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पंचांग - 18-10-2024

 💥*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
*⛅दिनांक -18 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*

jyotish


*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - प्रथम13:14:45 रात्रि तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - अश्विनी दोपहर 01:26 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅योग - वज्र रात्रि 09:33:03 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल - दोपहर 10:54 से दोपहर 12:20 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:37:44*
*⛅सूर्यास्त - 06:02:00*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 11:57 ए एम से 12:43 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त- 11:55 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 18*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कार्तिक प्रारम्भ, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:38 से दोपहर 01:26 तक)*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

  *⛅चोघडिया, दिन⛅*
चर    06:38 - 08:03    शुभ
लाभ    08:03 - 09:29    शुभ
अमृत    09:29 - 10:54    शुभ
काल    10:54 - 12:20    अशुभ
शुभ    12:20 - 13:45    शुभ
रोग    13:45 - 15:11    अशुभ
उद्वेग    15:11 - 16:36    अशुभ
चर    16:36 - 18:02    शुभ
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
रोग    18:02 - 19:37    अशुभ
काल    19:37 - 21:11    अशुभ
लाभ    21:11 - 22:46    शुभ
उद्वेग    22:46 - 24:20*    अशुभ
शुभ    24:20 - 25:55     शुभ
अमृत    25:55 - 27:29 शुभ
चर    27:29 - 29:04     शुभ
रोग    29:04 - 30:38 अशुभ
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*⛅सुबह की शुरुआत हरि नाम के साथ
हे गोबिंद......
जग की कोई रीति ना जानू ना जानू मैं कछु और , हरि नाम की ऐसी प्रीत लगी मुझको मैं तो हो गया भाव विभोर....
वृंदावन में वास कर जो राधे-राधे है बोलता माधव के कानो में वह नित अमृत रस हैं घोलता , इससे बढ़कर कौन तपस्या कहो कौन है साधना सब सत्कर्मो का लक्ष्य यही है श्री राधे-राधे बोलना......
सभी प्रभु प्रेमी‌ओ को जय श्री कृष्ण राधे राधे*

  *⛅ *भंवरजाल में फंसा व्यक्ति*?
आजकल फेसबुक,यूट्यूब आदि सोशल मीडिया पर ज्योतिष, वास्तु, न्यूमेरोलॉजी, लोसुग्रीड,पोडकास्ट , वीडियो ,रील आदि की बाढ़ आ गयी है। सामान्य व्यक्ति इतना भ्रमित हो गया है कि क्या करे क्या नही करें के भंवरजाल में फंस गया है।
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ये मोबाइल न्यूमेरोलॉजी से तो व्यक्ति अपने मोबाइल नम्बर से भी डरने लगा है जैसे जीवन मे सारी समस्या की जड़ ही मोबाइल नम्बर है। धनवान बनने के चक्कर मे वर्षों से चले आ रहे मोबाइल नम्बर बदल रहे है। जैसे मोबाइल में फला नम्बर ले लिए तो करोड़पति निश्चित बनेंगे।
एक महाशय कहते है फला नम्बर आपकी जन्मतिथि में नही तो आप कितना भी पढ़ लो सफल नही हो सकते। व्यवहार में देखा तो एक जातक गूगल में करोड़ो के पैकेज पर काम कर रहा है। कुछ कहते है 5 नम्बर जन्मतिथि में नही तो आप का जीवन व्यर्थ है। मतलब मई में जन्मे तो सभी करोड़पति ही बनेंगे।
ऐसा नही अंकज्योतिष गलत है परन्तु प्रस्तुतिकरण व्यक्ति को डर ओर डिप्रेशन दे रहे है। अंक ज्योतिष की भी सीमाएं है।
अब अंक ज्योतिष कहती है फला रत्न धारण करना चाहिए। ज्योतिष में कुंडली मे देखे तो वह ग्रह अशुभ भाव का स्वामी होकर अशुभ स्थिति में है। अब व्यक्ति न्यूमेरोलॉजिस्ट की माने की ,ज्योतिषी की माने यही उहापोह में भटक रहा है। ज्योतिषी कह रहा है की 3 तारीख को जन्मा है तो गुरु का रत्न पहनो। अब कुंडली मे गुरु अष्टमेश है। क्या करे?
ज्योतिष में भी लालकिताब कोई ग्रह उंच का मान रहा है।  वैदिक ज्योति के अनुसार वह नीचस्थ है अशुभ फल दे रहा है। ज्योतिष कहती उसका दान करो, लाल किताब कहती है ऊंच का है  इसका दान नही करना है।
एक फंडा ओर चल रहा है। की फला नम्बर हरे पैन से हाथ पर फला जगह लिखो रुपये की बरसात होने लगेगी। फला नम्बर लिखो वाहन आपके द्वार खड़ा मिलेगा। अब स्थित यह हो गयी कि लोग हाथ पर नम्बरो की मेहंदी की तरह लगा कर घूम रहे है। कुछ पॉडकास्ट में कहा जा रहा फला चिन्ह हाथ पर बनाइये तुरंत रिजल्ट देखिए।
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  *⛅व्यक्ति इतना भ्रमित हो गया है की अंक ज्योतिष की माने तो वैदिक ज्योतिष विद्वान की गलत हो जाती है। वैदिक ज्योतिष विज्ञान की माने तो लाल किताब से गलत हो जाता है।
वास्तु के तो तीन चार तरह की अलग अलग विधाएं आ गयी है की लोग इस तनाव में आ गए है कि उनका घर ही समस्त वास्तु दोष से युक्त है। अच्छे भले घर को भुतहा घर समझने लगे है। कोई कहता है रसोई SW में बनाओ। कोई कहता है SSW में बनाओ। कोई कहता है ईशान गुरु का स्थान है पीला रंग करो। कोई कहता है यह जल का स्थान है नीला रंग करो। उन्हें नही मालूम घर जीवन की एक उपलब्धि होती है बहुत मेहनत और संघर्ष के बाद बनता है। वास्तु एक विज्ञान है  उसे अच्छे योग्य वास्तुशात्री से व्यक्तिगत रूप से दिखाकर निर्णय ले। भ्रम जाल में नही फंसे।
मेरा मत व सलाह है। आम लोगो को इनमें से एक का चयन कर उसी पर श्रद्धापूर्वक अमल करना चाहिए। अन्यथा भ्रमित होंगे व तनाव व भय अधिक होगा । समाधान कुछ होगा नही।  
वास्तु, ज्योतिष, लालकिताब, अंकज्योतिष बहुत समृद्ध शास्त्र है। अपने विश्वास के अनुसार इनके विद्वानों से मिलकर कोई निर्णय ले।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
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