💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक - 02 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र अश्विन)*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा शाम 08:21:23 तक तत्पश्चात
द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र - विशाखा 29:57:29 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग - आयुष्मान 11:17:03 सुबह 10:39:49 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:33 से सुबह 10:56 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:47:14*
🌤️ *सूर्यास्त - 05:49:35*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
काल 06:47 - 08:10 अशुभ
शुभ 08:10 - 09:33 शुभ
रोग 09:33 - 10:56 अशुभ
उद्वेग 10:56 - 12:18 अशुभ
चर 12:18 - 13:41 शुभ
लाभ 13:41 - 15:04 शुभ
अमृत 15:04 - 16:27 शुभ
काल 16:27 - 17:50 अशुभ
🌤️*चोघडिया, रात*🌤️
लाभ 17:50 - 19:27 शुभ
उद्वेग 19:27 - 21:04 अशुभ
शुभ 21:04 - 22:41 शुभ
अमृत 22:41 - 24:19 शुभ
चर 24:19 - 25:56 शुभ
रोग 25:56 - 27:33 अशुभ
काल 27:33 - 29:11 अशुभ
लाभ 29:11 - 30:48 शुभ
🚩 *व्रत पर्व विवरण - कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा,(पूरा दिन शुभ मुहूर्त),गुजराती नूतन वर्ष वि•स• 2081 प्रारंभ बलि प्रतिपदा,अन्नकूट,गोवर्धन पूजा,गौक्रीडा*
💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥*भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
💥*नारदपुराण के अनुसार*
💥*ऊर्ज्जशुक्लद्वितीयायां यमो यमुनया पुरा ।।*
*भोजितः स्वगृहे तेन द्वितीयैषा यमाह्वया ।।*
*पुष्टिप्रवर्द्धनं चात्र भगिन्या भोजनं गृहे ।।*
*वस्त्रालंकारपूर्वं तु तस्मै देयमतः परम् ।।*
*यस्यां तिथौ यमुनया यमराजदेवः संभोजितो निजकरात्स्वसृसौहृदेन ।।*
*तस्यां स्वसुः करतलादिह यो भुनक्ति प्राप्नोति रत्नधनधान्यमनुत्तमं सः ।।*
💥*कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार सन्तोषपूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुँचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई।
💥*जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो भाई अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।
💥*यह पर्व भाई-बहन के स्नेह का द्योतक है। कोई बहन नहीं चाहती कि उसका भाई दीन-हीन, तुच्छ हो, सामान्य जीवन जीने वाला हो, ज्ञानरहित, प्रभावरहित हो। इस दिन भाई को अपने घर पाकर बहन अत्यन्त प्रसन्न होती है अथवा किसी कारण से भाई नहीं आ पाता तो स्वयं उसके घर चली जाती है।
💥*मां लक्ष्मी की अपार कृपा मिलेगी और दरिद्रता को दूर करें यह उपाय ।
💥*ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों और उनके मंत्रों द्वारा सौंदर्य और आकर्षक व्यक्तित्व पाने के तरीके बताए गए हैं। वेदिक ज्योतिष के अनुसार सौंदर्य, आकर्षक, ग्लैमर और लग्जरी लाइफ का कारक ग्रह शुक्र है। जिन लोगों की कुंडली में मजबूत और शुभ शुक्र ग्रह होता है उनमें एक विशेष तरह का ओरा होता है। ऐसे लोगों के संपर्क में जब भी कोई आता है, वह सम्मोहित सा हो जाता है। ज्योतिष में मनुष्य के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
आइए जानें उनके बारे में
1.
लक्ष्मी न सिर्फ धन की देवी है, बल्कि सुख, सौंदर्य, आकर्षण और प्रभावी व्यक्तित्व प्रदान करने वाली देवी भी है। इसीलिए शुक्र ग्रह की प्रतिनिधि देवी महालक्ष्मी है। लक्ष्मी की आराधना करने से शुक्र से संबंधित व्यक्ति के जीवन में साकार होने लगते हैं। इससे शुक्र प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनचाहा सौंदर्य के साथ लक्ष्मी की कृपा से धन की भी प्राप्ति होती है।
2.
