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पंचांग - 27-10-2024

 💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
🌤️*दिनांक -27अक्टूबर  2024*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*

jyotish

🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - एकादशी पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *नक्षत्र - मघा दोपहर 12:23:10 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
🌤️ *योग - ब्रह्म पूर्ण रात्रि तक*
 करण 18:34:16तक तत्पश्चातबालव*
🌤️ *राहुकाल - शाम 04:30 से शाम 05:54 तक*
 

🌤️ *सूर्योदय -06:43:15*
🌤️ *सूर्यास्त- 05:54:06*

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     *🌤️चोघड़ीया, दिन🌤️*
उद्वेग    06:43 - 08:07    अशुभ
चर    08:07 - 09:31    शुभ
लाभ    09:31 - 10:55    शुभ
अमृत    10:55 - 12:19    शुभ
काल    12:19 - 13:43    अशुभ
शुभ    13:43 - 15:06    शुभ
रोग    15:06 - 16:30    अशुभ
उद्वेग    16:30 - 17:54    अशुभ
     *🌤️चोघडिया, रात🌤️*
शुभ    17:54 - 19:30    शुभ
अमृत    19:30 - 21:07    शुभ
चर    21:07 - 22:43    शुभ
रोग    22:43 - 24:19    अशुभ
काल    24:19 - 25:55    अशुभ
लाभ    25:55 - 27:31    शुभ
उद्वेग    27:31 - 29:08    अशुभ
शुभ    29:08 - 30:44    शुभ
kundli

👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
 👉 *ब्रह्म मुहूर्त    05:00 ए एम से 05:51 ए एम*
👉 *अभिजित मुहूर्त    11:56 ए एम से 12:41 पी एम*
 👉 *निशिता मुहूर्त    11:53 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 28*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष - *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l  राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
shyam


✍️...अर्थ का अनर्थ V/S सही अर्थ  घर में पैसा आगमन के लिये, या घर से नकारात्मक ऊर्जा अथवा भूत प्रेत भगाने के लिये अथवा राहु शनि की शांति के लिये दीपक🪔
में लोंग, या घर में कपूर जलाने के टोटके दिए जाते हैं...

1️⃣जबकि... अगर देखे तो घर में दरिद्रता मतलब नुकसान के पहले कारक चूहें होते हैं... क्यूंकि वो कपड़े, पैसा खाना जो उन्हें सामने दिखे सब कुतर् देते हैं,

खोडर अथवा नाली में घूमने वाले वो चूहें रसोई में खाने पीने के सामान में मुँह मरेंगे तो जाहिर सी बात है उस फ़ूड से बीमारी आएगी, दवाइयों पर पैसा खर्च होगा😥
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चूहों को घर से भगाने का रामबाण इलाज है कपूर अथवा इसका शुद्ध रूप बाराश जलाना...

जिसकी स्मेल चूहों को सफुकेशन पैदा करती है, बाकी इसके आलावा कपूर को बेसन या आटे में पीस कर उसकी गोलियां चूहों के बिल के पास रखी जाती है, जिसे वो खा कर गर्मी (सफुकेशन) होने कर कारण घर से बाहर भाग जाते हैं, ओर दोबारा नहीं आते...

वास्तव में घर से चूहों को भगाने के लिये कपूर का असल इस्तेमाल लगातार किया जाता था✍️...

2️⃣ लोंग.... लोंग को जलाने से उसकी फ्रेंगनेस मकड़ियों  को पसंद नहीं होती, इसलिये वो उस स्थान को छोड़ देती है, जहां वो निरन्तर जाले बना रही थी... पुराने वक्त में देसी चूल्हे का हर घर में रिवाज़ था, धुएँ से जाले अधिक लगते हैं, इसलिए घर अथवा रसोई में दिया जलाते वक्त उसमे लोंग डाली जाती थी, ताकि मकड़ी न आये ओर जाले न लगें...

ओर जाले भी किनके घर में बनेंगे? जिनके चार्ट में by birth या by गोचर शनि बुरी अवस्था में हो... शनि बुरी अवस्था मतलब आलस, मतलब जले लगे हैं तो लगे रहने दो,

ओर ज्योतिष में चूहों को "राहु" ओर मकड़ी के जालों को "शनि" की संज्ञा दी गई है... ऐसा ही है न???

तो ये है प्रेक्टिकली ओर साइंटिफिक कारण कपूर ओर लोंग को घर में जलाने का...

जिससे शनि (मकड़ी ओर उसके जाले) राहु (चूहें)  दोनों दरिदरता के कारण... जिनके लिये लोंग ओर बाराश मतलब कपूर जलाया जाता है,

पर अबके युग में यूट्यूब पे पॉडकास्ट करने वालों ने लोगों के दिमाग़ में इतना डर, अन्धविश्वास या लालच पैदा कर दिया है,
Like 👉"लोंग कपूर को जलाओ घर में पैसे की बरसात करवाओ" या घर से भूत प्रेत जिन्न भगाओ, जैसे जुमले देकर बेवकूफ बनाने में लगे हैं ओर कही न कही सियाणे बन कर अपनी भुखमरी दूर करने में भी लगे हैं 😜

बाकी दिवाली के उपलक्ष पे 2 बाते या उपाय ओर बता दूँ, जो सबके लिये कारागार साबित 100% होंगे...
1️⃣बाहर मंदिर में जाकर जो दीपक जलाते हो दिवाली पे तो बहुत ज्यादा संख्या में जलाये जायेंगे, तो उसमे लोंग डाला करें, ताकि मंदिर के अंदर धुए के कारण जो मकड़िया जाले बनाती हैं, जाले न बना पाए, ओर मंदिर साफ ओर जाले मुक्त रहे,... सफाई मंदिर में रहेगी तो ईश्वर की ओर Blessing मिलेगी 👍 (घर की ही सफाई का नहीं बल्कि मंदिर की सफाई का भी ध्यान रखें)
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mahaveer



2️⃣ दिवाली पे रंगोली बनाने की रीत है... वैसे इस रीत में पहले रंगोली केवल गेहूं या चावल के आटे से बनाने का विधान था वो भी घर के खुले आँगन या घर के बाहर... उसका बेसिकली कारण था की उस कनकी को बाद में पक्षी खाएंगे, ओर आपको दुआ देकर कर जायेंगे, ओर ये ही इस रंगोली की रीत का असल कारण था...

सो अपनी रीत (केतु) के साथ जुड़ें ओर इस दिवाली से हो सके तो एक छोटी रंगोली ही सही आंगन या फ्लेट की बालकनी में गेहूं या चावल के आटे की बनाना👍

दिवाली के ये 2 महाउपाय जो सबके चार्ट पे एक जैसा ओर फालदाई काम करेंगे   🙏
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*मंगल दोष,पितृ दोष,काल सर्प, गुरु चांडाल योग, वैधृति योग की शांति पूजा के लिए या जाप के लिए सम्पर्क करें -/*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
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vipul

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