🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌤️*दिनांक -09अक्टूबर 2024*
🌤️*दिन - बुधवार*
🌤️*विक्रम संवत - 2081*
🌤️*शक संवत -1946*
🌤️*अयन - दक्षिणायन*
🌤️*ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️*मास - अश्विन*
🌤️*पक्ष - शुक्ल*
🌤️*तिथि - षष्ठी 12:13:55 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र - मूल 04:14:08 रात्रि तक तत्पश्चात मूल*
🌤️ *योग~ सौभाग्य 06:35:36 तक तत्पश्चात भी अतिगंड*
🌤️ * करण~ तैतुल 12:13:56 तक तत्पश्चात वणिज*
🌤️ *सूर्योदय -06:33:31*
🌤️ *सूर्यास्त- 06:10:01*
🌤️ *चन्द्र राशि~ धनु*
🌤️ * सूर्य राशि~ कन्या*
🌤️ *
🌤️ *राहुकाल - सुबह 12:22 से सुबह 01:49 तक*
🌤️ *चोघडिया, दिन*🌤️
लाभ 06:33 - 08:00 शुभ
अमृत 08:00 - 09:27 शुभ
काल 09:27 - 10:55 अशुभ
शुभ 10:55 - 12:22 शुभ
रोग 12:22 - 13:49 अशुभ
उद्वेग 13:49 - 15:17 अशुभ
चर 15:17 - 16:44 शुभ
लाभ 16:44 - 18:11 शुभ
🌤️*चोघडिया, रात*🌤️
उद्वेग 18:11 - 19:44 अशुभ
शुभ 19:44 - 21:17 शुभ
अमृत 21:17 - 22:49 शुभ
चर 22:49 - 24:22* शुभ
रोग 24:22* - 25:55* अशुभ
काल 25:55* - 27:28* अशुभ
लाभ 27:28* - 29:01* शुभ
उद्वेग 29:01* - 30:33* अशुभ
💥 *दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
💥 *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:42 तक*
💥 *अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
💥 *निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 अक्टूबर 10 से रात्रि 12:47 अक्टूबर 10 तक*
💥 *व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन, अकाल बोधन, छठी नवरात्री*
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है व सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *विशेष - ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक, षष्ठी को बेल खाने से कलंक लगता है.*
💥 *शारदीय नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा होती है।
💥 *पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त देवी के इस रूप की पूजा भक्ति भाव के साथ करते हैं, उन्हें जगत जनन की कृपा से सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन सुखी रहता है, तो आइए इस दिन की पूजा में किसी प्रकार की बाधा न आए इसके लिए कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।
💥 *पूजा प्रारंभ करने से पहले मां को स्मरण करें और हाथ में फूल लेकर संकल्प जरूर लें। इसके बाद वह फूल मां को अर्पित करें। फिर कुमकुम, अक्षत, फूल आदि और सोलह श्रृंगार माता को अर्पित करें। उसके बाद उनके प्रिय भोग शहद को अर्पित करें और मिठाई इत्यादि का भी भोग लगाएं।
💥 *मां कात्यायनी का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
💥 *नवरात्र के छठे दिन मां भगवती को देवी कात्यायनी के रूप में पूजा जाता है जिन्हें लाल रंग बेहद प्रिय है। बता दें लाल रंग धन और समृद्धि के साथ-साथ प्रेम और शक्ति का भी प्रतीक है इसलिए नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करते समय आप भी लाल रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
💥 *मां कात्यायनी भोग
मां कात्यायनी को शहद और मीठे पान का भोग अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से व्यक्ति के सौंदर्यता में वृद्धि होती है।
💥 *मां को जयाफल बहुत पसंद है. या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
💥 *शारदीय नवरात्र का छठा दिन है जो मां दुर्गा के छठे स्वरूप को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से कार्यों में आ रही बाधा दूर होती है। मां कात्यायनी की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
💥 *इस पूजा की कड़ी में मां कात्यायनी का चमत्कार ऐसे भी माना जा सकता है कि किसी की भी विवाह संबंधी समस्याओं दांपत्य जीवन में सुखी जीवन के लिए शीघ्र विवाह के लिए एवं व्यापार वृद्धि के लिए मां को याद को याद किया जाता है
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
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