शुक्र का बीज मंत्र अत्यंत चमत्कारी बताया गया है। शुक्र को बीज मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से व्यक्ति के चारों ओर एक पॉजिटिव ओरा बनता है। उसके आस पास एक ऐसी आकर्षण उर्जा का प्रवाह होने लगता है, जिससे उसके चेहरे पर चमक आती है। व्यक्तित्व और वाणी में आकर्षण प्रभाव होता है। ऐसा व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक साथ सम्मोहित करने में सफल होता है। ऐसे व्यक्ति से हर कोई प्रभावित रहता है। बीज मंत्र का पूरा लाभ लेने के लिए लगातार 40 दिनों तक 20 हजार मंत्र जाप करें। मंत्र: ॐ द्राम दृम द्रौम सः
शुक्राय नमः।।
3.
शुक्र से संबंधित वस्तुओं के दान से भी सौंदर्य की प्राप्ति की जा सकती है। शुक्रवार के दिन कपड़े और दही का दान करें। इससे शुक्र के बुरे प्रभाव नष्ट होकर शुभ प्रभावों में वृद्धि होती है। शुक्र से संबंधित गुण व्यक्ति के जीवन में आने लगते हैं। व्यक्ति के मुख पर विशिष्ट प्रकार का ओज आने लगता है।
4.
ऋग्वेद में आया श्री सूक्त अद्भुत और चमत्कारी है। श्री सूक्त में साक्षात महालक्ष्मी का वास होता है। इसके प्रतिदिन पाठ से न केवल लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, बल्कि शुक्र को मजबूत करने में चमत्कारिक रूप से असरदार है। लुक, आकर्षण प्रभाव, चेहरे की चमक, स्वस्थ और सुंदर शरीर पाने के लिए श्री सूक्त का वेदिक विधि से पाठ करना चाहिए।
5.
शुक्र की पॉजिटिव एनर्जी हासिल करने के लिए शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए। यह व्रत करने वाले व्यक्ति की आंखों में तीव्र आकर्षण प्रभाव पैदा होता है। जब कोई विपरीत लिंगी व्यक्ति उसकी आंखों में देखता है तो तुरंत आकर्षित हो जाता है।
6.
शुक्र को मजबूत बनाने के लिए छह मुखी रूद्राक्ष भी धारण किया जा सकता है। कमजोर शुक्र के कारण आ रही परेशानियां छह मुखी रूद्राक्ष पहनने से दूर हो जाती है और व्यक्ति को अपने शानदार व्यक्तित्व के कारण हर जगह सफलता मिलने लगती है।
7.
शुक्र का प्रतिनिधि रत्न हीरा है। हीरा धारण करने से शुक्र से संबंधित समस्त गुण व्यक्ति में नजर आने लगते हैं। इसे पहनने से चमकदार आंखें, प्रभावित करने वाली आवाज, ग्लैमर, लग्जरी लाइफ की प्राप्ति होने लगती है। लेकिन ध्यान रखें हीरा तीव्र प्रभावी होता है। इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
8.
पेड़-पौधों की जड़ भी असर कारक होती है। अरंड मूल की जड़ में शुक्र का वास होता हे। इसे अपने ताबीज में भरकर गले या दाहिने बाजू पर शुक्रवार को बांधकर रखें। इससे शुक्र को पॉवर मिलता है और व्यक्ति सैकड़ों लोगों के समूह को निडर होकर संबोधित करने की शक्ति हासिल कर लेता है।
9.
कुछ ज्योतिषी और तांत्रिक शुक्र का यंत्र भी पास रखने की सलाह देते हैं। शुक्र यंत्र को चांदी पर बनवाकर हमेशा साथ में रखने से लक्ष्मी की प्राप्ति के साथ सौंदर्य प्राप्त होता है।
10.
प्रतिदिन प्रातः पूजा के समय केसर का तिलक लगाने से भी व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है। ऐसा व्यक्ति अपनी वाणी से लोगों को मोहित कर सकता है।
अगला भाग कल आगे क्रमशः....
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🔯