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पंचांग - 24-08-2024

 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌤️ *दिनांक -24 अगस्त 2024*

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🌤️ *दिन -  शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार  2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - पंचमी सुबह 07:51:18 तक तत्पश्चात षष्ठी    29:30:06 भोर में*(क्षय )  *
🌤️ *नक्षत्र - अश्विनी शाम 18:04:43  तक तत्पश्चात भरणी*
🌤️ *योग - वृद्धि 25 अगस्त रात्रि     27:05:21 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:24 से सुबह 11:01 तक*
🌤️ *सूर्योदय -06:11:51*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:02:21*
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👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🌤️ *ब्रह्म मुहूर्त    04:42 ए एम से 05:26 ए एम*
🌤️ *अभिजित मुहूर्त    12:11 पी एम से 01:03 पी एम*
🌤️ *निशिता मुहूर्त    12:15 ए एम, अगस्त 25 से 01:00 ए एम, अगस्त 25*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - रांधण षष्ठी,षष्ठी क्षय तिथि*
💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
➡️ *25 अगस्त 2024 रविवार को रविवारी सप्तमी है।*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🌷 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।*
🙏🏻 *(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय (10)*
    *🌤️ चोघडिया, दिन 🌤️*
काल    06:12 - 07:48    अशुभ
शुभ    07:48 - 09:24    शुभ
रोग    09:24 - 11:01    अशुभ
उद्वेग    11:01 - 12:37    अशुभ
चर    12:37 - 14:13    शुभ
लाभ    14:13 - 15:50    शुभ
अमृत    15:50 - 17:26    शुभ
काल    17:26 - 19:02    अशुभ
   *🌤️ चोघडिया, रात 🌤️*
लाभ    19:02 - 20:26    शुभ
उद्वेग    20:26 - 21:50    अशुभ
शुभ    21:50 - 23:14    शुभ
अमृत    23:14 - 24:37*    शुभ
चर    24:37 - 26:01    शुभ
रोग    26:01 - 27:25    अशुभ
काल    27:25 - 28:49    अशुभ
लाभ    28:49 - 30:12    शुभ
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   *🌤️ आज ऊब छठ का विशेष व्रत है*
   *🌤️ ऊब छठ का व्रत और पूजा, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी लड़कियां सुयोग्य वर पाने के लिए करती हैं. इस दिन सूर्यास्त के बाद से चांद के दिखने तक व्रत करने वाली महिलाओं और युवतियों को खड़ा रहना होता है. इस दौरान वे ज़मीन पर नहीं बैठ सकतीं, इसलिए इसे ऊब छठ कहते हैं.

   *🌤️ पंचांग के अनुसार हल षष्ठी हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था। हल षष्ठी के त्योहार पर महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का कामना के लिए व्रत रखती हैं।
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  *🌤️ पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था. बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल था, इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है. इसलिए, देश के कई राज्यों में इस दिन को हल छठ भी कहा जाता है. इस दिन, सूर्यास्त के बाद चंद्रोदय से पहले बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां कृष्ण मंदिरों में दर्शन करने जाती हैं. इस दिन मंदिरों में पुरुषों का प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है.*


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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर (राजस्थान)
Mobile. 8387869068
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