*🌤️ ~आज का पंचांग~🌤️*
*⛅दिनांक - 24 जुलाई 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया प्रातः 07:29:38 तक तत्पश्चात चतुर्थी प्रातः 04:39:12 जुलाई 25 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा शाम 06:13:17 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - सौभाग्य प्रातः 11:09:06 तक तत्पश्चात शोभना*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है- दोपहर 12:41 से दोपहर 02:23 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56:12*
*⛅सूर्यास्त - 07:26:44*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- 12:21 ए एम, जुलाई 25 से 01:03 ए एम, जुलाई 25*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - गजानन संकष्टी चतुर्थी*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है व चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ चोघडिया, दिन⛅*
लाभ 05:56 - 07:38 शुभ
अमृत 07:38 - 09:19 शुभ
काल 09:19 - 11:00 अशुभ
शुभ 11:00 - 12:41 शुभ
रोग 12:41 - 14:23 अशुभ
उद्वेग 14:23 - 16:04 अशुभ
चर 16:04 - 17:45 शुभ
लाभ 17:45 - 19:27 शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग 19:27 - 20:45 अशुभ
शुभ 20:45 - 22:04 शुभ
अमृत 22:04 - 23:23 शुभ
चर 23:23 - 24:42 शुभ
रोग 24:42 - 26:00 अशुभ
काल 26:00 - 27:19 अशुभ
लाभ 27:19 - 28:38 शुभ
उद्वेग 28:38 - 29:57 अशुभ
🔱शरीर में ग्रह नक्षत्र का प्रभाव
👉🏻हमारे शरीर के हरेक अंग में ग्रहों एवं नक्षत्र का निवास है।सर से लेकर पैर तक कोई न कोई नक्षत्र निवास करता हैं । जब भी शरीर का कोई अंग बीमार पड़ता है या कमजोर होता है तो हमे ये समझना चाहिये की उस अंग से संबंधित ग्रह नक्षत्र पीड़ित है। अगर हम उस ग्रह नक्षत्र का उपाय करते है तो हमे लाभ अवश्य मिलता है।
👉🏻जैसे- कभी कभी सर में बहुत दर्द होता है उस दर्द से छुटकारा पाने के लिये हम बहुत कोशिस करते है डॉक्टर से दवाई भी लाकर खाते है फिर भी सर दर्द से छुटकारा नही मिलता है।
ऐसे में अगर हम उस नक्षत्र का उपाय करते है तो हमे सर दर्द से छुटकारा मिल जायेगा । 27 प्रकार के नक्षत्र होते है और यही नक्षत्र हमारे शरीर के सताइस अंग पर अपना प्रभाव दिखाते है।
👉🏻जिस दिन हम इन नक्षत्रों का खेल समझ गये उस दिन सारी समस्याओं का निवारण हो जायेगा।27 नक्षत्र के साथ साथ 9 ग्रह औऱ 12 राशीया भी हमारे शरीर पर असर डालते हैं
जैसे- सूर्य हमारे सिर को, चंद्रमा मुख को, मंगल छाती को, बृहस्पति उदर (पेट) को, शुक्र यौन अंगों को (लिंग मूत्राशय ),बुध पीठ को , शनि कमर को ,राहु और केतु हाथ पैरों का प्रतिनिधि करते हैं।
👉🏻नक्षत्र का शरीर में स्थान
सिर में कृत्तिका
मस्तक में रोहिणी
भौंह में मृगशिरा
कानों में आश्लेषा
आँखों में आर्द्रा
नासिका में पुनर्वसु
होंठों में मघा
गर्दन में चित्रा
गालों में पुष्य
दाई छाती में विशाखा
बाई छाती में स्वाति
बाई कलाई पू ० फाल्गुनी
दाई कलाई उ ० फाल्गुनी
कमर में श्रावण
आमाशय में ज्येष्ठा
रीढ़ में उ ० आषाढ़ा
पेट में अनुराधा
पीठ में पू ० आषाढ़ा
कोख में मूल
अंगुली में हस्त
गुदा में धनिष्ठा
दाई जंघा में पू ० भाद्रपद
बाई जंघा में शतभिषा
घुटनों में रेवती
पिंडुली में उ ० भाद्रपद
पैरों में भरणी .
पैरों के नीचे अश्विनी
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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