते नमः
11. ॐ भूमि पुत्राय नमः
12. ॐ अंगारकाय नमः
13. ॐ धरात्मजाय नम:
14. ॐ लोहिताक्षाय नमः
15. ॐ महा कायाय नमः
16. ॐ भूमि नन्दनाय नमः
17. ॐ स्थिर आसनाय नमः
18. ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः
19. ॐ साम गानाम कृपा करे नमः
20. ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः
21. ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः
 
💥* ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें... फिर धरती पर अर्घ्य देना  चाहिए।

💥* *तांबे का लोटा लें उसमें जल भर लें।*

💥*लाल रंग का *गुड़हल या गुलाब का फूल* उसमें डाल दें।

💥*थोड़ा *सिंदूर डालें* और

💥* थोड़ा *गुड़ डाल दें।*

*🫴 बाएं हाथ में लोटा पकड़ना है और दाएं हाथ से जहाँ चिकनी मिट्टी हो* (धरती पर नहीं करना) वहां पर इस धारा से जल गिराते जाना है। और बोलते जाना है➖

*🔅ॐ मंगलाय नमः*

*🔅ॐ भूमाय नमः*

*🔅ॐ ऋण मुक्ताय नमः*

*🔅ॐ भूमि पुत्राय नमः*

*🔅ॐ पृथ्वी पुत्राय नमः*

फिर 💥* *ये मन्त्र बोले :⤵️-*

भूमि पुत्रो महा तेजा
कुमारो रक्त वस्त्रका
ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम
ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे

*➡️ हे भूमि पुत्र!.. महा तेजस्वी, रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ...*

💥*ऐसे करने के बाद उस मिट्टी का तिलक करें* तो कहते हैं उसका *मकान बहुत जल्दी बन जाता है। वे ऋण से मुक्त हो जाता है।*

🟠 और फिर इस दिन संध्या के समय *भगवान भोलेनाथ का पूजन करें क्योंकि शिवजी मंगल देव के पिता है।*

शिवलिंग पर जल चढ़ाये, शिव मंत्र का जप करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें।

🪔 *पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –*

मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।

जन्ममृत्युजराव्याधि पीड़ितः कर्मबन्धनः।।
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*🪔सूर्यास्‍त के समय शिवजी के मंदिर में जाकर* या घर पर ही गुरुदेव का सुमिरन करते हुए दिया जलाकर

 🔱शिवजी के ये *17 मंत्र बोले ➖*

इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी ➖

1. ॐ शिवाय नम:
2. ॐ सर्वात्मने नम:
3. ॐ त्रिनेत्राय नम:
4. ॐ हराय नम:
5. ॐ इन्द्र्मुखाय नम:
6. ॐ श्रीकंठाय नम:
7. ॐ सद्योजाताय नम:
8. ॐ वामदेवाय नम:
9. ॐ अघोरह्र्द्याय नम:
10. ॐ तत्पुरुषाय नम:
11. ॐ ईशानाय नम:
12. ॐ अनंतधर्माय नम:
13. ॐ ज्ञानभूताय नम:
14. ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
15. ॐ प्रधानाय नम:
16. ॐ व्योमात्मने नम:
17. ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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