फसल नष्ट हुई है, बीमा कंपनी दे किसानों को क्लेम, ब्याज सहित फसल बीमा राशि देने के आदेश, एचडीएफसी इर्गो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के विरूद्ध निर्णय
फसल बीमा के करीब तीन मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला
नागौर 25 जुलाई, 2024// जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने फसल बीमा के तीन प्रकरणों में निर्णय देते हुए बीमा कंपनी को सभी मामलों में फसल बीमा की राशि मय ब्याज देने के आदेश दिए हैं।
आयोग ने माना है कि फसल खराबे के बावजूद बीमा कंपनी एचडीएफसी इर्गो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड ने पीड़ित किसानों को बीमित फसल का मुआवजा नहीं देकर सेवा में कमी, सेवा दोष एवं अनुचित व्यापार व्यवहार का कृत्य किया है, इसके लिए उन्होंने प्रत्येक मामले में बीमा कंपनी पर दस-दस हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। आयोग ने बीमा क्लेम राशि मय ब्याज तथा जुर्माने की राशि दो माह में परिवादी किसानों को देने के आदेश दिए हैं। मामले के अनुसार अठियासन, नागौर निवासी श्रीमती सोनकी व पृथ्वीराज तथा चेनार, नागौर निवासी जगदीश ने उपभोक्ता आयोग में अलग-अलग परिवाद पेश कर बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उन्होंने अपने खातेदारी खेत में बोई फसल का संवत् 2076 के अन्तर्गत बोई फसल का बीमा करवाया, लेकिन दुर्भाग्य से अकाल पड़ जाने से उनकी फसल नष्ट हो गई इसके बावजूद बीमा कम्पनी ने फसल बीमा क्लेम की राशि उन्हें नहीं दी।
*आयोग का निर्णय* दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुड़खुड़िया व चन्द्रकला व्यास ने अपने आदेश में कहा कि फसल बीमा कम्पनी एचडीएफसी इर्गो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड पीड़ित किसानों को संवत् 2076 के अन्तर्गत नष्ट हुई फसल की बीमा क्लेम राशि मय नौ प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज सहित दो माह में अदा करें।
साथ ही प्रत्येक किसान को मानसिक पीड़ा व परिवाद व्यय के निमित दस-दस हजार का हर्जाना भी अदा करें। *क्लेम का आदेश* आयोग ने अपने निर्णय में श्रीमती सोनकी के मामले में उसके 7.6 बीघा खेत में ज्वार की फसल नष्ट होने से नुकसानी की राशि 87,500/- रूपये, जबकि पृथ्वीराज के मामले में उसके 4.10 बीघा में खेत में मूंग की फसल नष्ट होने से नुकसानी की राशि 80,000/- रूपये तथा जगदीश के मामले में उसके 8.07 बीघा खेत में मूंग की फसल नष्ट होने से नुकसानी की राशि 1,36,000/- रूपये तथा उक्त तीनों ही प्रकरणों में नुकसानी की राशि पर आयोग में परिवाद संस्थापन तिथि से भुगतान तक 9 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज दर सहित अदा करने का आदेश दिया है।
*आयोग का मत* आयोग के समक्ष श्रीमती सोनकी के मामले में बीमा कम्पनी ने निर्धारित अवधि के बाद जवाब पेश किया, जिसे आयोग ने पढने से ही इंकार कर दिया तथा इसे पत्रावली के डी भाग में रखते हुए कहा कि पैंतालीस दिन की निर्धारित अवधि के बाद पेश जवाब को रेकार्ड पर नहीं लिया जा सकता। जबकि पृथ्वीराज व जगदीश के मामले में बीमा कम्पनी ने सत्यापन के अभाव में बीमा होना अस्वीकार किया। जिसे आयोग ने नहीं माना।