Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 27-08-2024

 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
*⛅दिनांक ~27अगस्त 2024*
*⛅दिन ~ मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् ~ 2081*

jyotish

*⛅अयन ~ दक्षिणायन*
*⛅ऋतु ~ शरद*
*⛅मास ~ भाद्रपद*
*⛅पक्ष ~ कृष्ण*
*⛅तिथि ~ नवमी रात्रि 01:32:36 अगस्त 28 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र ~ रोहिणी दोपहर 03:36:50 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग ~ हर्षण रात्रि 08:29:45 तक तत्पश्चात वज्र*
*⛅ चन्द्र राशि~       वृषभ    till 27:40:20*
*⛅चन्द्र राशि~       मिथुन    from 27:40:20*
*⛅सूर्य राशि~       सिंह*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 03:48 से शाम 05:24 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:13:15*
*⛅सूर्यास्त - 06:59:16*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
gd


*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:11 से दोपहर 01:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:14 अगस्त 28 से रात्रि 12:59 अगस्त 28 तक*
    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
रोग    06:13 - 07:49    अशुभ
उद्वेग    07:49 - 09:25    अशुभ
चर    09:25 - 11:01    शुभ
लाभ    11:01 - 12:36    शुभ
अमृत    12:36 - 14:12    शुभ
काल    14:12 - 15:48    अशुभ
शुभ    15:48 - 17:24    शुभ
रोग    17:24 - 18:59    अशुभ
   *⛅चोघडिया, रात⛅*
काल    18:59 - 20:24    अशुभ
लाभ    20:24 - 21:48    शुभ
उद्वेग    21:48 - 23:12    अशुभ
शुभ    23:12 - 24:36 शुभ
अमृत    24:36 - 26:01 शुभ
चर    26:01 - 27:25    शुभ
रोग    27:25 - 28:49    अशुभ
काल    28:49 - 30:14    अशुभ
kundli



*⛅ व्रत पर्व विवरण - दही हांडी, रोहिणी व्रत*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*⛅गोगा नवमी, राजस्थान का एक लोकपर्व है. इसे गुग्गा नवमी के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है.  इस दिन को बाल्मीकि समाज के देवता जाहरवीर का जन्मदिन माना जाता है. गोगा देव को सांपों का देवता माना जाता है और इसी रूप में उनकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि गोगा देव के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी. इसलिए, इस दिन गोगा देव की पूजा करने से सर्प के डसने का डर नहीं रहता. साथ ही, इस दिन व्रत करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
mi

mahaveer



*⛅गोगा नवमी से जुड़ी कुछ और मान्यताएं:
गोगा देव को गुरु गोरखनाथ का परम शिष्य माना जाता है.
राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को पहला माना जाता है.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, गोगाजी की मां बाछल देवी नि:संतान थीं. संतान पाने के लिए उन्होंने तपस्या की थी, जिससे गुरु गोरखनाथ प्रसन्न हुए और उन्हें पुत्र का वरदान दिया.
गोगा नवमी का निसंतान दंपतियों के लिए काफ़ी महत्व है. कहा जाता है कि अगर वे सच्चे मन से इस व्रत को करते हैं, तो गोगा देव उनकी मनोकामना पूरी करते हैं.
गोगा नवमी को राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मनाया जाता है.
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)
Mobile. 8387869068
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞*
vipul

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad