🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
*⛅दिनांक - 8 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पंचमी शाम 07:57:43 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - स्वाति दोपहर 03:29:23 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग - इंद्र रात्रि 12:03:35 सितम्बर 09 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल - शाम 05:13 से शाम 06:43 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:18:37*
*⛅सूर्यास्त - 06:46:09*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:41 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:07 से 12:57 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 सितम्बर 09 से रात्रि 12:56 सितम्बर 09 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
उद्वेग 06:19 - 07:52 अशुभ
चर 07:52 - 09:26 शुभ
लाभ 09:26 - 10:59 शुभ
अमृत 10:59 - 12:32 शुभ
काल 12:32 - 14:06 अशुभ
शुभ 14:06 - 15:39 शुभ
रोग 15:39 - 17:13 अशुभ
उद्वेग 17:13 - 18:46 अशुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
शुभ 18:46 - 20:13 शुभ
अमृत 20:13 - 21:39 शुभ
चर 21:39 - 23:06 शुभ
रोग 23:06 - 24:33* अशुभ
काल 24:33* - 25:59* अशुभ
लाभ 25:59* - 27:26* शुभ
उद्वेग 27:26* - 28:52* अशुभ
शुभ 28:52* - 30:19* शुभ
*⛅व्रत पर्व विवरण - ऋषि पंचमी, संवत्सरी पर्व, रवि योग (दोपहर 03:31 से प्रातः 06:24 सितम्बर 09 तक)*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*⛅रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*⛅रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*⛅ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषि के सम्मान व्यक्त की जाती है. ऋषि पंचमी का व्रत विशेषकर महिलाएं इस व्रत को करती हैं. इस व्रत के प्रभाव से महिलाएं अपने पति के प्रति विश्वास, प्रेम तथा दीर्घायु होने की कामना करती है. इस व्रत को महिलाएं के मासिक धर्म के समय लगे पाप से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत करती है.
*⛅ऋषि पंचमी का पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस साल ऋषि पंचमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. ऋषि पंचमी को भाई पंचमी और गुरु पंचमी भी कहा जाता है. ऋषि पंचमी के अवसर पर व्रत रखते हैं और सप्त ऋषियों की पूजा करने का विधान है.
*⛅संसार में महान वही हुए जिन्होंने,मानवता के लिए सोचा,शेष जीवन स्वार्थी और संख्याबल के अतिरिक्त कुछ नहीं...दासता का दंश झेल रहे समाज में
*⛅जनजागरण,सामाजिकता,
समरसता,सामूहिकता,बंधुत्वभाव,राष्ट्रप्रेम और संगठन-शक्ति के संवाहक,महापर्व-गणेशोत्सव का अस्तित्व लाकर,लोकमान्य तिलक ने स्वराज्य का सपना भारत वासियों के ह्रदय में जगाया था...स्वतंत्रता पाकर,समाज और राष्ट्र की समृद्धि और प्रगति के लिए,हम भूल गए कि भगवान गणेश निष्कपटता,विवेकशीलता एवम निष्कलंकता प्रदान करने वाले देव हैं,जब तक अपने आराध्य के गुणों को जीवन में आत्मसात न कर लिया जाए,तब तक हमारे आराध्य से हमारा संबंध ही नहीं जुड़ सकता...हमको यदि गणपति की अनुकंपा पाना है तो उनकी विशेषताओं के साथ एकरूप होना ही पड़ेगा...आज प्रथम पूज्य देव,श्रीगणेश जी के शुभ जन्मोत्सव पर,उनकी विशेषताओं को सदा ह्रदय के केंद्र में बनाए रखने की अलौकिक प्रार्थना के साथ...
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)
Mobile. 8387869068
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞*