आर्यसमाज नागौर मे कृष्ण जन्माष्टमी
इस अवसर पर आर्य समाज नागौर के संरक्षक चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने कहा की कृष्ण की सब कार्यकारिणी वृतियां चरम सीमा तक विकसित हुई थी । उनका साहस उनकी फुर्ती और तत्परता अलौकिक थी। उनका धर्म तथा सत्यता अचल थी । स्थान स्थान पर उनके शौर्य ,दयालुता और प्रीति का वर्णन मिलता है ।वह शांति के लिए दृढ़ता के साथ प्रयत्न करते थे ओर इसके लिए वह दृढ़ प्रतिज्ञ थे । सबके हितैषी थे ।
आर्य समाज के प्रधान सीताराम तांन्डी
ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को महायोगीराज इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह हर चीज को बड़े मनोयोग से करते थे वह एक महान संगीतकार ,सलाहकार, विचार विमर्शक, भक्तों के प्रति संवेदनशील और भक्तों की पुकार पर तुरंत आने वाले थे ।
इस अवसर पर आर्य समाज प्रधान सीताराम तान्डी, संरक्षक चंद्र प्रकाशजी, मंत्री घनश्याम पीति, कोषाध्यक्ष मोहन राम जी, उप प्रधान रामकुमार चौधरी, संगठन मंत्री पवन जोशी ,पतंजलि के जिला प्रभारी महेंद्र सोनी, केसरी नंदन सोनी ,राजारामजी चांडक, नरेंद्र सैनी ,वासुदेव अग्रवाल, मनीष सेन, रवि पारीक ,अनिल पारीक, राजेश सोनी ने यज्ञवैदी में मंन्त्रोचार के साथ आहुतियां दी ।