🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓*⛅दिनांक -01 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्दशी 09:38:36pm
तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी 12:21:46 रात्रि तक*
🌤️ *योग - शुक्ल 26:16:15 रात्रि तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *चन्द्र राशि~ सिंह till 16:01:04*
🌤️ *चन्द्र राशि~ कन्या from 16:01:04*
🌤️ *सूर्य राशि ~ कन्या*
*⛅सूर्योदय~ 06:28:55*
*⛅ सूर्यास्त~ 18:19:50*
🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
रोग 06:29 - 07:58 अशुभ
उद्वेग 07:58 - 09:27 अशुभ
चर 09:27 - 10:56 शुभ
लाभ 10:56 - 12:24 शुभ
अमृत 12:24 - 13:53 शुभ
काल 13:53 - 15:22 अशुभ
शुभ 15:22 - 16:51 शुभ
रोग 16:51 - 18:20 अशुभ
🌤️*चोघडिया, रात*🌤️
काल 18:20 - 19:51 अशुभ
लाभ 19:51 - 21:22 शुभ
उद्वेग 21:22 - 22:53 अशुभ
शुभ 22:53 - 24:25* शुभ
अमृत 24:25 - 25:56 शुभ
चर 25:56 - 27:27 शुभ
रोग 27:27 - 28:58 अशुभ
काल 28:58 - 30:29 अशुभ
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:39 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:48 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 अक्टूबर 02 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 02 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी श्राद्ध*
*⛅विशेष - चतुर्दशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
गतांक से आगे......
*⛅शुक्र की बीमारी :
* घर की दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु अनुसार ठीक करवाएं।
* शरीर में गाल, ठुड्डी और नसों से शुक्र का संबंध माना जाता है।
* शुक्र के खराब होने से वीर्य की कमी भी हो जाती है। इससे किसी भी प्रकार का यौन रोग हो सकता है या व्यक्ति में कामेच्छा समाप्त हो जाती है।
* लगातार अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठे का बेकार हो जाना शुक्र के खराब होने की निशानी है।
* शुक्र के खराब होने से शरीर में त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होने लगते हैं।
* अंतड़ियों के रोग।
* गुर्दे का दर्द
* पांव में तकलीफ आदि।
*⛅शुक्र: इस ग्रह के प्रभावी होने पर मधुमेह, पित्ताशय या गुर्दे में पथरी, मूत्रकृच्छ, प्रमेह, अन्य गुह्यस्थान के रोग, मोतियाबिन्द आदि रोगों को झेलना पड़ेता है।
*⛅शनि की बीमारी :
* शनि का संबंध मुख्य रूप से दृष्टि, बाल, भवें और कनपटी से होता है।
* समय पूर्व आंखें कमजोर होने लगती हैं और भवों के बाल झड़ जाते हैं।
* कनपटी की नसों में दर्द बना रहता है।
* समय पूर्व ही सिर के बाल झड़ जाते हैं।
* फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं और तब सांस लेने में तकलीफ होती है।
* हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, तब जोड़ों का दर्द भी पैदा हो जाता है।
* रक्त की कमी और रक्त में बदबू बढ़ जाती है।
* पेट संबंधी रोग या पेट का फूलना।
* सिर की नसों में तनाव।
* अनावश्यक चिंता और घबराहट बढ़ जाती है।
*⛅शनि: जिस पर शनि का प्रभाव पड़ जाए उसे पैर की पीड़ा, कुक्षिरोग, लकवा, गठिया, अस्थमा, यक्ष्मा, आतंरिक उष्णता, गिल्टी सम्बन्धी रोग, पागलपन, शठता शरीर के किसी अंग में दर्द, हृदय में परिताप-जलन, दीर्घ काल के रोग आदि से पीडि़त होना पड़ता है।
*⛅राहु की बीमारी :
* गैस प्रॉब्लम।
* बाल झड़ना
* उदर रोग।
* बवासीर।
* पागलपन।
* राजयक्ष्मा रोग।
* निरंतर मानसिक तनाव बना रहेगा।
* नाखून अपने आप ही टूटने लगते हैं।
* मस्तिष्क में पीड़ा और दर्द बना रहता है।
* राहु व्यक्ति को पागलखाने, दवाखाने या जेलखाने भेज सकता है।
* राहु अचानक से भी कोई बड़ी बीमारी पैदा कर देता है और व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
राहू: हृदय में ताप, अशांति, कृत्रिम जहर का भय, पैर की पीड़ा, अशुभ बुद्धि, कुष्ट रोग, पिशाच और सर्प दंश का भय, इत्यादि रोगों से जूझना पड़ता है।
*⛅केतु की बीमारी :
* पेशाब की बीमारी।
* संतान उत्पति में रुकावट।
* सिर के बाल झड़ जाते हैं।
* शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है।
* केतु के अशुभ प्रभाव से चर्म रोग होता है।
* कान खराब हो जाता है या सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
* कान, रीढ़, घुटने, लिंग, जोड़ आदि में समस्या उत्पन्न हो जाती है।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से एवं उचित माध्यमों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)*
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