🗓आज का पंचांग 🗓
*⛅दिनांक - 15 अगस्त 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी 10:26:15 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र~ ज्येष्ठा 12:51:52 तत्पश्चात मूल*
*⛅योग~ वैधृति 14:57:19 तत्पश्चात विश्कुम्भ योग*
*⛅करण~ गर 10:26:15 तत्पश्चात विष्टि भद्र*
*⛅करण~ वणिज 22:08:51 तत्पश्चात बव*
*⛅ चन्द्र राशि ~ वृश्चिक till 12:51:52
*⛅ चन्द्र राशि ~ धनु from 12:51:52*
*⛅ सूर्य राशि ~ कर्क*
*⛅ सूर्योदय~ 06:07:32 *
*⛅ सूर्यास्त~ 19:11:00*
*⛅ राहू काल ~12:17pm से 03:55pm तक अशुभ हर जगह यह काल अलग अलग होता है।
*⛅ ब्रह्म मुहूर्त 04:39 ए एम से 05:23 ए एम
*⛅ प्रातः सन्ध्या~ 05:01 ए एम से 06:06 ए एम*
*⛅ दिशा शूल~ दक्षिण दिशा में*
*⛅ अभिजित मुहूर्त~ 12:13 पी एम से 01:05 पी एम*
*⛅ निशिता मुहूर्त~ 12:18 ए एम, अगस्त 16 से 01:01 ए एम, अगस्त 16*
👌❤️~ चोघडिया,दिन ~❤️👌
शुभ 06:08 - 07:45 शुभ
रोग 07:45 - 09:23 अशुभ
उद्वेग 09:23 - 11:01 अशुभ
चर 11:01 - 12:39 शुभ
लाभ 12:39 - 14:17 शुभ
अमृत 14:17 - 15:55 शुभ
काल 15:55 - 17:33 अशुभ
शुभ 17:33 - 19:11 शुभ
👌❤️~ चोघडिया,रात~❤️👌
अमृत 19:11 - 20:33 शुभ
चर 20:33 - 21:55 शुभ
रोग 21:55 - 23:17 अशुभ
काल 23:17 - 24:40 अशुभ
लाभ 24:40 - 26:02 शुभ
उद्वेग 26:02 - 27:24 अशुभ
शुभ 27:24 - 28:46 शुभ
अमृत 28:46 - 30:08 शुभ
*⛅ विशेष दिन एवं पर्व:
*⛅ स्वतंत्रता दिवस पर विशेष-
*⛅भारत माता की फ़रियाद⛅*
भारत माता आज कहे ये हो कर फ़रियादी।
यह मत भूलो कैसे पाई मैं ने आज़ादी।।
कितने ही तो वृद्ध , युवक और बाल मिले मिट्टी में।
मेरे कितने हीरे जैसे लाल मिले मिट्टी में।।
सदियों तक देखी है मैं ने कितनी बर्बादी।
भारत माता आज कहे ये हो कर फ़रियादी।
यह मत भूलो कैसे पाई मैं ने आज़ादी।।
हाए! न जाने कितने अपने सुख आराम को भूले।
मेरे बन्धन आप काटने को फांसी पर झूले।।
कितनों ने हंसते हंसते प्राणों की भेंट चढ़ा दी।
भारत माता आज कहे ये हो कर फ़रियादी।
यह मत भूलो कैसे पाई मैं ने आज़ादी।।
मिलजुल कर सब रहो तुम्हें अलगाव न् घेरे बच्चो!
मेरी आज़ादी को क़ायम रखो मेरे बच्चो!!
कहीं अभी तो हुई हूँ जा कर आज़ादी की आदी।
भारत माता आज कहे ये हो कर फ़रियादी।
यह मत भूलो कैसे पाई मैं ने आज़ादी।।
....... किसी लेखक की कलम से
*⛅ ज्योतिषीय विचार:⛅*
आज ज्योतिष की रचना ऋषियों ने क्यों करी इस पर कुछ विचार करते है मैने जहां तक समझा है ऋषियों ने इस शास्त्र की रचना मनुष्य कल्याण के लिऐ करी थी।हमारी जन्मपत्री हमारे पिछले जन्म की बैलेंस शीट होती है उस समय की ग्रह स्थित हमारे पिछले जन्म के कर्मानुसार ही होती है अब इसमें कोई ग्रह कष्ट का कारण बन रहा है ग्रह तो हम बदल नहीं सकते पर ऐक अनुकूल और जातक के लिऐ हितकारी नाम का चयन करके उसके कष्ट कम अवश्य कर सकते है इसके लिऐ जातक के अनुकूल नाम का चयन करना होता है। इसीलिए शास्त्र मे योग्य विप्र को बुलाकर जातक के नामकरण का विधान है।
आजकल जो अवकहाड़ा चक्रानुसार नाम का रखने का चलन है यह कभी भी मुझको समझ मे नही आया यह परम्परा गलत है इसको त्यागना चाहिए।
नाम चयन मे मै अपना मत लिख रहा हूं सबसे पहले नाम जातक के अनुकूल हो,,जातक की बध तारा के नक्षत्र के अक्षर का नाम न हो,,जातक के छठे ,, आठवें और बारहवें भाव की राशि और जो इन भाव मध्य का नक्षत्र हो उससे न हो,,तृतीय,,पंचम,,नवम,,दशम,,एकादस भाव राशि नक्षत्र का नाम ग्रहण कर सकते है।नाम चयन मे पिता के नाम से आनुकूलता का भी विचार अवश्य करें जो नाम रख रहे है वह विष घटी नक्षत्र चरण में न आता हो और सबसे अन्तिम बात नाम चयन मे स्वभाव मे लचीलापन का गुण हो हठ न हो।हठी स्वभाव आगे बढ़ने मे रूकावट लगाता है।
ऐक उचित और हितकारी नाम का चयन जातक की उन्नति मे सहायक होता है।
*सबका धन्यवाद।*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞*