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पंचांग - 04-09-2024

 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
*⛅दिनांक - 4 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*

jyotish

*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 09:46:06 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी  प्रातः 06:13:17 सितम्बर 5 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - साध्य रात्रि 08:01:22 तक तत्पश्चात शुभ*
gd

*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 12:34 से   दोपहर 02:08 तक*
*⛅ चन्द्र राशि~ सिंह    till 09:54:14
 चन्द्र राशि~    कन्या    from 09:54:14
सूर्य राशि~       सिंह
*⛅सूर्योदय - 06:16*(नागौर)
*⛅सूर्यास्त - 06:50:37*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ राहु वास    दक्षिण-पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से प्रातः 05:30 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:11 सितम्बर 05 से रात्रि 12:57 सितम्बर 05 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
लाभ    06:17 - 07:51    शुभ
अमृत    07:51 - 09:25    शुभ
काल    09:25 - 10:59    अशुभ
शुभ    10:59 - 12:34    शुभ
रोग    12:34 - 14:08    अशुभ
उद्वेग    14:08 - 15:42    अशुभ
चर    15:42 - 17:16    शुभ
लाभ    17:16 - 18:51    शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग    18:51 - 20:16    अशुभ
शुभ    20:16 - 21:42    शुभ
अमृत    21:42 - 23:08    शुभ
चर    23:08 - 24:34    शुभ
रोग    24:34 - 25:59    अशुभ
काल    25:59 - 27:26 अशुभ
लाभ    27:26 - 28:51    शुभ
उद्वेग    28:51 - 30:17    अशुभ
kundli


*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
mi

mahaveer

  *⛅भारतीय भाषा का आधार*
अभी के छात्रों को पता भी नहीं होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला पूर्णत: वैज्ञानिक है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर बोलने के तरीके पर आधारित है और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य किसी भी विदेशी भाषा की वर्णमाला में नहीं है। जैसे देखे:-

*⛅ क ख ग घ ड़* - पांच के इस समूह को "कण्ठव्य" *कंठवय* कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।

*⛅ च छ ज झ ञ* - इन पाँचों को "तालव्य" *तालु* कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालू महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।

*⛅ ट ठ ड ढ ण*  - इन पांचों को "मूर्धन्य" *मुर्धन्य* कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।

*⛅ त थ द ध न* - पांच के इस समूह को *दन्तवय* कहा जाता है क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। उच्चारण का प्रयास करें।

*⛅ प फ ब भ म* - पांच के इस समूह को कहा जाता है *ओष्ठव्य* क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। उच्चारण का प्रयास करें।

*⛅क्या दुनिया की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है? हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व होना चाहिये।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)
Mobile. 8387869068
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vipul

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