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पंचांग - 14-08-2024

🗓आज का पंचांग 🗓
*⛅दिनांक - 14 अगस्त 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*

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*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि -  नवमी    10:23:14 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र~    अनुराधा    12:11:48तत्पश्चात     ज्येष्ठा*
*⛅योग~    ऐन्द्र    16:04:28 तत्पश्चात वैधृति योग*
*⛅करण~    कौलव    10:23:14तत्पश्चात     गर*
*⛅करण~    तैतुल    22:31:04 तत्पश्चात वणिज*
*⛅ चन्द्र राशि~       वृश्चिक*
*⛅ सूर्य राशि    ~   कर्क*
*⛅ सूर्योदय~    06:07:02    *
*⛅ सूर्यास्त~    19:11:54*
*⛅ राहू काल    ~12:39pm से 02:18pm    तक अशुभ  हर जगह यह काल अलग अलग होता है।
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*⛅ ब्रह्म मुहूर्त    04:39 ए एम से 05:22 ए एम    प्रातः सन्ध्या    05:01 ए एम से 06:06 ए एम*
*⛅ अभिजित मुहूर्त    कोई नहीं*
*⛅ निशिता मुहूर्त    12:18 ए एम, अगस्त 15 से 01:01 ए एम, अगस्त 15*

👌❤️~ चोघडिया,दिन ~❤️👌
लाभ    06:07 - 07:45    शुभ
अमृत    07:45 - 09:23    शुभ
काल    09:23 - 11:01    अशुभ
शुभ    11:01 - 12:39    शुभ
रोग    12:39 - 14:18    अशुभ
उद्वेग    14:18 - 15:56    अशुभ
चर    15:56 - 17:34    शुभ
लाभ    17:34 - 19:12    शुभ
👌❤️~ चोघडिया,रात~❤️👌
उद्वेग    19:12 - 20:34    अशुभ
शुभ    20:34 - 21:56    शुभ
अमृत    21:56 - 23:18    शुभ
चर    23:18 - 24:40    शुभ
रोग    24:40 - 26:02    अशुभ
काल    26:02 - 27:24    अशुभ
लाभ    27:24 - 28:46    शुभ
उद्वेग    28:46 - 30:08    अशुभ
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व्रत विवरण स्पेशल:नवमी तिथि का महत्व
इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है। नवमी तिथि  के शुक्ल पक्ष में शिव पूजन करना अशुभ माना गया है, इसके विपरीत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि में शिव पूजन करना अनुकूल रहता है। जिस मास में नवमी तिथि (नौमी तिथि) शनिवार के दिन आती है, उस दिन सिद्धिदा योग बनता है।*


*⛅ पेड़-पौधे की जड़ का ग्रह को प्रसन्न करने में प्रयोग ⛅*
*⛅    सूर्य

       बेलमूल की जड़ में सूर्य का वास माना गया है।     
       मान-सम्मान, यश, कीर्ति, तरक्की की चाह रखने वालों को रविवार के दिन पिंक कपड़े में इसकी जड़ को बांधकर दाहिनी भुजा में बांधना चाहिए।
       सूर्य के बुरे प्रभाव नष्ट होकर शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है।
      अपच, चक्कर आना, हार्ट और रीढ़ से संबंधित रोगों में इससे आराम मिलता है।

🚩 मंत्र -      ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः

*⛅    चंद्र

       चंद्रमा से संबंधित बुरे प्रभाव कम करने के लिए खिरनी की जड़ का प्रयोग किया जाता है।
       सोमवार के दिन सफेद कपड़े में हाथ में बांधने पर इसके शुभ प्रभाव मिलना प्रारंभ हो जाते हैं।
       चंद्रमा के बुरे प्रभाव के फलस्वरूप व्यक्ति कफ और लिवर संबंधी बीमारियों से हमेशा घिरा रहता है।
       मानसिक रूप से विचलित रहता है।

🚩मंत्र -      ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः

*⛅    मंगल

       अनंतमूल की जड़ में मंगल ग्रह का वास होता है। यह जड़ मंगल के बुरे प्रभाव को कम करके, उससे संबंधित जो परेशानियां आ रही होती हैं उन्हें दूर करती है।
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       इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर सीधे हाथ में बांधा जाता है।
       इसे पहनने का सबसे अच्छा दिन मंगलवार है।
       इससे त्वचा, लिवर, पाइल्स और कब्ज की समस्या दूर होती है।

🚩    मंत्र -    ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

*⛅    बुध

       विधारा मूल की जड़ का उपयोग बुध के बुरे प्रभाव कम करने के लिए किया जाता है।

       बुध के बुरे प्रभाव से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता प्रभावित होती है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता कम होती है।
        विधारा मूल की जड़ को बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े में बांधकर सीधे हाथ में उपर की ओर बांधा जाता है।
       इस जड़ को बांधने वालों को दुर्गा की आराधना करना चाहिए।

       इसके प्रभाव से नर्वस डिस्ऑर्डर, ब्लड प्रेशर, अल्सर और एसिडिटी में आराम मिलता है।

🚩   मंत्र -      ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

*⛅     गुरु

     यदि किसी के विवाह में बाधा आ रही हो।
     कार्य-व्यवसाय, नौकरी में मनचाही तरक्की नहीं मिल पा रही हो तो यह सब गुरु के दुष्प्रभाव के कारण होता है।
  यदि ऐसा है तो व्यक्ति को हल्दी की गांठ बांधना चाहिए।
      गुरुवार के दिन पीले कपड़े में हल्दी की गांठ बांधकर पास रखने से कार्यों में सफलता मिलने लगती है।

        इसके प्रभाव से लिवर, चिकन पॉक्स, एलर्जी और पेट संबंधी रोगों में आराम मिलता है।

🚩  मंत्र -      ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः

*⛅    शुक्र

        शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम करने के लिए अरंडमूल की जड़ का उपयोग किया जाता है। विलासितापूर्ण जीवन की चाह रखने वालों को इसकी जड़ का उपयोग करना चाहिए।

       शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े में इसकी जड़ को बांधकर दाहिनी भुजा पर बांधे।

      इसके प्रभाव से खांसी, अस्थमा, गले और फेफड़ों से संबंधित रोगों में आराम मिलता है।

🚩मंत्र -        ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

*⛅     शनि

       यदि किसी के जीवन में लगातार दुर्घटनाएं, धन हानि और बीमारी बनी रहती है तो ऐसा व्यक्ति शनि के बुरे प्रभाव से गुजर रहा होता है।

       इस बुरे प्रभाव को कम करने के लिए धतूरे की जड़ बांधी जाती है।

      इसे पहनने से सकारात्मक उर्जा का प्रवाह बनता है और व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

        इस की जड़ को शनिवार के दिन काले कपड़े में बांधकर दाहिनी भुजा में बांधना चाहिए।
  मस्तिष्क संबंधी रोगों में इस जड़ से बहुत फायदा मिलता है।

  🚩मंत्र -     ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः


  *⛅   राहु

       राहु ग्रह के बुरे प्रभाव कम करने के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा या इस पेड़ की जड़ का उपयोग किया जाता है।
         शनिवार या सोमवार को सफेद या भूरे रंग के कपड़े में इसे बांधकर पास रखा जाता है।
       महिलाओं को गर्भाशय से संबंधित रोग, त्वचा की समस्या, गैस प्रॉब्लम, दस्त और बुखार में इस जड़ का चमत्कारी प्रभाव देखा गया है।
      बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं तो भी इस जड़ का प्रयोग करना चाहिए।

🚩मंत्र -  ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः

   *⛅   केतु

अश्वगंधा की जड़ का प्रतिनिधि ग्रह केतु है।
       केतु के शुभ प्रभाव में वृद्धि करने और बुरे प्रभाव कम करने में अश्वगंधा चमत्कार की तरह काम करता है।
     अश्वगंधा की जड़ को नीले रंग के कपड़े में बांधकर शनिवार को सीधे हाथ में बांध जाता है।

       इसके प्रभाव से स्मॉलपॉक्स, यूरीन इंफेक्शन और त्वचा संबंधी रोगों में आराम मिलता है। जीवन में चल रही मानसिक परेशानियां भी इससे कम होती हैं।

🚩मंत्र -      ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*


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