🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
*⛅दिनांक -11 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अष्टमी रात्रि 11:46:04 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 09:20:55 तक तत्पश्चात मूल*
*⛅योग - प्रीति रात्रि 11:53:42 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:21 से दोपहर 02:02 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:19:56*
*⛅सूर्यास्त - 06:42:44*
*⛅चन्द्र राशि~ वृश्चिक till 21:20:55*
चन्द्र राशि~ धनु from 21:20:55*
सूर्य राशि~ सिंह"
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
लाभ 06:20 - 07:53 शुभ
अमृत 07:53 - 09:26 शुभ
काल 09:26 - 10:58 अशुभ
शुभ 10:58 - 12:31 शुभ
रोग 12:31 - 14:04 अशुभ
उद्वेग 14:04 - 15:37 अशुभ
चर 15:37 - 17:10 शुभ
लाभ 17:10 - 18:43 शुभ
*⛅ चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग 18:43 - 20:10 अशुभ
शुभ 20:10 - 21:37 शुभ
अमृत 21:37 - 23:04 शुभ
चर 23:04 - 24:32 शुभ
रोग 24:32 - 25:59 अशुभ
काल 25:59 - 27:26 अशुभ
लाभ 27:26 - 28:53 शुभ
उद्वेग 28:53 - 30:20 अशुभ
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:32 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:09 सितम्बर 12 से रात्रि 12:55 सितम्बर 12 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 11:46 तक), राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत शुरू, दूर्वा अष्टमी, जयेष्ठ गौरी पूजा, मासिक दुर्गाष्टमी*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है | इस दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅अद्भुत संयोग में राधा अष्टमी पर बन रहा है विशेष संयोग, मिलेगा कई गुना अधिक फल,
राधा अष्टमी का पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है, जो रात्रि 11:53:42 तक रहेगा. इस योग में राधा रानी की पूजा आराधना से हर मनोकामना पूरी होगी.
*⛅ राधा रानी की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. राधा और कृष्ण की जोड़ी के प्रेम कहानी को आज भी धार्मिक ग्रंथों में पढ़ा देखा और सुना जाता है .मान्यता है कि राधा कृष्ण की जोड़ी की आराधना करने से जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. लेकिन विशेष कृपा प्राप्ति के लिए प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन राधा रानी का जन्म बरसाने में हुआ था. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और राधा रानी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं. ठीक इसके 15 दिन पहले भगवान कृष्ण का जन्मदिन भी मनाया जाता है यानी की 15 दिन के अंतराल में भगवान कृष्ण और राधा जी का जन्मोत्सव पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि राधा अष्टमी का क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
*⛅इसके अलावा इस दिन कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें की गयी पूजा से कई गुना फल की प्राप्ति होगी. राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की पूजा आराधना की जाती है.
*⛅राधाअष्टमी के दिन राधा रानी का विधि-विधान से पूजा आराधना की जाती है. इसलिए पूजा से पहले ही पूजन सामग्री तैयार कर लें. राधा रानी की पूजा में फूल, अक्षत, चंदन, लाल चंदन, सिंदूर, रोली, सुगंध, धूप, दीप, फल, खीर, मिठाई और सबसे महत्वपूर्ण है अरबी. क्योंकि राधा रानी का पूजन करते समय उन्हें अरबी का भोग लगाना अनिवार्य माना गया है.
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)
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