🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
*⛅दिनांक-26सितम्बर 2024*
*⛅दिन - गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - नवमी दोपहर 12:24:58 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र - आद्रा रात्रि पुनर्वसु 23:32:52 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग वरियान रात्रि24:16:25 तक पश्चात शिव*
*⛅करण विष्टि भद्र 13:19:44*
*⛅चन्द्र राशि~ मिथुन till 17:11:41*
*⛅चन्द्र राशि~ कर्क from 17:11:41*
*⛅सूर्य राशि~कन्या*
*⛅सूर्योदय~ 06:26:35*
*⛅सूर्यास्त~ 06:25:29*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- प्रातः 12:26 से दोपहर 01:56 तक*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:38 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - 12:02 पी एम से 12:50 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:02 सितम्बर 27 से रात्रि 12:50 सितम्बर 27 तक*
*⛅ चोघडिया, दिन⛅*
शुभ 06:27 - 07:56 शुभ
रोग 07:56 - 09:26 अशुभ
उद्वेग 09:26 - 10:56 अशुभ
चर 10:56 - 12:26 शुभ
लाभ 12:26 - 13:56 शुभ
अमृत 13:56 - 15:26 शुभ
काल 15:26 - 16:56 अशुभ
शुभ 16:56 - 18:25 शुभ
*⛅चोघडिया, रात ⛅*
अमृत 18:25 - 19:56 शुभ
चर 19:56 - 21:26 शुभ
रोग 21:26 - 22:56 अशुभ
काल 22:56 - 24:26 अशुभ
लाभ 24:26 - 25:56 शुभ
उद्वेग 25:56 - 27:27 अशुभ
शुभ 27:27 - 28:57 शुभ
अमृत 28:57* - 30:27 शुभ
1. श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन करवाना आवश्यक है, जो व्यक्ति बिना ब्राह्मण के श्राद्ध कर्म करता है, उसके घर में पितर भोजन नहीं करते।
2. श्राद्ध में गाय का घी, दूध या दही काम में लेना चाहिए। यह ध्यान रखें कि गाय को बच्चा हुए दस दिन से अधिक हो चुके हैं। दस दिन के अंदर बछड़े को जन्म देने वाली गाय के दूध का उपयोग श्राद्ध में नहीं करना चाहिए।
3. जो पितृ शस्त्र आदि से मारे गए हों उनका श्राद्ध मुख्य तिथि के अतिरिक्त चतुर्दशी को भी करना चाहिए। इससे वे प्रसन्न होते हैं।
4. श्राद्ध में जौ, कांगनी, मटर और सरसों का उपयोग श्रेष्ठ रहता है। तिल की मात्रा अधिक होने पर श्राद्ध अक्षय हो जाता है।
5. दूसरे की भूमि पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए। वन, पर्वत, पुण्यतीर्थ एवं मंदिर दूसरे की भूमि नहीं माने जाते, क्योंकि इन पर किसी का स्वामित्व नहीं माना गया है। अत: इन स्थानों पर श्राद्ध किया जा सकता है।
6. जो व्यक्ति किसी कारणवश एक ही नगर में रहनी वाली अपनी बहिन, जमाई और भानजे को श्राद्ध में भोजन नहीं कराता, उसके यहां पितर के साथ ही देवता भी अन्न ग्रहण नहीं करते।
7. श्राद्ध करते समय यदि कोई भिखारी आ जाए तो उसे आदरपूर्वक भोजन करवाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसे समय में घर आए याचक को भगा देता है उसका श्राद्ध कर्म पूर्ण नहीं माना जाता और उसका फल भी नष्ट हो जाता है।
8. श्राद्ध में ये चीजें होना महत्वपूर्ण हैं- गंगाजल, दूध, शहद, दौहित्र (पुत्री की संतान), कुशा और तिल। केले के पत्ते पर श्राद्ध भोजन निषेध है। सोने, चांदी, कांसे, तांबे के पात्र उत्तम हैं। इनके अभाव में पत्तल उपयोग की जा सकती है।
9. तुलसी से पितृगण प्रसन्न होते हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृगण गरुड़ पर सवार होकर विष्णुलोक को चले जाते हैं। तुलसी से पिंड की पूजा करने से पितर लोग प्रलयकाल तक संतुष्ट रहते हैं।
10. रेशमी, कंबल, ऊन, लकड़ी, कुशा आदि के आसन श्रेष्ठ हैं। आसन में लोहा किसी भी रूप में प्रयुक्त नहीं होना चाहिए।
11. चना, मसूर, उड़द, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला उड़द, काला नमक, लौकी, बड़ी सरसों, काले सरसों की पत्ती और बासी, अपवित्र फल या अन्न श्राद्ध में निषेध हैं।
12. श्राद्ध तिथि के पूर्व ही विद्वान ब्राह्मणों को भोजन के लिए बुलावा दें। श्राद्ध के दिन भोजन के लिए आए ब्राह्मणों को दक्षिण दिशा में बैठाएं।
13. तैयार भोजन में से गाय, कुत्ते, कौए, देवता और चींटी के लिए थोड़ा सा भाग निकालें। इसके बाद हाथ जल, चावल, चन्दन, फूल और तिल लेकर ब्राह्मणों से संकल्प लें।
14. पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए। पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है। पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में संपिंडों को श्राद्ध करना चाहिए। एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है। 15. कुत्ते और कौए के निमित्त निकाला भोजन कुत्ते और कौए को ही कराएं, किंतु देवता और चींटी का भोजन गाय को खिला सकते हैं। इसके बाद ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं। पूरी तृप्ति से भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों के मस्तक पर तिलक लगाकर कपड़े, अन्न और दक्षिणा दे कर आशीर्वाद पाएं।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
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*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
*Mobile. 8387869068*
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