💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक -29अक्टूबर 2024*
🌤️ *दिन - मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र अश्विन)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - द्वादशी सुबह 10:31:06 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 06:32:50 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग - इन्द्र सुबह 07:46:41 तक तत्पश्चात वैधृती*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:06 से शाम 04:29 तक*
🌤️ *सूर्योदय -06:44:33*
🌤️ *सूर्यास्त- 05:52:31*
🌤️ *चन्द्र राशि ~ कन्या*
🌤️ *सूर्य राशि ~ तुला*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
👉* ब्रह्म मुहूर्त 05:01 ए एम से 05:52 ए एम*
👉*अभिजित मुहूर्त 11:56 ए एम से 12:41 पी एम*
👉*त्रिपुष्कर योग 06:43 ए एम से 10:31 ए एम*
👉*निशिता मुहूर्त 11:53 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 30*
👉*प्रदोष काल 17:53 - 20:26 शुभ*
💥 चोघडिया, दिन💥
रोग 06:45 - 08:08 अशुभ
उद्वेग 08:08 - 09:32 अशुभ
चर 09:32 - 10:55 शुभ
लाभ 10:55 - 12:19 शुभ
अमृत 12:19 - 13:42 शुभ
काल 13:42 - 15:06 अशुभ
शुभ 15:06 - 16:29 शुभ
रोग 16:29 - 17:53 अशुभ
💥 चोघडिया, रात 💥
काल 17:53 - 19:29 अशुभ
लाभ 19:29 - 21:06 शुभ
उद्वेग 21:06 - 22:42 अशुभ
शुभ 22:42 - 24:19 शुभ
अमृत 24:19 - 25:55 शुभ
चर 25:55 - 27:32 शुभ
रोग 27:32 - 29:09 अशुभ
काल 29:09 - 30:45 अशुभ
🚩 *व्रत पर्व विवरण - भौमप्रदोष व्रत,धनतेरस,यम दीपदान,भगवान धन्वंतरि जयंती,राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस*
💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 धनतेरस पूजन विशेष 💥
💥 धनतेरस के इस पावन अवसर पर महालक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए अपने घर में संध्या के समय पूजन-अर्चन करें एवं सुख, शांति, समृद्धि की कामना करें।
💥 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को चंद्रमा बुध ग्रह की राशि कन्या पर संचार करने वाले हैं।
धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे आज के दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।*
💥धनतेरस के दिन सुबह के समय भगवान धन्वंतरि की पूजा कर शरीर और रोग से बचने के उपाय एवं भगवान धन्वंतरि जो आयुर्वेद के जनक है उनकी पूजा की जाती है।
(अगर हो सके तो धनतेरस के दिन लोहा खरीदने से बचे हैं।)
💥 धनत्रयोदशी पर, पूजा का महत्व समय और धनतेरस पर्व💥
💥 29 अक्टूबर 2024 धनतेरस
है, जो दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह सोना, चांदी और बर्तन खरीदने और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करने का समय है।
💥धनतेरस दिवाली से 2 दिन पहले मनाई जाती है, जो 5 दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक ऐसा दिन है जब भक्त भगवान कुबेर - धन के देवता, भगवान धन्वंतरि - आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता, और देवी लक्ष्मी - समृद्धि की देवी की पूजा करते हैं। यह दिन सोना, चांदी, बर्तन और झाड़ू जैसी वस्तुओं की खरीदारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार को मनाया जाएगा।
💥धनतेरस पूजा के लिए शुभ समय और मुहूर्त
(शुभ समय) शाम 7:29 बजे से रात 09:06 बजे तक रहेगा, जो 1 घंटे 36 मिनट तक रहेगा। यहाँ पूजा के समय और दिन के अन्य महत्वपूर्ण समय का विवरण दिया गया है:
💥धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 5:53 बजे से 8:26 बजे तक
🌤️ यम दीपम – 29 अक्टूबर
🌤️ प्रदोष काल- शाम 5:53 बजे से रात 8:26 बजे तक
🌤️ वृषभ काल- शाम 06:48 बजे से 8:44 बजे तक
🌤️ त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – 29 अक्टूबर को प्रातः 10:31:07 बजे से
🌤️ त्रयोदशी तिथि समाप्त - 30 अक्टूबर को प्रातः 01:14:56 बजे तक
(नागौर के समय के अनुसार)
💥 धनतेरस की परंपरा देवी लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है, जो धन और समृद्धि का प्रतीक है। भारत भर में भक्त इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं, उनका मानना है कि इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह दिवाली की तैयारी के दौरान घरों, मन और आत्मा की सफाई और शुद्धि का समय भी है। धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, जो उत्सव की भावना को और गहरा कर देती है।
💥धनतेरस पर धातु खरीदें
धनतेरस पर्व पर, माना जाता है कि नए सामान खरीदने से सौभाग्य और समृद्धि आती है। यहाँ कुछ सबसे शुभ चीजें बताई गई हैं जिन पर विचार करना चाहिए:
💥 सोना चांदी तांबे के बर्तन एवं घर उपयोगी बहुत सारी वस्तुएं हैं जिनके विचार धनतेरस के दिन खरीदने पर किया जा सकता है।
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*💫~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
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*मंगल दोष,पितृ दोष,काल सर्प, गुरु चांडाल योग, वैधृति योग की शांति पूजा के लिए या जाप के लिए सम्पर्क करें -/*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
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